फतेहपुर: जनपद में पॉक्सो कोर्ट द्वितीय की न्यायाधीश नित्या पांडेय की अदालत ने बुधवार को दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. वहीं, जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला भी सुनाया.
विशेष अभियोजक देवेश कुमार श्रीवास्तव और अधिवक्ता आशीष कुमार गौड़ ने संयुक्त रूप से बताया कि एक महिला सदर नगर पालिका में संविदा पर सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत थी. महिला सदर कोतवाली क्षेत्र में किराए के घर में रहती थी. 24 सितम्बर 2015 की रात 12 बजे घर के सामने सड़क के उस पार उसकी 15 वर्षीय बेटी किसी काम से गई थी. तभी मोहल्ले का मयंक आरख शराब के नशे में किशोरी को घसीटकर पास के एक बाग में ले गया और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.
मां की नींद खुली तो बेटी गायब थी. इस पर आस-पड़ोस के लोगों के साथ उसकी खोजबीन शुरू की. इस दौरान बाग की तरफ गए लोगों ने किशोरी के साथ मयंक को गलत काम करते देखा. इसके बाद मयंक गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से भाग निकला. घटना की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. बुधवार को मामले की जिरह के दौरान अभियोजन पक्ष ने पीड़िता सहित नौ गवाहों को पेश किया. साक्ष्यों और कोर्ट में प्रस्तुत पत्रवाली के आधार पर घटना का दोषी करार देते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया.
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