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रेपिस्ट को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, दोषी किशोरी को घर से उठा ले गया था

फिरोजाबाद पॉस्को कोर्ट ने 5 साल पुराने नाबालिग से दुराचार के मामले में दोषी को 10 साल कारावास के साथ अर्थदंड की सजा सुनाई है. पड़ोसी ने ही वारदात को अंजाम दिया था.

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Published : Aug 2, 2023, 9:50 PM IST

फिरोजाबाद: जनपद की विशेष पॉस्को अदालत ने पांच साल पुराने नाबालिग से रेप के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल कारावास की सजा के साथ 30 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना उत्तर क्षेत्र निवासी 15 साल की किशोरी 3 अप्रैल 2018 को घर पर सो रही थी. उसके माता-पिता तथा परिवार के अन्य लोग छत पर सो रहे थे. रात में पड़ोसी अनिल ने बहाना बनाकर दरवाजा खुलवाया. दरवाजा खुलते ही युवक किशोरी का मुंह दबाकर उठाकर अपने घर ले गया. यहां किशोरी के साथ बलात्कार किया. देर रात किशोरी की मां नीचे आई तो बेटी कमरे में न देख घबरा गई. उसने तलाश की तो बेटी अनिल के घर बेहोशी हालत में मिली. मां बेटी को लेकर घर आ गई. बाद में लोगों ने दोनों की शादी करने का प्रस्ताव रखा. लेकिन पीड़िता ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. उसने युवक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया. पुलिस ने जांच पड़ताल और साक्ष्य संकलन, विवेचना के बाद आरोपी अनिल के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पॉस्को अवधेश कुमार सिंह की अदालत में चला. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अनिल को दोषी माना. न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर उसे छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

फिरोजाबाद: जनपद की विशेष पॉस्को अदालत ने पांच साल पुराने नाबालिग से रेप के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल कारावास की सजा के साथ 30 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना उत्तर क्षेत्र निवासी 15 साल की किशोरी 3 अप्रैल 2018 को घर पर सो रही थी. उसके माता-पिता तथा परिवार के अन्य लोग छत पर सो रहे थे. रात में पड़ोसी अनिल ने बहाना बनाकर दरवाजा खुलवाया. दरवाजा खुलते ही युवक किशोरी का मुंह दबाकर उठाकर अपने घर ले गया. यहां किशोरी के साथ बलात्कार किया. देर रात किशोरी की मां नीचे आई तो बेटी कमरे में न देख घबरा गई. उसने तलाश की तो बेटी अनिल के घर बेहोशी हालत में मिली. मां बेटी को लेकर घर आ गई. बाद में लोगों ने दोनों की शादी करने का प्रस्ताव रखा. लेकिन पीड़िता ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. उसने युवक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया. पुलिस ने जांच पड़ताल और साक्ष्य संकलन, विवेचना के बाद आरोपी अनिल के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पॉस्को अवधेश कुमार सिंह की अदालत में चला. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अनिल को दोषी माना. न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर उसे छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

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