फिरोजाबाद : आज बेटियां किसी मामले में बेटों से कम नहीं हैं. फिरोजाबाद में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला, जब जिले के चार बड़े अधिकारियों की कुर्सियों पर बालिका दिवस के मौके पर बेटियां बैठीं. इन्होंने फरियादियों की न केवल समस्या सुनीं बल्कि अधीनस्थ अधिकारियों को उनके निराकरण के निर्देश भी दिए. उन्होंने यह महसूस करया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं इसलिए उन्हें किसी से डरने की जगह हिम्मत से काम लेना चाहिए.
दरअसल बालिका दिवस के मौके पर सोमवार को फिरोजाबाद में एक अच्छी पहल हुई. जिलाधिकारी, एसएसपी और मुख्य विकास अधिकारी, एसपी देहात के पद पर चार बेटियों ने एक दिन के लिए कुर्सी संभाली. सरकार की मंशा है कि बेटियां आगे बढ़े, इसी के तहत बेटियों को एक दिन का अधिकारी बनाया गया था. इन बेटियों ने अधिकारियों से परिचय किया इसके बाद जो फरियादी आए उनकी समस्याओं को सुना. जिलाधिकारी के पद पर बैठी कल्पना यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षक से पूछा कि स्कूलों में प्रैक्टिकल कराए ही नहीं गए तो फिर परीक्षा कैसे होगी. इसी तरह मुख्य विकास अधिकारी बनीं नेहा ने जिला पंचायत राज अधिकारी से प्रधानों द्वारा निकाली गई धन राशि के बारे में जानकारी की और कार्रवाई करने को कहा. इसी तरह एक दिन की एसएसपी बनी सुरती यादव ने दो मामलों में संबंधित सीओ को कार्रवाई के निर्देश दिए. इस दौरान एक मामला एक महिला से जुड़ा था, जिसमें महिला का पति दूसरी शादी करना चाहता था और दूसरा मामला एक युवती को तमंचे पर धमकाने का मामला था. इसमें सुरति ने सख्त कार्रवाई के लिए सीओ को निर्देश दिए.
इस बाबत जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया के बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ अभियान के तहत सरकार की महिलाओं को सशक्त बनाने की जो मुहिम है, उसी के तहत इन होनहार बेटियों को इन अधिकारियों की एक दिन की कमान सौंपी गई थी. जिन्होंने बखूबी अपने काम को किया है. जिस बेटी को जिलाधिकारी बनाया गया है वह इंटरमीडिएट की टॉपर है. इसी तरह अन्य बेटियां, नेहा, सुरति ने भी अलग-अलग क्लासों में टॉप किया है. जिलाधिकारी ने इन बेटियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि आगे चलकर देश की सेवा करें और पीड़ित लोगों की मदद करें. फिरोजाबाद के एसएसपी अजय कुमार और मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने ही इन बेटियों के किये गए कार्यों को सराहा.