फिरोजाबाद: कोविड की तीसरी लहर में जहां बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, यूपी के फिरोजाबाद जनपद में कुछ ऐसे इंतजाम भी किए गए हैं. जिससे वार्ड में भर्ती मरीज बच्चों को अस्पताल बोझ न लगे. जनपद के शिकोहाबाद अस्पताल के पीकू वार्ड को मेडिकेटेड सुविधाओं से लैस करने के साथ-साथ उसे बेबी फ्रेंडली भी बनाया गया है.
कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सरकार और सरकारी मशीनरी कोई भी जोखिम मोल नहीं लेना चाहती हैं. जिससे फिर सरकार की किरकिरी हो और कोविड प्रभावित मरीजों की जान जाए. चूंकि इस तीसरी लहर में 15 साल से कम उम्र के बालकों के बड़ी तादाद में संक्रमित होने की आशंका है. इसलिए बच्चों के हिसाब से व्यवस्थाएं की जा रही है.
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद शहर स्थित संयुक्त अस्पताल में कोविड पीड़ित बालकों के लिए 50 बेड का जो वार्ड बनाया गया है. इस वार्ड में जीवन रक्षक मशीनों के साथ-साथ हर बेड पर ऑक्सीजन का इंतजाम तो है ही साथ ही इस वार्ड का खास अंदाज यह है कि इसे बेबी फ्रेंडली बनाया गया है. संयुक्त अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक शर्मा का कहना है कि इस वार्ड में बच्चों के पसंद के कार्टून बनाए गए हैं जो बच्चों का तनाव दूर करेंगे.
कोविड महामारी के दूसरे दौर में क्या हालत रही यह किसी से छिपा नहीं है. सरकारी और निजी अस्पतालों में संसाधन कम पड़ गए. जिनकी कीमत मरीजों को जान देकर चुकानी पड़ी. अस्पतालों में न तो बेड मिले और न ही ऑक्सीजन. वहीं, समय से इलाज न मिलने से हजारों लोगों की मौत हो गई. मरीजों ने खुद वार्ड से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया कि उन्हें जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है. बात करें फिरोजाबाद की तो जिले में करीब डेढ़ हजार लोग कोविड से संक्रमित हुए इसके अलावा डेढ़ सौ से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई. वहीं, मौत का आंकड़ा बढ़ने से सरकार की भी काफी किरकिरी हुई थी. अब जब दूसरी लहर कंट्रोल हुई है तो लोगों को तीसरी लहर की चिंता सता रही है. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों द्वारा जो अलर्ट जारी किया गया था उसके मुताबिक यही सही समय है जब तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है.
इसे भी पढे़ं- बच्चे आ रहे हैं कोरोना की चपेट में, क्या यह तीसरी लहर की दस्तक है ?