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फिरोजाबाद: डेंगू रोकने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों पर फोड़ा ठीकरा, कहा- स्टेरॉइड है मौत का कारण - Dengue cases in Firozabad

यूपी के फिरोजाबाद जिले में फैली डेंगू महामारी से हो रही मौतों का ठीकरा अब स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के सिर मढ़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के मुताबिक ग्रामीण मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों के पास ले गए. जहां डॉक्टरों ने मरीज को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए स्टेरॉइड इंजेक्शन का उपयोग किया. जिसके कारण उनकी मौतें हुई.

मरीज.
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Published : Sep 11, 2021, 10:09 AM IST

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में फैली डेंगू महामारी से हो रही मौतों का ठीकरा अब स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के सिर फोड़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि अगर बीमार मरीजों को समय से उचित इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. ग्रामीण बीमार मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों के पास ले गए. जहां डॉक्टरों ने मरीज को तुरंत राहत मिलने के लिए स्टेरॉइड के इंजेक्शन दिए. जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई.

यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू महामारी का कहर लगातार जारी है. सरकारी अफसरों के दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू मरीज से मेडिकल कॉलेज भर गया है. 100 शैय्या के अस्पताल में 404 डेंगू के मरीज भर्ती हैं. शुक्रवार की शाम मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में 120 नए मरीज भर्ती किए गए. जनपद में डेंगू और वायरल फीवर मरने वालों का आंकड़ा 75 को भी पार कर गया है.

मरीजों की बढ़ती तादाद के कारण मेडिकल कॉलेज में डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए 100 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है, लेकिन वह भी भर चुका है. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेज प्रशासन भी अब इन्हें भर्ती करने से कन्नी काटने लगा है. यही वजह है कि पिछले दिनों कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिनमें यह साफ देखा जा सकता था इलाज न मिलने से परेशान होकर मरीज के तीमारदारों द्वारा मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एक पार्क में उन्हें लिटाकर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखकर तापमान को कम किया जा रहा था.

हालांकि मेडिकल कॉलेज लगातार यह दावा कर रहा है कि उसके पास पर्याप्त इंतजाम है. 30 अगस्त को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे तो उन्होंने भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हिदायत दी थी कि यहां पर मेन पावर बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में 25 नए डॉक्टरों की तैनाती हुई है. इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं. कॉलेज में भर्ती मरीजों की तादाद बढ़ने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है और आरोप है कि बीमार मरीजों की जबरन छुट्टी की जा रही है. इधर वायरल फीवर और डेंगू से हो रही मौतों को रोक पाने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग ने मौत का ठीकरा झोलाछाप डॉक्टरों के सिर पर फोड़ दिया है. आगरा के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. ए के सिंह ने कहा है कि उन्होंने डेंगू प्रभावित कुछ जगहों का दौरा किया. इस दौरान मरीजों के परिजनों ने उन्हें जो दवाइयां दिखाई थी. उनमें ज्यादार पेनकिलर और स्टेरॉइड थे. जिनसे आराम तो जल्द मिल जाता है, लेकिन यह घातक होते हैं.

इसे भी पढ़ें- फिरोजाबाद में वायरल-डेंगू बुखार का प्रकोप जारी, मौत का आंकड़ा 57 तक पहुंचा

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में फैली डेंगू महामारी से हो रही मौतों का ठीकरा अब स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों के सिर फोड़ दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि अगर बीमार मरीजों को समय से उचित इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. ग्रामीण बीमार मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों के पास ले गए. जहां डॉक्टरों ने मरीज को तुरंत राहत मिलने के लिए स्टेरॉइड के इंजेक्शन दिए. जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई.

यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू महामारी का कहर लगातार जारी है. सरकारी अफसरों के दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू मरीज से मेडिकल कॉलेज भर गया है. 100 शैय्या के अस्पताल में 404 डेंगू के मरीज भर्ती हैं. शुक्रवार की शाम मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में 120 नए मरीज भर्ती किए गए. जनपद में डेंगू और वायरल फीवर मरने वालों का आंकड़ा 75 को भी पार कर गया है.

मरीजों की बढ़ती तादाद के कारण मेडिकल कॉलेज में डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए 100 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है, लेकिन वह भी भर चुका है. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेज प्रशासन भी अब इन्हें भर्ती करने से कन्नी काटने लगा है. यही वजह है कि पिछले दिनों कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिनमें यह साफ देखा जा सकता था इलाज न मिलने से परेशान होकर मरीज के तीमारदारों द्वारा मेडिकल कॉलेज के बाहर ही एक पार्क में उन्हें लिटाकर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखकर तापमान को कम किया जा रहा था.

हालांकि मेडिकल कॉलेज लगातार यह दावा कर रहा है कि उसके पास पर्याप्त इंतजाम है. 30 अगस्त को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दौरे पर आए थे तो उन्होंने भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हिदायत दी थी कि यहां पर मेन पावर बढ़ाई जाए. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में 25 नए डॉक्टरों की तैनाती हुई है. इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं. कॉलेज में भर्ती मरीजों की तादाद बढ़ने से कॉलेज प्रशासन भी परेशान है और आरोप है कि बीमार मरीजों की जबरन छुट्टी की जा रही है. इधर वायरल फीवर और डेंगू से हो रही मौतों को रोक पाने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग ने मौत का ठीकरा झोलाछाप डॉक्टरों के सिर पर फोड़ दिया है. आगरा के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. ए के सिंह ने कहा है कि उन्होंने डेंगू प्रभावित कुछ जगहों का दौरा किया. इस दौरान मरीजों के परिजनों ने उन्हें जो दवाइयां दिखाई थी. उनमें ज्यादार पेनकिलर और स्टेरॉइड थे. जिनसे आराम तो जल्द मिल जाता है, लेकिन यह घातक होते हैं.

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