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फतेहपुर: 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' से प्रवासियों के हुनर को मिलेगी पहचान

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में लोगों ने सरकार की ओर से चलाई गई 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' का स्वागत किया है. लोगों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि वह इस योजना से खुद का रोजगार चालू कर सकते हैं. बता दें कि प्रवासी मजदूरों के आने के बाद से सरकार ने 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' की शुरुआत की है.

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Published : Jul 2, 2020, 11:14 AM IST

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ग्रामीणों ने सरकार की योजना का किया स्वागत.

फतेहपुर: कोरोना कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस आ गए थे. ऐसे में सरकार के सामने उनको रोजगार देने का एक बड़ा संकट गहरा गया था. जिसे देखते हुए योगी सरकार ने एक बार फिर पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ाया और एमएसएमई के माध्यम से 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत प्रवासी मजदूर प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं. प्रशिक्षण के बाद उन्हें टूल किट भी उपलब्ध कराई जाएगी.

ग्रामीणों ने सरकार की योजना का किया स्वागत.

सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों, पारंपरिक कारीगरों एवं प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' लागू की है. इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगरी लोहार, नाई, कुम्हार, राजमिस्त्री, हलवाई, दर्जी, बढ़ई, सोनार, मोची आदि के कौशल को बढ़ाने और आजीविका के साधनों को मजबूत किया जाएगा. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभार्थियों को जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 6 दिवसीय प्रशिक्षण देने के बाद नि:शुल्क सम्बंधित टूल किट दिया जाएगा. प्रशिक्षण व टूलकिट प्राप्त करने के बाद जरूरतमंदों को स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं, साथ ही उन्हें औद्योगिक इकाइयों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.

इस योजना से काम मिलने की आस लगाए इच्छुक लाभार्थियों ने बताया कि इस योजना से हम लोगों को लाभ मिलने जा रहा है, इसलिए हम इस ट्रेनिंग को करेंगे और अपना काम शुरू करेंगे. सरकार की ओर से हम मजदूरों के लिए काफी अच्छी योजना चलाई गई है. इसके लिए हम सरकार का धन्यवाद करते हैं. वहीं एक अन्य युवक ने बताया कि हम एक रेस्टोरेंट खोलना चाहते थे, लेकिन हमारे पास पैसे नहीं थे. सरकार की इस योजना से अब हम अपना व्यवसाय कर सकेंगे.

उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र विकास सिंघल ने बताया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत दर्जी, हलवाई, टोकरी बुनकर, लोहार, सोनार, बढ़ई, नाई आदि को 10 ट्रेडों में 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद संबंधित ट्रेड में नि:शुल्क टूल किट वितरण किया जाता है. प्रवासी मजदूर भी 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' से प्रशिक्षण प्राप्त करकर अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं और अन्य को रोजगार भी दे सकते हैं. प्रवासी मजदूरों के लिए यह योजना बहुत ही लाभकारी है.

फतेहपुर: कोरोना कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस आ गए थे. ऐसे में सरकार के सामने उनको रोजगार देने का एक बड़ा संकट गहरा गया था. जिसे देखते हुए योगी सरकार ने एक बार फिर पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ाया और एमएसएमई के माध्यम से 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत प्रवासी मजदूर प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं. प्रशिक्षण के बाद उन्हें टूल किट भी उपलब्ध कराई जाएगी.

ग्रामीणों ने सरकार की योजना का किया स्वागत.

सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों, पारंपरिक कारीगरों एवं प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' लागू की है. इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगरी लोहार, नाई, कुम्हार, राजमिस्त्री, हलवाई, दर्जी, बढ़ई, सोनार, मोची आदि के कौशल को बढ़ाने और आजीविका के साधनों को मजबूत किया जाएगा. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभार्थियों को जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 6 दिवसीय प्रशिक्षण देने के बाद नि:शुल्क सम्बंधित टूल किट दिया जाएगा. प्रशिक्षण व टूलकिट प्राप्त करने के बाद जरूरतमंदों को स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं, साथ ही उन्हें औद्योगिक इकाइयों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.

इस योजना से काम मिलने की आस लगाए इच्छुक लाभार्थियों ने बताया कि इस योजना से हम लोगों को लाभ मिलने जा रहा है, इसलिए हम इस ट्रेनिंग को करेंगे और अपना काम शुरू करेंगे. सरकार की ओर से हम मजदूरों के लिए काफी अच्छी योजना चलाई गई है. इसके लिए हम सरकार का धन्यवाद करते हैं. वहीं एक अन्य युवक ने बताया कि हम एक रेस्टोरेंट खोलना चाहते थे, लेकिन हमारे पास पैसे नहीं थे. सरकार की इस योजना से अब हम अपना व्यवसाय कर सकेंगे.

उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र विकास सिंघल ने बताया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत दर्जी, हलवाई, टोकरी बुनकर, लोहार, सोनार, बढ़ई, नाई आदि को 10 ट्रेडों में 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद संबंधित ट्रेड में नि:शुल्क टूल किट वितरण किया जाता है. प्रवासी मजदूर भी 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' से प्रशिक्षण प्राप्त करकर अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं और अन्य को रोजगार भी दे सकते हैं. प्रवासी मजदूरों के लिए यह योजना बहुत ही लाभकारी है.

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