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संकट के दौर में मददगार बनी मनरेगा, 50 हजार श्रमिकों को रोज मिलेगा रोजगार

फिरोजाबाद में कोविड महामारी के दौर में श्रमिकों के लिए मनरेगा योजना मददगार बनी हुई है. जिले में प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

50 हजार श्रमिकों को रोज मिलेगा रोजगार
50 हजार श्रमिकों को रोज मिलेगा रोजगार
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Published : Jun 30, 2021, 1:37 PM IST

फिरोजाबाद: कोविड महामारी के दौर में नौकरी छूटने या फिर काम धंधा बंद होने से जो लोग बेरोजगार हो गए उनके लिए मनरेगा योजना मददगार बनी हुई है. जिले में प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. बुधवार से इसकी शुरूआत भी हो गई. मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने एक गांव से इसका शुभारंभ भी किया है.

50 हजार मजदूरों को मिलेगा काम
कोविड महामारी ने मजदूर तबके की कमर तोड़कर ही रख दी है. कोविड की पहली लहर में अन्य प्रांतों में काम कर अपनी आजीविका चलाने वालों यूपी के श्रमिकों की रोजी रोटी छिनने से वह बेरोजगार हो गए थे और अपने अपने घरों को लौट आए थे. ऐसे मजदूरों की संख्या हजारों में थी. कोविड की पहली लहर थोड़ी थमी ही थी कि और गाड़ी पटरी पर लौटने लगी थी कि कोविड की दूसरी लहर ने मजदूरों को फिर से झटका दिया. काम धंधे ठप्प होने से मजदूरों के सामने बेरोजगारी की समस्या पैदा हो गई. इस समस्या का हल खोजने के लिए फिरोजाबाद के जिला प्रशासन ने एक प्लान तैयार किया, जिसके तहत बेरोजगार हुए मजदूरों को मनरेगा से काम दिए जाने का अभियान चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत एक दिन में 50 हजार मजदूरों को काम मिलेगा.

सीडीओ ने दी जानकारी.

इसे भी पढ़ें-फिरोजाबाद में ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाने में कारोबारी नहीं दिखा रहे दिलचस्‍पी

जिले में 30 जून से मिशन मनरेगा के तहत यह अभियान शुरू हो चुका है. गांव गलामई से मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ और शिकोहाबाद के बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने इस अभियान की शुरुआत की. मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इस अभियान की सफलता के लिए सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों से कहा गया है कि वह ज्यादा से ज्यादा की तदायत मर मनरेगा मजदूरों को काम देने की योजना पर अमल करें. मनरेगा योजना से ग्राम पंचायतों के तालाबों का जीर्णोद्धार, पौधरोपण, सड़क और गालियों का निर्माण आदि काम कराए जाएंगे.

फिरोजाबाद: कोविड महामारी के दौर में नौकरी छूटने या फिर काम धंधा बंद होने से जो लोग बेरोजगार हो गए उनके लिए मनरेगा योजना मददगार बनी हुई है. जिले में प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. बुधवार से इसकी शुरूआत भी हो गई. मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने एक गांव से इसका शुभारंभ भी किया है.

50 हजार मजदूरों को मिलेगा काम
कोविड महामारी ने मजदूर तबके की कमर तोड़कर ही रख दी है. कोविड की पहली लहर में अन्य प्रांतों में काम कर अपनी आजीविका चलाने वालों यूपी के श्रमिकों की रोजी रोटी छिनने से वह बेरोजगार हो गए थे और अपने अपने घरों को लौट आए थे. ऐसे मजदूरों की संख्या हजारों में थी. कोविड की पहली लहर थोड़ी थमी ही थी कि और गाड़ी पटरी पर लौटने लगी थी कि कोविड की दूसरी लहर ने मजदूरों को फिर से झटका दिया. काम धंधे ठप्प होने से मजदूरों के सामने बेरोजगारी की समस्या पैदा हो गई. इस समस्या का हल खोजने के लिए फिरोजाबाद के जिला प्रशासन ने एक प्लान तैयार किया, जिसके तहत बेरोजगार हुए मजदूरों को मनरेगा से काम दिए जाने का अभियान चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत एक दिन में 50 हजार मजदूरों को काम मिलेगा.

सीडीओ ने दी जानकारी.

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जिले में 30 जून से मिशन मनरेगा के तहत यह अभियान शुरू हो चुका है. गांव गलामई से मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ और शिकोहाबाद के बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने इस अभियान की शुरुआत की. मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इस अभियान की सफलता के लिए सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों से कहा गया है कि वह ज्यादा से ज्यादा की तदायत मर मनरेगा मजदूरों को काम देने की योजना पर अमल करें. मनरेगा योजना से ग्राम पंचायतों के तालाबों का जीर्णोद्धार, पौधरोपण, सड़क और गालियों का निर्माण आदि काम कराए जाएंगे.

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