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फतेहपुर: अब अंधविश्वास नहीं विज्ञान का तर्क खोजेंगे छात्र, शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में शिक्षकों को जादू-टोने के पीछे जुड़े विज्ञान के तर्क की जानकारी दी गई, जिससे कि शिक्षक बच्चों को इसके बारे में बता सकें और उनके अंदर का अंधविश्वास दूर हो. इसके साथ ही बच्चे भी अपने परिवार के लोगों को इस बारे में बताकर जागरूक करें.

अंधविश्वास के खिलाफ शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण.
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Published : Oct 26, 2019, 2:06 PM IST

फतेहपुर: जिले में परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान के शिक्षकों को प्रचलित जादू टोने के पीछे विज्ञान से जुड़े तर्क की जानकारी दी गई, जिससे कि शिक्षक स्कूल में बच्चों को जादू टोने के पीछे जुड़े विज्ञान के बारे में बता सकें और बच्चों के अंदर का अंधविश्वास दूर हो. इसके साथ ही बच्चे भी अपने परिवार के लोगों को इस बारे में बताकर जागरूक करें.

अंधविश्वास के खिलाफ शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण.
आज भी जादू-टोने से जुड़े हैं लोग21वीं सदी के आधुनिक समाज में भी भारत के लोग जादू-टोने जैसे अंधविश्वास से जुड़ हुए हैं. बाबाओं और मौलवियों के चमत्कार को दैवीय शक्ति मान कर लोग आधुनिक समय में भी मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं. किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी होने पर उसे डॉक्टर के पास इलाज कराने के बजाय जाड़-फूंक करवाते हैं, जिसके चलते कई घटनाएं ऐसी होती हैं जो कि पूरे मानव सभ्यता को झकझोर देती हैं.

यह भी पढ़ें: योगी की बची साख, सपा को संजीवनी, बसपा का नहीं खुला खाता- ये हैं आपके नए विधायक

अंधविश्वास के खिलाफ ये प्रयास
ऐसे में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी संचार परिषद लोगों में अंधविश्वास के खिलाफ वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास कर रहा है. इसके तहत देश में नीति आयोग द्वारा चयनित पिछड़े जिलों में स्कूलों में चमत्कारों के पीछे के वैज्ञानिक तर्क की जानकारी दी जा रही है.

समाज में फैले अंधविश्वास को रोकने के लिए शिक्षकों को इसके पीछे छिपे हुए वैज्ञानिक तर्क के बारे में बताया जा रहा है, जिससे सभी शिक्षक इसके बारे में बच्चों को जानकारी दें.
-कंचन शर्मा, विज्ञान शिक्षिका

समाज में फैले अंधविश्वास को देखते हुए लोगों के अंदर वैज्ञानिक क्षमता का विकास करना जरूरी है, जिसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके बाद सभी शिक्षक इस बारे में बच्चों को जानकारी देंगे.
-डॉ. एस. के. सिंह, प्रशिक्षक

फतेहपुर: जिले में परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान के शिक्षकों को प्रचलित जादू टोने के पीछे विज्ञान से जुड़े तर्क की जानकारी दी गई, जिससे कि शिक्षक स्कूल में बच्चों को जादू टोने के पीछे जुड़े विज्ञान के बारे में बता सकें और बच्चों के अंदर का अंधविश्वास दूर हो. इसके साथ ही बच्चे भी अपने परिवार के लोगों को इस बारे में बताकर जागरूक करें.

अंधविश्वास के खिलाफ शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण.
आज भी जादू-टोने से जुड़े हैं लोग21वीं सदी के आधुनिक समाज में भी भारत के लोग जादू-टोने जैसे अंधविश्वास से जुड़ हुए हैं. बाबाओं और मौलवियों के चमत्कार को दैवीय शक्ति मान कर लोग आधुनिक समय में भी मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं. किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी होने पर उसे डॉक्टर के पास इलाज कराने के बजाय जाड़-फूंक करवाते हैं, जिसके चलते कई घटनाएं ऐसी होती हैं जो कि पूरे मानव सभ्यता को झकझोर देती हैं.

