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फिरोजाबाद: जमीन न मिलने से जिले की नौ ग्राम पंचायतों में नहीं खुले सचिवालय - पंचायत सचिवालयों की स्थापना

यूपी की हर ग्राम पंचायत में पंचायत घर और सचिवालय की स्थापना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, जिससे किसी ग्रामीण को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए भटकना न पड़े. लेकिन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में नौ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनके पास खुद की जमीन न होने के कारण यहां पंचायत घरों का निर्माण नहीं हो पा रहा है.

पंचायत सचिवालय
पंचायत सचिवालय
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Published : Dec 20, 2021, 6:35 AM IST

फिरोजाबाद: यूपी की हर ग्राम पंचायत में पंचायत घर और सचिवालय की स्थापना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, जिससे किसी ग्रामीण को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए भटकना न पड़े. लेकिन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में नौ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनके पास खुद की जमीन न होने के कारण यहां पंचायत घरों का निर्माण नहीं हो पा रहा है. छह ग्राम पंचायतों में तो जगह ही नहीं मिल सकी है, जबकि तीन ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन विवादित होने की वजह से पंचायत सचिवालयों की स्थापना नहीं हो सकी है.

सरकार हर एक विशेष योजना के तहत ग्राम स्वराज की स्थापना के सपने को साकार कर रही है, जिसके चलते हर ग्राम पंचायत में एक सचिवालय की स्थापना की जा रही है. साथ ही एक पंचायत सहायक की भर्ती कर उनकी तैनाती की जा रही है. सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को सरकार की हर सुविधा का लाभ इन पंचायत सचिवालयों के जरिये मिल सके.

नीरज सिन्हा जिला पंचायत राज अधिकारी

वहीं, पंचायत सहायक को जिम्मेदारी दी गई है कि वह पंचायत के कार्यों को करने के साथ-साथ ग्रामीणों को ऑनलाइन सेवा का भी लाभ मुहैया कराए, जिससे उन्हें किसी भी तरह के प्रमाणपत्रों के लिए भटकना न पड़े. बात अगर फिरोजाबाद जिले की करें तो यहां 564 ग्राम पंचायते हैं.

इसे भी पढ़ें -युवाओं को अब तक का सबसे बड़ा तोहफा, सीएम योगी 25 दिसंबर को देंगे एक लाख फ्री मोबाइल और टैबलेट

अधिकांश ग्राम पंचायतों में तो सचिवालय की स्थापना का काम पूरा हो चुका है, लेकिन जनपद में नौ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनके लिए यह पंचायत सचिवालय महज एक सपने की तरह है. ईटीवी भारत की टीम ने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो पता चला कि तीन ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं, जिनमें सचिवालय के लिए चिन्हित की गई जमीन विवादित निकली है यानी कि इस जमीन पर पहले से कोई केस कोर्ट में विचाराधीन है.

पंचायत सचिवालय
पंचायत सचिवालय

इसके अलावा छह ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं, जिनके पास अपनी जमीन ही नहीं है. इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा ने बताया कि जहां जमीन उपलब्ध नहीं है, वहां किराए के भवन में पंचायत सचिवालय स्थापित किए जाएंगे और जहां विवाद है वहां किसी विद्यालय के कमरे या फिर किसी अन्य सरकारी इमारत में इसका संचालन किया जाएगा.

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फिरोजाबाद: यूपी की हर ग्राम पंचायत में पंचायत घर और सचिवालय की स्थापना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, जिससे किसी ग्रामीण को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए भटकना न पड़े. लेकिन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में नौ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनके पास खुद की जमीन न होने के कारण यहां पंचायत घरों का निर्माण नहीं हो पा रहा है. छह ग्राम पंचायतों में तो जगह ही नहीं मिल सकी है, जबकि तीन ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन विवादित होने की वजह से पंचायत सचिवालयों की स्थापना नहीं हो सकी है.

सरकार हर एक विशेष योजना के तहत ग्राम स्वराज की स्थापना के सपने को साकार कर रही है, जिसके चलते हर ग्राम पंचायत में एक सचिवालय की स्थापना की जा रही है. साथ ही एक पंचायत सहायक की भर्ती कर उनकी तैनाती की जा रही है. सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को सरकार की हर सुविधा का लाभ इन पंचायत सचिवालयों के जरिये मिल सके.

नीरज सिन्हा जिला पंचायत राज अधिकारी

वहीं, पंचायत सहायक को जिम्मेदारी दी गई है कि वह पंचायत के कार्यों को करने के साथ-साथ ग्रामीणों को ऑनलाइन सेवा का भी लाभ मुहैया कराए, जिससे उन्हें किसी भी तरह के प्रमाणपत्रों के लिए भटकना न पड़े. बात अगर फिरोजाबाद जिले की करें तो यहां 564 ग्राम पंचायते हैं.

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अधिकांश ग्राम पंचायतों में तो सचिवालय की स्थापना का काम पूरा हो चुका है, लेकिन जनपद में नौ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनके लिए यह पंचायत सचिवालय महज एक सपने की तरह है. ईटीवी भारत की टीम ने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो पता चला कि तीन ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं, जिनमें सचिवालय के लिए चिन्हित की गई जमीन विवादित निकली है यानी कि इस जमीन पर पहले से कोई केस कोर्ट में विचाराधीन है.

पंचायत सचिवालय
पंचायत सचिवालय

इसके अलावा छह ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं, जिनके पास अपनी जमीन ही नहीं है. इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा ने बताया कि जहां जमीन उपलब्ध नहीं है, वहां किराए के भवन में पंचायत सचिवालय स्थापित किए जाएंगे और जहां विवाद है वहां किसी विद्यालय के कमरे या फिर किसी अन्य सरकारी इमारत में इसका संचालन किया जाएगा.

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