फिरोजाबाद : सीएम योगी ने सोमवार को फिरोजाबाद पहुंचकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों का हाल-चाल लिया. उसके बाद उन्होंने जनपद में बीमारी से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. बता दें, कि फिरोजाबाद जनपद में इन दिनों वायरल फीवर और डेंगू की बीमारी से लोग परेशान हैं. जनपद में फैली बीमारी से अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बीमारी के कारण हो रही मौतों का सिलसिला ग्रामीण क्षेत्रों से होकर शहर तक पहुंच चुका है. ग्रामीण इलाकों में फैली बीमारी का कहर नगला अमान से शुरू हुआ. नगला अमान गांव में बीमारी से 4 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद गांव मरघटी जलालपुर में कई लोगों की मौत हो गई. इसी क्रम में बीमारी का कहर लगातार बढ़ता गया और कई गांवों में लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया. ग्रामीण इलाके बाद बीमारी का कहर शहर तक पहुंच गया. जिसमें लगभग 40 लोगों की मौत हो गई.
जिले में बीमारी के कारण हो रही मौत की खबरें शासन-प्रशासन तक पहुंची. जिसके बाद अधिकारी हरकत में आए. इसी क्रम में बीते रविवार को आगरा मंडल के कमिश्नर अमित गुप्ता ने बीमारी से प्रभावित इलाके का दौरा किया था. वहीं सोमवार को सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले में फैली बीमारी की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे. सीएम योगी जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन पर बने हेलीपैड से उतरकर अपने काफिले के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे. मेडिकल कॉलेज पहुंचकर सीएम योगी ने मरीजों का हाल-चाल जाना. साथ ही उन्होंने अस्पताल में समय पर दवाइयां मिलने के संबंध में मरीजों से जानकारी ली.
इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग जागरुक नहीं थे, जिसकी वजह से बीमारी फैली है. बीमारी की चपेट में आए मरीजों को लोग प्राइवेट अस्पतालों और निजी डॉक्टरों के पास इलाज के लिए लेकर गए, जबकि उन्हें मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना चाहिए था. वायरल फीवर और डेंगू से बढ़ते मौत के आंकड़े पर सीएम योगी ने कहा कि मौत किस वजह से हो रही हैं, हम लखनऊ से सर्विलांस टीम भेजकर इसकी जांच कराएंगे. जांच करने के बाद पता चलेगा कि लोगों की मौत डेंगू की बीमारी से हुई है अथवा किसी अन्य बीमारी से.
![सीएम योगी ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हाल-चाल लिया](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-firozabad-mukhyamantri-photo-bite-up10114_30082021171547_3008f_1630323947_296.jpg)
सीएम ने बताया कि शहर में कुल 8-9 मोहल्ले बीमारी से प्रभावित है, जिसमें कुल 39 लोगों की मौत हुई है. बीमारी के कारण जिन लोगों की मौत हुई है उनमें 32 बालक और 7 एडल्ट हैं. मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है उसके पीछे कहीं न कहीं लोगों की जागरूकता में कमी भी जिम्मेदार है. लोग मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने की बजाए उन्हें प्राइवेट अस्पतालों और निजी डाक्टरों के क्लीनिक पर लेकर गए. मरीजों की अधिकम मौत वहीं पर हुई है, मेडिकल कॉलेज में केवल 3 लोगों की मौत हुई है. मेडिकल कॉलेज में मेन पावर बढ़ाने के निर्देश दिए है. इस संबंध में किसी अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है तो उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
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