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बीजेपी पार्षद का रद्द हुआ निर्वाचन, फर्जी प्रमाण पत्र से लड़ा था चुनाव - फिरोजाबाद नगर निगम पार्षद मनोज शंखवार

फिरोजाबाद की विशेष अदालत ने नगर निगम के एक पार्षद का निर्वाचन रद्द कर दिया है. पार्षद पर फर्जी प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने का आरोप था.

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Published : Nov 27, 2022, 1:18 PM IST

फिरोजाबाद: अदालत ने शनिवार को नगर निगम के एक पार्षद का निर्वाचन रद्द कर दिया है. प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी ने कोर्ट में शिकायत की थी कि निर्वाचित पार्षद ने उम्र की तय सीमा को पूरा किए बगैर ही फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज कराई थी. कोर्ट का फैसला उस समय आया है जब निकाय चुनावों में महज कुछ ही दिन शेष है.

यह मामला नगर निगम के वार्ड संख्या 12 से जुड़ा है. साल 2017 में हुए नगरीय निकाय के चुनावों में फिरोजाबाद नगर निगम के वार्ड संख्या 12 से बीजेपी के प्रत्याशी मनोज शंखवार चुनाव लड़े थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी गणपति शंखवार को 1505 वोटों से हराया था. नंबर दो पर रहे प्रत्याशी गणपति शंखवार ने विजयी प्रत्याशी मनोज के निर्वाचन को अवैध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी. शिकायतकर्ता की दलील थी कि पार्षद मनोज शंखवार ने इस पद के लिए निर्धारित आयु सीमा को पूरा किए बगैर ही चुनाव लड़ा था. इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था. इस मामले की लंबी सुनवाई अपर जिला जज और विशेष अदालत में हुई. अदालत ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्यों के आधार पर मनोज का निर्वाचन रद्द कर दिया है.

फिरोजाबाद: अदालत ने शनिवार को नगर निगम के एक पार्षद का निर्वाचन रद्द कर दिया है. प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी ने कोर्ट में शिकायत की थी कि निर्वाचित पार्षद ने उम्र की तय सीमा को पूरा किए बगैर ही फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज कराई थी. कोर्ट का फैसला उस समय आया है जब निकाय चुनावों में महज कुछ ही दिन शेष है.

यह मामला नगर निगम के वार्ड संख्या 12 से जुड़ा है. साल 2017 में हुए नगरीय निकाय के चुनावों में फिरोजाबाद नगर निगम के वार्ड संख्या 12 से बीजेपी के प्रत्याशी मनोज शंखवार चुनाव लड़े थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी गणपति शंखवार को 1505 वोटों से हराया था. नंबर दो पर रहे प्रत्याशी गणपति शंखवार ने विजयी प्रत्याशी मनोज के निर्वाचन को अवैध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी. शिकायतकर्ता की दलील थी कि पार्षद मनोज शंखवार ने इस पद के लिए निर्धारित आयु सीमा को पूरा किए बगैर ही चुनाव लड़ा था. इसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था. इस मामले की लंबी सुनवाई अपर जिला जज और विशेष अदालत में हुई. अदालत ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्यों के आधार पर मनोज का निर्वाचन रद्द कर दिया है.

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