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फिरोजाबाद में बुखार का कहर जारी, परिवार के लोगों ने बतायी दर्दभरी दास्तान

फिरोजाबाद में डेंगू से मौत का आंकड़ा 60 को पार कर गया है. मरने वाले बच्चों में अधिकतर शहरी इलाकों के रहने वाले थे. ईटीवी भारत की टीम ने इस बुखार के कारण बच्चों को खोने वाले परिवार के लोगों से बात की.

death toll due to dengue and viral fever climbed to 60 in firozabad
death toll due to dengue and viral fever climbed to 60 in firozabad
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Published : Sep 3, 2021, 7:48 PM IST

फिरोजाबाद: जिले में रहस्यमयी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने सफाई दी. उन्होंने कहा है कि बच्चों की मौत डेंगू की वजह से हुई. इसकी रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम डेंगू से जान गंवाने वाले बच्चों के घरों पर पहुंची और उनके माता-पिता से बात की. परिजनों ने बताया कि पहले बच्चों के पेट में दर्द हुआ, फिर बुखार आया और अचानक तेजी से प्लेटलेट्स गिरीं और 2 दिन में ही बच्चों की मौत हो गई.

फिरोजाबाद में अपना दर्द बयान करते परिजन
फिरोजाबाद में वायरल और डेंगू बुखार की शुरुआत 18 अगस्त को हुई थी लेकिन धीरे-धीरे इस बीमारी ने पूरे शहर को अपनी जद में ले लिया और बच्चों को मौत की नींद सुला दिया. इस बुखार का शिकार सबसे ज्यादा बच्चे ही हुए. पिछले कुछ दिनों में कई माओं की गोद सूनी हो गई. कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जिनके दो-दो बच्चे मौत के मुंह में समा गए हैं.
बेटे शुभ की फोटो दिखाते पिता प्रवेंद्र कुमार
बेटे शुभ की फोटो दिखाते पिता प्रवेंद्र कुमार

खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 अगस्त को फिरोजाबाद आए थे. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की थी. साथ ही कुछ इलाकों में वो गए भी थे. सीएम योगी ने सीएमओ और नगर निगम के प्रति भी नाराजगी जताई थी. इसके बाद सीएमओ को हटा भी दिया गया. इसके बाद भी बीमारी का कहर नहीं रुका और बच्चों की मौत का सिलसिला जारी रहा.

ये भी पढ़ें- पुलिस ने वर्ष 2018 में हुई 4 हत्याओं का खोला राज, नर कंकाल बरामद 6 लोग गिरफ्तार


ककरऊ के आनंद नगर में रहने वाले प्रवेंद्र कुमार ने बताया कि उनके बेटे शुभ यादव को 30 अगस्त को बुखार आया था. इसके बाद उसकी हालत बिगड़ती गई और 1 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया जबकि उन्होंने आगरा के एक बड़े अस्पताल में उसका इलाज कराया था लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. इसी क्षेत्र के रहने वाले श्री कृष्ण प्रजापति ने बताया उनके बच्चे को पहले पेट में दर्द हुआ, फिर बुखार आया और प्लेटलेट्स गिरते ही उसकी मौत हो गई. उन्होंने कर्ज लेकर अपने बच्चे का इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- यूपी में बुखार, डेंगू से मौत पर प्रियंका गांधी ने जताई चिंता, बोली- कोविड से नहीं सीखा योगी सरकार ने कोई सबक

कौशल्या नगर के रहने वाले ज्ञानचंद और झलकारी नगर के रहने वाले पंकज कुमार का भी दर्द कुछ ऐसा ही है. इन्होंने भी बुखार के कारण अपनी-अपनी बेटियों को खो दिया. पंकज की बेटी हिमान्या को 30 अगस्त को अचानक बुखार आया और 2 दिन बाद ही उसकी मौत हो गई. यही ज्ञानचंद की बेटी शिवानी के साथ भी हुआ. बुखार से तड़पती शिवानी को मेडिकल कॉलेज लाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी का कहना है कि बीमारी से रोकथाम के लिए हर सम्भव कदम उठाये जा रहे हैं.

फिरोजाबाद: जिले में रहस्यमयी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने सफाई दी. उन्होंने कहा है कि बच्चों की मौत डेंगू की वजह से हुई. इसकी रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम डेंगू से जान गंवाने वाले बच्चों के घरों पर पहुंची और उनके माता-पिता से बात की. परिजनों ने बताया कि पहले बच्चों के पेट में दर्द हुआ, फिर बुखार आया और अचानक तेजी से प्लेटलेट्स गिरीं और 2 दिन में ही बच्चों की मौत हो गई.

फिरोजाबाद में अपना दर्द बयान करते परिजन
फिरोजाबाद में वायरल और डेंगू बुखार की शुरुआत 18 अगस्त को हुई थी लेकिन धीरे-धीरे इस बीमारी ने पूरे शहर को अपनी जद में ले लिया और बच्चों को मौत की नींद सुला दिया. इस बुखार का शिकार सबसे ज्यादा बच्चे ही हुए. पिछले कुछ दिनों में कई माओं की गोद सूनी हो गई. कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जिनके दो-दो बच्चे मौत के मुंह में समा गए हैं.
बेटे शुभ की फोटो दिखाते पिता प्रवेंद्र कुमार
बेटे शुभ की फोटो दिखाते पिता प्रवेंद्र कुमार

खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 अगस्त को फिरोजाबाद आए थे. उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की थी. साथ ही कुछ इलाकों में वो गए भी थे. सीएम योगी ने सीएमओ और नगर निगम के प्रति भी नाराजगी जताई थी. इसके बाद सीएमओ को हटा भी दिया गया. इसके बाद भी बीमारी का कहर नहीं रुका और बच्चों की मौत का सिलसिला जारी रहा.

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ककरऊ के आनंद नगर में रहने वाले प्रवेंद्र कुमार ने बताया कि उनके बेटे शुभ यादव को 30 अगस्त को बुखार आया था. इसके बाद उसकी हालत बिगड़ती गई और 1 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया जबकि उन्होंने आगरा के एक बड़े अस्पताल में उसका इलाज कराया था लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका. इसी क्षेत्र के रहने वाले श्री कृष्ण प्रजापति ने बताया उनके बच्चे को पहले पेट में दर्द हुआ, फिर बुखार आया और प्लेटलेट्स गिरते ही उसकी मौत हो गई. उन्होंने कर्ज लेकर अपने बच्चे का इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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कौशल्या नगर के रहने वाले ज्ञानचंद और झलकारी नगर के रहने वाले पंकज कुमार का भी दर्द कुछ ऐसा ही है. इन्होंने भी बुखार के कारण अपनी-अपनी बेटियों को खो दिया. पंकज की बेटी हिमान्या को 30 अगस्त को अचानक बुखार आया और 2 दिन बाद ही उसकी मौत हो गई. यही ज्ञानचंद की बेटी शिवानी के साथ भी हुआ. बुखार से तड़पती शिवानी को मेडिकल कॉलेज लाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी का कहना है कि बीमारी से रोकथाम के लिए हर सम्भव कदम उठाये जा रहे हैं.

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