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अंधविश्वास के खिलाफ ये प्रयास
ऐसे में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी संचार परिषद लोगों में अंधविश्वास के खिलाफ वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास कर रहा है. इसके तहत देश में नीति आयोग द्वारा चयनित पिछड़े जिलों में स्कूलों में चमत्कारों के पीछे के वैज्ञानिक तर्क की जानकारी दी जा रही है.

समाज में फैले अंधविश्वास को रोकने के लिए शिक्षकों को इसके पीछे छिपे हुए वैज्ञानिक तर्क के बारे में बताया जा रहा है, जिससे सभी शिक्षक इसके बारे में बच्चों को जानकारी दें.
-कंचन शर्मा, विज्ञान शिक्षिका

समाज में फैले अंधविश्वास को देखते हुए लोगों के अंदर वैज्ञानिक क्षमता का विकास करना जरूरी है, जिसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके बाद सभी शिक्षक इस बारे में बच्चों को जानकारी देंगे.
-डॉ. एस. के. सिंह, प्रशिक्षक

Intro:फतेहपुर- 21 वीं सदी के आधुनिक समाज मे भी भारत मे लोग जादू टोने से जैसे अंध विश्वास से जुड़ है। जिससे कई घटनाएं ऐसी होती हैं कि पूरे मानव संभ्यता को झकझोर देती हैं। ऐसे में हमारे समाज मे होने वाले चमत्कार,जादू टोने के पीछे विज्ञान होता है। यह जानकारी देकर बाबाओं के अंधविश्वासों से लोगों को बचाया जा सकता है। इसके लिए फतेहपुर जिले में परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के विज्ञान शिक्षको को प्रचलित जादू टोने के पीछे विज्ञान से जुड़ीं तर्क की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए चार दिवसीय कार्यशाला में 30 शिक्षकों को प्रशिक्षण दी जा रही है। ये शिक्षक स्कूल में बच्चों को जादू टोने के पीछे जुड़े विज्ञान से जुड़ी घटना को बताएंगे जिससे बच्चों के अंदर का अंध विश्वास दूर होगा साथ ही साथ वह अपने परिवार के लोगों को भी जागरूक करेंगे।










Body:बाबाओं और मौलवियों के चमत्कार को लोग दैवीय शक्ति मान कर लोग आधुनिक समय मे भी मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं। किसी व्यक्ति को गम्भीर बीमारी होने पर उसे डॉक्टर के पास इलाज कराने के बजाय जाड़ फूक करवाते हैं। वहीं बहुत सारी घटनाएं देखने को आए दिन मिलती हैं उस क्षेत्र में अधिक जहां लोग कम शिक्षित हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी संचार परिषद भारत सरकार ने अंध विश्वासों के खिलाफ वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत देश मे नीति आयोग द्वारा चयनित पिछड़े जिलों में स्कूली बच्चों में चमत्कारों के पीछे वैज्ञानिक तर्क की जानकारी दी जाएगी।
स्कूल में बच्चों को जादू टोने और चमत्कार के पीछे क्या विज्ञान से जुड़ी घटना है प्रायोगिक तरीके के बताया जाएगी वहीं बच्चों में किसी भी घटना के पीछे क्या वजह है तर्क करना सिखाया जाएगा।

नेशनल चिल्ड्रेन साइंस कांग्रेस के स्टेट कोर्डिनेटर डॉ एस के सिंह ने बताया कि समाज मे फैले बाबाओं के अंध विश्वास को खत्म करने के लिए इनके पीछे क्या वैज्ञानिक तर्क है बच्चो शिक्षित करना जरूरी है। जब बच्चे किसी भी घटना के घटने के पीछे विज्ञान जुड़ा है जान लेंगे तो तर्क करेंगे और अपने समाज मे लोगों को जागरूक करेंगे। क्योंकि जो अंधविश्वास से जुड़ी दुकाने हैं उसे कानून और पुलिस के बल पर नही रोका जा सकता इसके लिए लोगों के अंदर वैज्ञानिक क्षमता का विकास करना जरूरी है।


Conclusion:बॉइट कंचन शर्मा विज्ञान शिक्षिका

डॉ एस के सिंह प्रशिक्षक


अभिषेक सिंह फतेहपुर
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