फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद की जिला अदालत ने 21 माह की मासूम बालिका से दुष्कर्म के मामले में दो को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने दोनों दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. दोषियों ने पड़ोस में ही रहने वाली बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपनी हैवानियत का शिकार बनाया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार दो साल पहले वारदात दक्षिण थाना क्षेत्र में हुई थी. 21 माह की बालिका को पड़ोस में ही किराए पर रह रहे राजवीर व कैलाश टॉफी दिलाने के बहाने पहले अपने घर ले गए. फिर वहां पर दोनों ने बालिका के साथ दुराचार किया. बालिका के चिल्लाने पर उसके परिवार के लोग वहां पहुंच गए. परिवार के लोगों को आता देख दोनों घर से भाग खड़े हुए थे. बालिका की हालत देख परिवार के लोग हैरत में रह गए.
पिता ने दोनों के खिलाफ कोतवाली दक्षिण में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना कर दोनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया. मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम विजय कुमार आजाद की अदालत में चला. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अजमोद सिंह चौहान ने की.
उन्होंने न्यायालय में उच्चतम न्यायालय की कई दलीलें पेश कीं. मुकदमे में कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने राजवीर और कैलाश को घटना का दोषी माना. इसके बाद न्यायालय ने दोनों को 20 - 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 20 - 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोनों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
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