फिरोजाबाद: जिले में फैली डेंगू महामारी पर अंकुश लगाने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अब एक नए स्लोगन के साथ इस महामारी पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है. स्लोगन है 'डेंगू से जंग, मिशन शक्ति के संग', यानि कि इस महामारी पर काबू पाने के लिए अब जिला प्रशासन गांव-गांव में महिलाओं को जागरूक कर रहा है. उनकी टीम बनाई जा रही है. जिससे किसी के घर में गंदा पानी जमा न हो ताकि डेंगू का लार्वा उसमें न पनपे और धीरे-धीरे इस महामारी पर काबू पाया जा सके.
फिरोजाबाद जनपद इन दिनों वायरल फीवर और डेंगू महामारी की चपेट में है. इससे 100 से ज्यादा मरीजों की तो मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने खुद 63 मरीजों की मौत की पुष्टि की है. करीब 500 से ज्यादा मरीज अभी भी बीमार है. 300 मरीजों का इलाज तो मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. सैकड़ों की संख्या में मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हैं. मुख्यमंत्री के आदेश पर स्वास्थ्य महकमा लगातार हालातों की समीक्षा कर रहा है. लखनऊ और दिल्ली से कई टीमें आकर भी यह पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर यह कौन सी बीमारी है और किस वजह से फैल रही है. स्वास्थ्य विभाग और एक्सपर्ट्स की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि यह बीमारी डेंगू है, जोकि मच्छरों के लार्वा से फैल रही है. स्वास्थ विभाग ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि इसका मुख्य कारण गंदगी है. विभाग इस बीमारी पर काबू पाने के लिए कई तरह के कदम भी उठा रहा है. साफ सफाई के साथ-साथ डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है जिससे डेंगू के लार्वा को मारा जा सके.
डेंगू से बचने के लिए शहर में नियमित फॉगिंग के साथ-साथ कूलर इत्यादि से जमा पानी को भी बाहर निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जो लापरवाह लोग हैं, उन्हें भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. बरेली, बदायूं से गब्बूजा मछली भी मंगाई गई थी लेकिन, इन सबके बावजूद महामारी कम नहीं हुई. इधर स्वास्थ विभाग ने जो आंकड़ा शासन को भेजा है वह काफी चौंकाने वाला है. बीते एक माह में स्वास्थ्य महकमे ने साढ़े 8 हजार मरीजों की जांच कराई, जिनमें से 4360 मरीजों में डेंगू पाया गया है, जबकि 56 मरीजों में स्क्रब टायफस नामक बीमारी पाई गई है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बाद भी आंकड़ो में डेंगू कुछ कम तो हुआ है लेकिन, पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. अभी भी ग्रामीण और शहरी इलाकों से लगातार इस बीमारी के मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं. कई गांव तो ऐसे हैं जहां अभी भी घर-घर चारपाई बिछीं है, लोग बड़ी संख्या में बीमार हैं.
जिला प्रशासन यह मानकर चल रहा है कि यह डेंगू का लार्वा ग्रामीण इलाकों में घरों में जमा पानी से पनप रहा है. इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ का कहना है कि इस महामारी के खात्मे के लिए एक नए स्लोगन के साथ काम किया जा रहा है. स्लोगन है- डेंगू से जंग, मिशन शक्ति के संग, यानि हर गांव में निगरानी समितियों में महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. जिससे यह महिलाएं घर-घर जाकर देख रही हैं कि किसी के घर में किसी कंटेनर में पानी जमा तो नहीं है. अगर पानी जमा मिलता है तो यह कंटेनर खाली भी कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि 16 सितंबर से यह अभियान शुरू हो चुका है जो बीमारी के खात्मे तक लगातार चलता रहेगा. इस अभियान के तहत हमने एक ही दिन में करीब 70 हजार घरों से गंदा पानी साफ कराया है. मुख्य विकास अधिकारी ने कहा है कि हमें उम्मीद है इस अभियान के बाद डेंगू महामारी पर काफी हद तक अंकुश लगेगा.