फिरोजाबाद: खाद्य वस्तुओं में मिलावटखोरी पर रोक लगाने के लिए फूड सेफ्टी विभाग ने जांच शुरू कर दी है. खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता को परखने के लिए खाद्य विभाग की वैन रविवार को जनपद में पहुंची. टीम ने कचौड़ी की दुकानों पर उपयोग में लाए जा रहे तेल की गुणवत्ता को परखा और नमूने एकत्रित किए. टीम ने टूंडला, फिरोजाबाद, सिरसागंज और शिकोहाबाद में खाद्य पदार्थों की जांच की.
नाश्ते की दुकानों पर तेल की गुणवत्ता जांची
खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावटखोरी और गुणवत्ता में आ रही गिरावट को लेकर खाद्य विभाग सचेत हो गया है. खाद्य पदार्थों में उपयोग में लाए जा रहे तेल की गुणवत्ता की जानकारी करने के लिए खाद्य विभाग की फूड सेफ्टी वैन इन दिनों फिरोजाबाद में आई हुई है. यह वैन पूरे जिले में अलग-अलग स्थानों से सैंपल भी कलेक्ट कर रही है. इस टीम ने टूण्डला से 10 और फिरोजाबाद शहर से 18 सैंपल कलेक्ट किए हैं. नाश्ते की दुकानों पर कचौड़ी और पूड़ियों को बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेल की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है. मौके पर ही गुणवत्ता के लिए किए जा रहे टेस्ट की रिपोर्ट भी आ रही है. त्वरित परिणामों से दुकानदारों और ग्राहकों को अवगत कराया जा रहा है. टीम ने चेताया है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट किए जाने से जन स्वास्थ्य पर इसका गंभीर असर हो सकता है.
डॉम मशीन से सैंपल की हो रही तुरंत जांच
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी बीएस कुशवाह ने बताया कि विभाग रुको (री यूज कुकिंग ऑयल) नामक एक अभियान चला रहा है. इस अभियान में कुकिंग ऑयल की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर यदि तेल की वेल्यू .5 से कम है, तब तो उस तेल का उपयोग किया जा सकता है. यदि तेल की वेल्यू .5 से ज्यादा है तो ऐसे तेल का उपयोग किया जाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उन्होंने बताया कि तेल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए डॉम मशीन है. उसी मशीन के जरिए मौके पर ही फूड सेफ्टी वैन तेल की जांच कर रही है. साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. जांच के दौरान जिन दुकानदारों का यह कुकिंग ऑयल निम्न गुणवत्ता का पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.