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Firozabad : सात लाख बच्चों के इलाज के लिए केवल तीन डॉक्टर, कैसे पाएंगे तीसरी लहर पर काबू

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Published : Jun 28, 2021, 10:44 AM IST

फिरोजाबाद में जन्म से 15 साल तक के बच्चों की संख्या सात लाख के आसपास है. ऐसे में सवाल यह है कि जब डॉक्टर ही नहीं होंगे तो मरीज का इलाज कैसे होगा.

Firozabad : सात लाख बच्चों की आबादी पर केवल तीह डॉक्टर, कैसे पाएंगे तीसरी लहर पर काबू
Firozabad : सात लाख बच्चों की आबादी पर केवल तीह डॉक्टर, कैसे पाएंगे तीसरी लहर पर काबू

फिरोजाबाद : कोविड महामारी की तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है. यह भी दावा किया जा रहा है कि इस लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे. सरकार भी इस लहर पर विजय पाने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जाने की बात कह रही है. लेकिन फिरोजाबाद जिले में तस्वीर दावों के विपरीत है. जिले में जन्म से 15 साल तक के उम्र के बच्चों की संख्या सात लाख के आसपास है लेकिन डॉक्टरों की संख्या केवल तीन है.

ऐसे में सवाल यह है कि केवल तीन डॉक्टरों के सहारे कोरोना की तीसरी लहर पर काबू कैसे पाया जा सकेगा. कोविड महामारी का दूसरा दौर खत्म हो चुका है. इस दौर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल पहले ही खुल चुकी है. अधिकांश लोगों की मौत इलाज न मिलने की वजह से हुई.

Firozabad : सात लाख बच्चों की आबादी पर केवल तीह डॉक्टर, कैसे पाएंगे तीसरी लहर पर काबू

अस्पतालों में न तो ऑक्सीजन मिली और न ही बेड. अस्पतालों में हंगामे भी हुए. मरीजों के तीमारदारों को ऑक्सीजन औऱ बेड के लिए गिड़गिड़ाते भी देखा गया. अब इस व्यवस्था के सहारे तीसरी लहर से कैसे निपटेंगे, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है.

यह भी पढ़ें : आढ़तिया की गोली मारकर हत्या, आज होनी थी सगाई


हालांकि सरकार तीसरी लहर को लेकर तैयारी पूरी करने की बात कह रही है. अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है. अस्पतालों में संसाधन बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए है. फिरोजाबाद की बात करें तो यहां के मेडीकल काॅलेज में कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर संसाधनों के व्यापक इजाफे की बात कही जा रही है. अस्पताल के पास 220 बेड का कोविड वार्ड पहले से ही है.

इसके अलावा 50 बेड का एक पीकू वार्ड बनाया गया है जिसमें सभी आधुनिक मशीनें, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद हैं. हालांकि मेडिकल काॅलेज में तीन बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या केवल तीन है और फिरोजाबाद जिले में जन्म से 15 साल तक के बच्चों की संख्या सात लाख के आसपास है.

ऐसे में सवाल उठता है कि जब डॉक्टर ही नहीं होंगे तो मरीज का इलाज कैसे होगा. इस संबंध में मेडिकल कालेज की प्राचार्या ने बताया कि अस्पताल के पास तीन बाल रोग विशेषज्ञ है. एक और डॉक्टर के शासन से मिलने की उम्मीद है. कुछ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी इस कार्य के लिए ट्रेंड किया जा रहा है.

बच्चों में कोविड-19 के लक्षण

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बुखार : लगातार हल्का बुखार आना बच्चों में संक्रमण के आम लक्षण हैं. कोरोना वायरस में बड़ों में भी सबसे पहला लक्षण बुखार ही होता है.

थकावट : थकावट और ऊर्जा की कमी ऐसे संकेत हैं जो कोविड-19 की वजह से बच्चों में दिखते हैं. शोध के मुताबिक, 55 प्रतिशत बच्चों में जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, उनमें थकावट और ऊर्जा की कमी देखी गई.

दस्त और उल्टी : दस्त और उल्टी भी ऐसे संकेत हैं जो आमतौर पर उन बच्चों को प्रभावित करते हैं जो कोविड-19 से प्रभावित होते हैं.

