फिरोजाबाद: केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) के तीन कृषि कानूनों (three farm laws) को वापस लेने के बाद भी किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आंदोलन (Rakesh Tikait Movement) जारी रखने से नाराज भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत पर निशाना साधा है. टिकैत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे असली किसान नेता नहीं है. बल्कि कांग्रेस की फंडिंग पर काम कर रहे हैं. इनकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.
वहीं, उन्होंने आगे कहा कि टिकैत एंड कंपनी का यह आंदोलन 2024 तक चलता रहेगा. दरअसल, किसानों के एक कार्यक्रम में शिरकत करने को फिरोजाबाद पहुंचे भाकियू भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप ने कहा कि उनका संगठन किसानों के हितों के लिए काम कर रहा है.
उनके संगठन की मांग है कि किसान आयोग का गठन किया जाए. 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिले और उन्हें एक करोड़ रुपये का दुर्घटना बीमा मिलना चाहिए. उन्होनें बताया कि इन्हीं मांगों को लेकर भानु गुट के इमलिया उम्मरगढ़ गांव में आयोजित महापंचायत में उप मुख्यमंत्री दिनेश चंद्र शर्मा और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने भी इन मांगों को रखा गया था.
इसे भी पढ़ें -किसान महापंचायत: ETV भारत से बोले राकेश टिकैत, सरकार से गले मिलकर ही जाएंगे
आगे वे अपने इन मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे. इधर, तीन कृषि कानून वापस लेने पर केंद्र मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगों का सम्मान किया है.
लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह लोग किसान नेता नहीं है. इनकी सोच आतंकियों जैसी है. इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ है और इसे कांग्रेस से फंडिंग हो रही है. इतना ही नहीं आगे उन्होंने राकेश टिकैत एंड कंपनी को लुटेरा तक करार दे दिया. उन्होंने कहा कि इन सभी की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप