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MSME Minister Rakesh Sachan: भूखंड आवंटन को लेकर बैकफुट पर बीजेपी मंत्री, औद्योगिक इकाइयां न लगाने वालों को नोटिस

फतेहपुर में 72 भूखंड आवंटन को लेकर यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान बैकफुट पर आ गए हैं. वहीं, जिला उद्योग विभाग के अधिकारी अब हर एक भूखंड की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं.

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एमएसएमई मंत्री राकेश सचान
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Published : Feb 21, 2023, 9:27 AM IST

जानकारी देते जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र उपायुक्त अंजनीश प्रताप सिंह

फतेहपुर: यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान पर बड़ा आरोप लगा है. जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 72 भूखंडों को खुद के नाम कराने के मामले सामने आने के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बीते दिनों मंत्री राकेश सचान ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि औद्योगिक इकाइयां स्थापित न होने पर जबरदस्ती भूखंड उन्हें आवंटित हुआ था. वो अब उसे लौटाने के लिए भी तैयार हैं. मामला तूल पकड़ता देख भूखंड आवंटन औद्योगिक इकाइयां स्थापित न करने वालों को कुल 23 नोटिस जारी की गई हैं. इसमें सरायं जगत इंडस्ट्रियल एरिया में 12 और दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में 11 नोटिस दी गई हैं.

दरअसल, सरकार की तरफ से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिए जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस दौरान कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर 72 भूखंडों को अपने नाम कराने के आरोप लगे. इसके बाद जिले के जिम्मेदार अधिकारियों में हलचल मच गई. इस प्रकरण में प्रमुख भूमिका में रहे उद्योग विभाग के अधिकारियों ने इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र के एक-एक भूखंड की जानकारी जुटानी तेज कर दी है. इसके बाद दस्तावेज खंगालने के साथ-साथ भूखंड के आवंटन से लेकर निरस्त तक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अधिकारी शासनादेशों का अध्ययन कर नोटिस देकर अपनी-अपनी कलम को बचाने में लगे हुए हैं.

लघु उद्योग भारती फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कानपुर में निदेशक उद्योग को इसकी लिखित शिकायत भेजी. इसके बाद जिम्मेदार विभाग जिला उद्योग केंद्र के तत्कालीन अधिकारियों की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे. सत्येंद्र सिंह का आरोप है कि वर्ष 2012 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के सांसद राकेश सचान के नाम पर भूखंड आवंटित हुए. जो 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे और यूपी विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने. आरोप है कि इन आवंटनों के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी भी जमा नहीं की गई थी और न ही प्लॉटों में कोई इंडस्ट्रियल यूनिट लगवाई गई थी. लेकिन, इसके बावजूद उद्योग विभाग के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान नहीं लिया. मामले के खुलासे के बाद मंत्री के बैकफुट पर आते ही जिम्मेदार अधिकारी अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लग गए. जिला उद्योग विभाग से भूखण्ड आवंटित कराने के बाद औद्योगिक इकाइयां स्थापित न करने वाले लोगों को उद्योग विभाग के उपायुक्त ने ताबड़तोड़ नोटिस भेजी हैं.

फतेहपुर में जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के उपायुक्त अंजनीश प्रताप सिंह ने बताया कि नोटिस देना विभाग की सतत प्रक्रिया है. इसके पहले भी पूर्ववर्ती समकक्षों द्वारा नोटिस दी गई. मेरे द्वारा अभी तक के कार्यकाल में औद्योगिक क्षेत्रों की पूर्ण जानकारी निकालकर उनके आवंटन, डीड, उद्योग स्थापित से लेकर निरस्त व नोटिस प्रक्रिया शुरू की गई है. अभी तक कुल 23 नोटिस दी जा चुकी हैं, जिसमें से सरायं जगत इंडस्ट्रियल एरिया में 12 और दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में 11 नोटिस दी जा चुकी हैं और आगे की प्रक्रियारत हैं.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा के पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना को कोर्ट ने सुनाई एक माह की सजा

जानकारी देते जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र उपायुक्त अंजनीश प्रताप सिंह

फतेहपुर: यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान पर बड़ा आरोप लगा है. जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 72 भूखंडों को खुद के नाम कराने के मामले सामने आने के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बीते दिनों मंत्री राकेश सचान ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि औद्योगिक इकाइयां स्थापित न होने पर जबरदस्ती भूखंड उन्हें आवंटित हुआ था. वो अब उसे लौटाने के लिए भी तैयार हैं. मामला तूल पकड़ता देख भूखंड आवंटन औद्योगिक इकाइयां स्थापित न करने वालों को कुल 23 नोटिस जारी की गई हैं. इसमें सरायं जगत इंडस्ट्रियल एरिया में 12 और दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में 11 नोटिस दी गई हैं.

दरअसल, सरकार की तरफ से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिए जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस दौरान कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर 72 भूखंडों को अपने नाम कराने के आरोप लगे. इसके बाद जिले के जिम्मेदार अधिकारियों में हलचल मच गई. इस प्रकरण में प्रमुख भूमिका में रहे उद्योग विभाग के अधिकारियों ने इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र के एक-एक भूखंड की जानकारी जुटानी तेज कर दी है. इसके बाद दस्तावेज खंगालने के साथ-साथ भूखंड के आवंटन से लेकर निरस्त तक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अधिकारी शासनादेशों का अध्ययन कर नोटिस देकर अपनी-अपनी कलम को बचाने में लगे हुए हैं.

लघु उद्योग भारती फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कानपुर में निदेशक उद्योग को इसकी लिखित शिकायत भेजी. इसके बाद जिम्मेदार विभाग जिला उद्योग केंद्र के तत्कालीन अधिकारियों की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे. सत्येंद्र सिंह का आरोप है कि वर्ष 2012 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के सांसद राकेश सचान के नाम पर भूखंड आवंटित हुए. जो 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे और यूपी विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने. आरोप है कि इन आवंटनों के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी भी जमा नहीं की गई थी और न ही प्लॉटों में कोई इंडस्ट्रियल यूनिट लगवाई गई थी. लेकिन, इसके बावजूद उद्योग विभाग के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान नहीं लिया. मामले के खुलासे के बाद मंत्री के बैकफुट पर आते ही जिम्मेदार अधिकारी अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लग गए. जिला उद्योग विभाग से भूखण्ड आवंटित कराने के बाद औद्योगिक इकाइयां स्थापित न करने वाले लोगों को उद्योग विभाग के उपायुक्त ने ताबड़तोड़ नोटिस भेजी हैं.

फतेहपुर में जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के उपायुक्त अंजनीश प्रताप सिंह ने बताया कि नोटिस देना विभाग की सतत प्रक्रिया है. इसके पहले भी पूर्ववर्ती समकक्षों द्वारा नोटिस दी गई. मेरे द्वारा अभी तक के कार्यकाल में औद्योगिक क्षेत्रों की पूर्ण जानकारी निकालकर उनके आवंटन, डीड, उद्योग स्थापित से लेकर निरस्त व नोटिस प्रक्रिया शुरू की गई है. अभी तक कुल 23 नोटिस दी जा चुकी हैं, जिसमें से सरायं जगत इंडस्ट्रियल एरिया में 12 और दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में 11 नोटिस दी जा चुकी हैं और आगे की प्रक्रियारत हैं.

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