फतेहपुर: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के राजस्व में क्षति पहुंचाए जाने की शिकायत एमडी से की गई थी. मामले में एमडी ने एक जांच टीम गठित कर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर तत्कालीन एक्सईएन को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही जांच प्रक्रिया तक उन्हे मुख्य अभियंता बस्ती के कार्यालय से संबंद्ध कर दिया गया.
बता दें कि 5 माह पूर्व फतेहपुर में यूपी पावर कार्पोरेशन के एमडी एम देवराज के दौरे के दौरान लोक मानवाधिकार के जिला महासचिव रमेश सिंह कछवाह ने शिकायती पत्र देते हुए करीब 2 करोड़ निगम के राजस्व को क्षति पहुंचाए जाने का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया कि एक्सईएन प्रथम रामसनेही यादव द्वारा मलवां स्थित मे. ग्लोबल एलायंस प्रालि. के 3 करोड़ के बिल को 26 मार्च 2022 को एक करोड़ में समाप्त कर दिया गया था. इसके साथ ही 30 मार्च को 30 लाख रुपये के बिल को 2 लाख में समाप्त कर दिया गया था. जिस पर एमडी द्वारा गठित वाराणसी के एसई शंकर शाही की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय टी गठित की गई. इस टीम में एक्सईएन कौशांबी राकेश कुमार, लेखाधिकारी वाराणसी अजीत जायसवाल द्वारा जांच की जा रही थी. इसी दौरान उन्हें मुख्य अभियंता प्रयागराज कार्यालय में सम्बद्ध कर दिया गया था. वहीं 5 माह तक चली जांच में प्रथम दृष्यया दोषी पाए जाने पर बिल संशोधन में अनियमितता पाए जाने पर प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने प्रथम रामसनेही यादव को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही उन्हे मुख्य अभियंता बस्ती में सम्बद्ध कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि एक्सईन प्रथम रामसनेही यादव के फतेहपुर में तैनाती के दौरान उनपर जातीय मानसिकता से दूषित व विवादित कार्यशैली के आरोपों की खूब चर्चा रही थी. जिस भी अधीनस्थ कर्मी ने इसका विरोध करने की कोशिश की. उसको रामसनेही यादव ने साइड लाइन कर दिया था. रामसनेही पर हुई कार्रवाई के बाद की फतेहपुर के विभागीय कर्मचारियों में तरह-तरह की चर्चा की जा रही है. लेकिन अनुशासनात्मक कार्रवाई के डर से कोई भी खुलकर सामने बोलने को तैयार नहीं है.
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करोड़ों के राजस्व क्षति के आरोपों से घिरे तत्कालीन एक्सईएन निलंबित - एसई शंकर शाही
भ्र्ष्टाचार के आरोप और करोड़ों के राजस्व क्षति मामले में फतेहपुर के तत्कालीन एक्सईएन को निलंबित कर दिया गया. प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने जांच के बाद दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की.
फतेहपुर: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के राजस्व में क्षति पहुंचाए जाने की शिकायत एमडी से की गई थी. मामले में एमडी ने एक जांच टीम गठित कर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर तत्कालीन एक्सईएन को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही जांच प्रक्रिया तक उन्हे मुख्य अभियंता बस्ती के कार्यालय से संबंद्ध कर दिया गया.
बता दें कि 5 माह पूर्व फतेहपुर में यूपी पावर कार्पोरेशन के एमडी एम देवराज के दौरे के दौरान लोक मानवाधिकार के जिला महासचिव रमेश सिंह कछवाह ने शिकायती पत्र देते हुए करीब 2 करोड़ निगम के राजस्व को क्षति पहुंचाए जाने का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया कि एक्सईएन प्रथम रामसनेही यादव द्वारा मलवां स्थित मे. ग्लोबल एलायंस प्रालि. के 3 करोड़ के बिल को 26 मार्च 2022 को एक करोड़ में समाप्त कर दिया गया था. इसके साथ ही 30 मार्च को 30 लाख रुपये के बिल को 2 लाख में समाप्त कर दिया गया था. जिस पर एमडी द्वारा गठित वाराणसी के एसई शंकर शाही की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय टी गठित की गई. इस टीम में एक्सईएन कौशांबी राकेश कुमार, लेखाधिकारी वाराणसी अजीत जायसवाल द्वारा जांच की जा रही थी. इसी दौरान उन्हें मुख्य अभियंता प्रयागराज कार्यालय में सम्बद्ध कर दिया गया था. वहीं 5 माह तक चली जांच में प्रथम दृष्यया दोषी पाए जाने पर बिल संशोधन में अनियमितता पाए जाने पर प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने प्रथम रामसनेही यादव को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही उन्हे मुख्य अभियंता बस्ती में सम्बद्ध कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि एक्सईन प्रथम रामसनेही यादव के फतेहपुर में तैनाती के दौरान उनपर जातीय मानसिकता से दूषित व विवादित कार्यशैली के आरोपों की खूब चर्चा रही थी. जिस भी अधीनस्थ कर्मी ने इसका विरोध करने की कोशिश की. उसको रामसनेही यादव ने साइड लाइन कर दिया था. रामसनेही पर हुई कार्रवाई के बाद की फतेहपुर के विभागीय कर्मचारियों में तरह-तरह की चर्चा की जा रही है. लेकिन अनुशासनात्मक कार्रवाई के डर से कोई भी खुलकर सामने बोलने को तैयार नहीं है.
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