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फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, निर्यातक बोले इतना होगा नुकसान..

ओमिक्रान के चलते जर्मनी में लगने वाला इंटरनेशनल एक्सपोर्ट मेला भी निरस्त हो गया है. इससे भी एक्सपोर्टर्स एवं कांच कारोबारी निराश हैं. इन कारोबारियों को लगता है कि अगर हालत नहीं सुधरे तो फिरोजाबाद की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को एक हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
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Published : Dec 10, 2021, 7:03 PM IST

फिरोजाबाद : पिछले साल आए कोविड महामारी व लॉकडाउन के चलते बेपटरी हुए फिरोजाबाद के कांच कारोबार की गाड़ी अभी तक पटरी पर नहीं आ सकी है. कारोबारी कुछ राहत की उम्मीद में जरूर थे लेकिन ओमिक्रोन नामक कोविड के नए वेरियंट ने एक बार फिर कांच कारोबारियों की धड़कनें तेज करनी शुरू कर दी है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

जर्मनी में लगने वाला इंटरनेशनल एक्सपोर्ट मेला भी निरस्त हो गया है. इससे भी एक्सपोर्टर्स एवं कांच कारोबारी निराश हैं. इन कारोबारियों को लगता है कि अगर हालत नहीं सुधरे तो फिरोजाबाद की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को एक हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसका एक कारण यह भी है कि यहां का व्यापार यूरोपियन देशों से ही जुड़ा है. इन दोशों में अब ओमिक्रोन वेरियंट का फैलाव तेजी से हो रहा है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

गौरतलब है कि यूपी का फिरोजाबाद देश के प्रमुख निर्यातक शहरों में गिना जाता है. यहां चूड़ियों के साथ तमाम तरह सजावटी कांच के सामान भी बनाऐ जाते हैं जो एक्सपोर्ट आइटम कहे जाते हैं. इन एक्सपोर्ट आइटम को अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, इंग्लैंड, स्पेन, इटली, स्वीडन, कोलंबिया, फ्रांस, डेनमार्क आदि देशों में निर्यात किया जाता है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

यह भी पढ़ें : संक्रमण का खतरा, मरीजों की दस दिन में मिल रही जीन सीक्वेंसिंग रिपोर्ट

यहां का प्रत्यक्ष निर्यात पांच सौ करोड़ और अप्रत्यक्ष निर्यात 25 सौ करोड़ का है. 100 से अधिक कारोबारी एक्सपोर्ट के कारोबार से जुड़े हैं. फिरोजाबाद से क्रिसमस ट्री, फ्लॉवर पॉट, केंडल स्टैंड, लालटेन, बाथरूम एसेसरीज, टूथब्रुश स्टैंड, टॉयलेट पेपर, होल्डर, कॉटन, लैंप, जार समेत तमाम सजावटी समान निर्यात किया जाता है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

इस संबंध में निर्यातक और कांच कारोबारी मुकेश बंसल टोनी और राज कुमार मित्तल ने कहा कि हमारा अधिकांश माल यूरोपियन देशों में ही सप्लाई होता है. दुर्भाग्य से इन्हीं देशों में इस वायरस का फैलाव हो रहा है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

मुकेश बंसल का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मेला निरस्त होने से ग्लास एक्सपोर्ट को काफी नुकसान होगा क्योंकि यहां विश्व का सबसे बड़ा फेयर लगता था. इसमें छोटी और बड़ी कंपनियों द्वारा स्टाल लगाए जाते थे. तमाम नामी गिरामी कंपनियों द्वारा इसकी खरीद भी की जाती थी.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

उन्होंने कहा कि इस वायरस की दहशत की वजह से फिरोजाबाद की ग्लास इंडस्ट्रीज को एक हजार करोड़ का नुकसान होने की आशंका है. इधर, राज कुमार मित्तल ने कहा कि यूरोपीय देशों में जिस तरह से इस वायरस का फैलाव हो रहा है, उसका सीधा प्रभाव कारोबार पर पड़ेगा क्योंकि फ्लाइट्स रद्द होंगी. आवागमन बाधित होगा तो ऑर्डर भी रद्द होंगे.

