फिरोजाबाद: कोविड काल में ग्रामीण इलाकों में बेपटरी हुई स्वास्थ्य सेवाएं अभी ढर्रे पर नहीं आ सकी है. हालत यह है कि ग्रामीण इलाकों में जो चिकित्सालय है उन पर ताला लटका रहता है. सीएमओ का दावा है कि मेडीकल स्टाफ के कोविड कार्य मे लगे रहने की वजह से ग्रामीण इलाकों के अस्पताल टाइम से नहीं खुल पा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने फिरोजाबाद के गांव सराय नूरमहल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र का जायजा लिया तो पता चला कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा रहता है. मरीज बगैर इलाज के ही लौट जाते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोविड की तीसरी लहर से फिरोजाबाद का स्वास्थ्य महकमा कैसे निपटेगा
इस स्वास्थ्य केंद्र के स्थापित होने से आस-पास के करीब दर्जन भर ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब उन्हें इलाज के लिए टूण्डला की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, लेकिन डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के न आने के कारण यह स्वास्थ्य केन्द्र आसपास के मरीजों के लिए सफेद हाथी बनकर रह गया है. स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी का शिकार यह अकेला उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. पिछले दिनों टूण्डला इलाके के ही कुर्रा गांव से भी कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आयी थी, जहां स्वास्थ्य विभाग के एक उप केंद्र में लोगों ने भूसा और उपले तक रख लिए थे.
फिरोजाबाद में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को मुख्यमंत्री के आदेशों की भी परवाह नहीं है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने खुद निर्देश दिये थे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की तैनाती हो, उन्हें समय से खोला जाए, जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके. लेकिन गांव सराय नूरमहल की तस्वीर मुख्यमंत्री के निर्देशों की हकीकत बताने के लिए काफी है.
इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ से बात की तो उनका कहना था कि कोविड के कारण स्टाफ को कोविड से जुड़े कामों में लगा दिया गया है, जिसकी वजह से यह समस्या पैदा हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग का काफी स्टाफ इन दिनों टीकाकरण, कोविड की जांच और उसके इलाज में लगा है.