फिरोजाबाद: जिले में जमीन के गिरते जल स्तर की वजह से इन दिनों पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है. विभागीय सर्वे में जो सच सामने आया है उसके मुताबिक जिले में दो हजार से भी ज्यादा हैंडपंप खराब होने के कारण लोगों को पीने का पानी मिलने में दुश्वारियां पैदा हो रही हैं. वहीं जिले के पंचायती राज विभाग ऐसे खराब हैंडपंपों की मरम्मत का काम खुद करायेगा. लोगों को पानी मिलने में कोई समस्या न हो, इसके लिए त्रिस्तरीय कंट्रोल रूप स्थापित किये गए हैं.
फिरोजाबाद जिले के ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी का गंभीर संकट बना हुआ है. कुछ गांवों में पानी खारा है तो कुछ गांवों में पानी इस कदर जमीन के नीचे गिर गया है कि यहां पर लगे लगभग सभी हैंडपंप जबाब दे चुके हैं. आपको बता दें कि फिरोजाबाद में कुल नौ विकास खंड हैं. जिनमें से पांच विकास खंड तो डार्क एरिया घोषित हो चुके हैं. जो ब्लाक डार्क एरिया घोषित हो चुके हैं उनमें फिरोजाबाद सदर, नारखी, टूण्डला, अरॉव और मदनपुर शामिल हैं. डार्क एरिया का मतलब ये है कि यहां पानी भूगर्भ में मानक से भी काफी नीचे गिर चुका है. गिरते जल स्तर की वजह से या फिर छोटी छोटी खराबियों की वजह से हैंडपंप खराब पड़े हैं. जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं.
इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में जो हैंडपंप खराब हैं. उनको ठीक कराने की जिम्मेदारी जल निगम के साथ-साथ पंचायती राज विभाग को भी सौंपी गयी है. सर्वे के दौरान जिले में 2,176 हैंडपंपों के खराब होने की जानकारी मिली थी. जिन हैंडपंपों में मामूली कमी थी उन्हें ठीक करा दिया गया है. जिनमें रीबोर होना है उन्हें भी ठीक कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि पेयजल संकट के निदान के लिए जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है.
इसे भी पढे़ं-सात साल के बालक के साथ घिनौनी हरकत, आरोपी को पुलिस ने अरेस्ट किया