फिरोजाबाद: सुहाग नगरी यानी फिरोजाबाद की आकर्षक और डिज़ाइनर चूड़ियां, सुहाग का प्रतीक मानी जातीं है. ये चूड़ियां महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगाती हैं. यहां के 200 कारखानों में करीब पांच लाख मज़दूर काम करते हैं. पिछले दो साल से इस कारोबार से जुड़े लोगों के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. इन मजदूरों को सरकार के आदेश के मुताबिक मानदेय नहीं मिल रहा है. यही वजह है कि यहां के मजदूर हड़ताल पर चल रहे हैं.
मानदेय न बढ़ाने का आरोप
यूपी सरकार ने इस कारोबार को बढ़ावा देने के लिए इसे ओडीओपी स्कीम के तहत चयनित किया है. शासनादेश के अनुसार चूड़ी की जुड़ाई करने वाले मजदूरों को 3000 हजार रुपये मानदेय मिलना चाहिए. मजदूरों की हड़ताल से फिरोजाबाद के चूड़ी उद्योग पर बंदी खतरा मंडरा रहा है. सहायक श्रम आयुक्त अरुण सिंह का कहना है कि श्रमिक मानदेय में अनियमितता को लेकर शिकायत कर सकते हैं.
कब सुधरेंगे हालात
फिरोजाबाद में चूड़ियों के कारखानों का रोज का टर्न ओवर करोड़ों रुपये होता था, जो आज कल घटकर नाम मात्र रह गया है. कोरोना के लॉकडाउन के कारण फिरोजाबाद के चूड़ी कारोबार को काफी नुकसान पहले ही हो चुका है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद हालात बेहतर होने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन चूड़ी उद्योग से जुड़े मजदूरी की हड़ताल के कारण अभी हालात ठीक होने के आसार कम ही नज़र आ रहे हैं.