फिरोजाबाद: जनपद में सैकड़ों साल पुरानी परंपरा एक बार फिर टूट गयी है. उत्तर भारत की ऐतिहासिक रामलीला का मंचन इस बार भी नहीं होगा. कहा जा रहा है कि भारी बरसात और कानून व्यवस्था का हवाला देकर रामलीला के मंचन को रद्द कर दिया है. गुरुवार को राम बारात निकलनी थी वह भी नहीं निकलेगी.
दरअसल, फिरोजाबाद में रामलीला (Ramlila in Firozabad) और राम बरात का आयोजन 100 साल से भी अधिक पुराना है. आगरा में निकलने वाली राम बारात से एक दिन बाद ही यहां राम बारात काफी भव्यता के साथ निकलती है. इस रामबारात और राम लीला को देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते है. यहां झूला और अन्य दुकानों लगने की वजह से सैकड़ों लोगों को 15 दिन के लिए रोजगार भी मिलता है. लेकिन जनपद में दो साल से इसका मंचन इसलिए नहीं हो रहा था, क्योंकि कोविड की बंदिशे सरकार ने लगा रखीं थी. इस बार श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के दो गुटों में विवाद होने के कारण सरकार ने रामलीला का आयोजन अपने हाथ में लिया था. नगर मजिस्ट्रेट को अध्यक्ष और एसडीएम इस कमेटी के सचिव बने थे.
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वहीं, 22 सितम्बर यानी कि आज राम बारात निकलनी थी. प्रशासन ने तैयारियां भी कर लीं थी. कल रूट का भी निरीक्षण कर लिया था. लेकिन गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट ने अचानक आदेश जारी कर रामलीला के मंचन को निरस्त कर दिया. उन्होंने हवाला दिया कि भारी बरसात, मौसम विभाग की चेतावनी और कानून व्यवस्था के मद्देनजर इस मंचन को रद्द किया जाता है. प्रशासन के फैसले से धर्म प्रेमी काफी आहत है.