पेट दर्द : असामान्य पेट दर्द, सूजन, भारीपन, पेट में ऐंठन वे संकेत हैं जो बताते हैं कि आपका बच्चा कोविड-19 के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों से पीड़ित है.

त्‍वचा पर चकते या रैश : माता-पिता ध्यान रखें कि बच्चों को एलर्जी और चकत्ते होने का खतरा है. असामान्य ऊबड़-खाबड़ त्वचा, लाल चकत्ते आदि भी लक्षणों में शामिल हैं.

फिरोजाबाद : कोविड महामारी की तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है. यह भी दावा किया जा रहा है कि इस लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे. सरकार भी इस लहर पर विजय पाने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जाने की बात कह रही है. लेकिन फिरोजाबाद जिले में तस्वीर दावों के विपरीत है. जिले में जन्म से 15 साल तक के उम्र के बच्चों की संख्या सात लाख के आसपास है लेकिन डॉक्टरों की संख्या केवल तीन है.

ऐसे में सवाल यह है कि केवल तीन डॉक्टरों के सहारे कोरोना की तीसरी लहर पर काबू कैसे पाया जा सकेगा. कोविड महामारी का दूसरा दौर खत्म हो चुका है. इस दौर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल पहले ही खुल चुकी है. अधिकांश लोगों की मौत इलाज न मिलने की वजह से हुई.

Firozabad : सात लाख बच्चों की आबादी पर केवल तीह डॉक्टर, कैसे पाएंगे तीसरी लहर पर काबू

अस्पतालों में न तो ऑक्सीजन मिली और न ही बेड. अस्पतालों में हंगामे भी हुए. मरीजों के तीमारदारों को ऑक्सीजन औऱ बेड के लिए गिड़गिड़ाते भी देखा गया. अब इस व्यवस्था के सहारे तीसरी लहर से कैसे निपटेंगे, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है.

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हालांकि सरकार तीसरी लहर को लेकर तैयारी पूरी करने की बात कह रही है. अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है. अस्पतालों में संसाधन बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए है. फिरोजाबाद की बात करें तो यहां के मेडीकल काॅलेज में कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर संसाधनों के व्यापक इजाफे की बात कही जा रही है. अस्पताल के पास 220 बेड का कोविड वार्ड पहले से ही है.

इसके अलावा 50 बेड का एक पीकू वार्ड बनाया गया है जिसमें सभी आधुनिक मशीनें, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद हैं. हालांकि मेडिकल काॅलेज में तीन बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या केवल तीन है और फिरोजाबाद जिले में जन्म से 15 साल तक के बच्चों की संख्या सात लाख के आसपास है.

ऐसे में सवाल उठता है कि जब डॉक्टर ही नहीं होंगे तो मरीज का इलाज कैसे होगा. इस संबंध में मेडिकल कालेज की प्राचार्या ने बताया कि अस्पताल के पास तीन बाल रोग विशेषज्ञ है. एक और डॉक्टर के शासन से मिलने की उम्मीद है. कुछ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी इस कार्य के लिए ट्रेंड किया जा रहा है.

बच्चों में कोविड-19 के लक्षण

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बुखार : लगातार हल्का बुखार आना बच्चों में संक्रमण के आम लक्षण हैं. कोरोना वायरस में बड़ों में भी सबसे पहला लक्षण बुखार ही होता है.

थकावट : थकावट और ऊर्जा की कमी ऐसे संकेत हैं जो कोविड-19 की वजह से बच्चों में दिखते हैं. शोध के मुताबिक, 55 प्रतिशत बच्चों में जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, उनमें थकावट और ऊर्जा की कमी देखी गई.

दस्त और उल्टी : दस्त और उल्टी भी ऐसे संकेत हैं जो आमतौर पर उन बच्चों को प्रभावित करते हैं जो कोविड-19 से प्रभावित होते हैं.

पेट दर्द : असामान्य पेट दर्द, सूजन, भारीपन, पेट में ऐंठन वे संकेत हैं जो बताते हैं कि आपका बच्चा कोविड-19 के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों से पीड़ित है.

त्‍वचा पर चकते या रैश : माता-पिता ध्यान रखें कि बच्चों को एलर्जी और चकत्ते होने का खतरा है. असामान्य ऊबड़-खाबड़ त्वचा, लाल चकत्ते आदि भी लक्षणों में शामिल हैं.

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