फिरोजाबाद : पिछले साल आए कोविड महामारी व लॉकडाउन के चलते बेपटरी हुए फिरोजाबाद के कांच कारोबार की गाड़ी अभी तक पटरी पर नहीं आ सकी है. कारोबारी कुछ राहत की उम्मीद में जरूर थे लेकिन ओमिक्रोन नामक कोविड के नए वेरियंट ने एक बार फिर कांच कारोबारियों की धड़कनें तेज करनी शुरू कर दी है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

जर्मनी में लगने वाला इंटरनेशनल एक्सपोर्ट मेला भी निरस्त हो गया है. इससे भी एक्सपोर्टर्स एवं कांच कारोबारी निराश हैं. इन कारोबारियों को लगता है कि अगर हालत नहीं सुधरे तो फिरोजाबाद की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को एक हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसका एक कारण यह भी है कि यहां का व्यापार यूरोपियन देशों से ही जुड़ा है. इन दोशों में अब ओमिक्रोन वेरियंट का फैलाव तेजी से हो रहा है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

गौरतलब है कि यूपी का फिरोजाबाद देश के प्रमुख निर्यातक शहरों में गिना जाता है. यहां चूड़ियों के साथ तमाम तरह सजावटी कांच के सामान भी बनाऐ जाते हैं जो एक्सपोर्ट आइटम कहे जाते हैं. इन एक्सपोर्ट आइटम को अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, इंग्लैंड, स्पेन, इटली, स्वीडन, कोलंबिया, फ्रांस, डेनमार्क आदि देशों में निर्यात किया जाता है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

यह भी पढ़ें : संक्रमण का खतरा, मरीजों की दस दिन में मिल रही जीन सीक्वेंसिंग रिपोर्ट

यहां का प्रत्यक्ष निर्यात पांच सौ करोड़ और अप्रत्यक्ष निर्यात 25 सौ करोड़ का है. 100 से अधिक कारोबारी एक्सपोर्ट के कारोबार से जुड़े हैं. फिरोजाबाद से क्रिसमस ट्री, फ्लॉवर पॉट, केंडल स्टैंड, लालटेन, बाथरूम एसेसरीज, टूथब्रुश स्टैंड, टॉयलेट पेपर, होल्डर, कॉटन, लैंप, जार समेत तमाम सजावटी समान निर्यात किया जाता है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

इस संबंध में निर्यातक और कांच कारोबारी मुकेश बंसल टोनी और राज कुमार मित्तल ने कहा कि हमारा अधिकांश माल यूरोपियन देशों में ही सप्लाई होता है. दुर्भाग्य से इन्हीं देशों में इस वायरस का फैलाव हो रहा है.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

मुकेश बंसल का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मेला निरस्त होने से ग्लास एक्सपोर्ट को काफी नुकसान होगा क्योंकि यहां विश्व का सबसे बड़ा फेयर लगता था. इसमें छोटी और बड़ी कंपनियों द्वारा स्टाल लगाए जाते थे. तमाम नामी गिरामी कंपनियों द्वारा इसकी खरीद भी की जाती थी.

फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक
फिरोजाबाद में ओमिक्रोन से तेज हुईं कांच एक्सपोर्टर्स की धड़कनें, जानें क्या बोले निर्यातक

उन्होंने कहा कि इस वायरस की दहशत की वजह से फिरोजाबाद की ग्लास इंडस्ट्रीज को एक हजार करोड़ का नुकसान होने की आशंका है. इधर, राज कुमार मित्तल ने कहा कि यूरोपीय देशों में जिस तरह से इस वायरस का फैलाव हो रहा है, उसका सीधा प्रभाव कारोबार पर पड़ेगा क्योंकि फ्लाइट्स रद्द होंगी. आवागमन बाधित होगा तो ऑर्डर भी रद्द होंगे.

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