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फतेहपुर: ताम्बेश्वर बाबा मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन - temples are closed

उत्तर प्रदेश में फतेहपुर के प्रसिद्ध शिवपीठ ताम्बेश्वर बाबा मंदिर के बाहर सावन के पहले दिन लोगों की भीड़ दिखाई दी. इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया और न ही लोग मास्क पहने नजर आए. मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहे.

tambeshwar temple
ताम्बेश्वर बाबा मंदिर
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Published : Jul 6, 2020, 2:59 PM IST

फतेहपुर: कोरोना के कहर के कारण जिले के प्रसिद्ध शिवपीठ ताम्बेश्वर बाबा मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहे. बावजूद इसके मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर गेट पर ही भगवान की पूजा-अर्चना की. इस दौरान भक्तों ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बनाए गये नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.

सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान हर शिव भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचता है. मगर कोरोना को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने धर्मगुरुओं के साथ बैठक की. साथ मंदिर में भीड़ न एकत्र हो इसके लिए उनके मंदिर प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही कावंड़ यात्रा न निकले, इसके लिए भी निर्देश दिए. इसके बावजूद सावन के पहले सोमवार को बड़ी संक्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर के गेट पर देखी गई.

गेट पर एकत्र हुए लोगों ने मास्क भी नहीं पहना था और वो सोशल डिस्टेसिंग का पालन भई नहीं कर रहे थे. हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग कर दूर-दूर गोले जरूर बनाए गए थे, लेकिन इनका उपयोग करते भक्त दिखायी नहीं दिए. यहां सब कुछ भगवान भरोसे ही नजर आया.

पवित्र श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से हो गई. सुबह से ही भक्तजनों में आंनद, उत्साह की स्फूर्ति नजर आई. उनका उत्साह इसलिए और अधिक था कि इस पवित्र माह के शुरुआत का पहला दिन ही भगवान नीलकंठ को समर्पित दिन सोमवार रहा. शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. हालांकि कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में दर्शन और कांवड़ निकालने पर प्रतिबंध था. बावजूद इसके भक्त मंदिर पहुंचे और गेट बंद होने पर दरवाजे पर ही पूजा पाठ करने लगे.

मंदिर में प्रवेश न मिलने की वजह से श्रद्धालुओं ने माला फूल सहित प्रसाद खरीदना उचित नहीं समझा. इसकी वजह से दुकानदारों के चेहरों पर बनावटी खुशी के साथ दो वक्त की रोटी की चिंता साफ नजर आई. इस दौरान दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा. कहीं एक आध ग्राहक पहुंचे भी तो खरीददारी पहले जैसी नहीं हुई.

श्रद्धालुओं ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें, लेकिन दरवाजा बंद होने के चलते गेट से ही हाथ जोड़कर वापस जा रहे हैं. एक श्रद्धालु ने बताया कि भगवान भोलेनाथ सब कुछ ठीक करेंगे, पूरा विश्व उन पर श्रद्धा रखता है. उन्होंने हलाहल पिया है तो कोरोना को भी ठीक करेंगे.

मंदिर के सामने फूल माला की दुकान लगाने वाले दुकानदार राजू ने बताया कि मंदिर में दर्शन पर रोक हैं. लोग आ ही नहीं रहे हैं तो बिक्री नहीं हो रही है और यह सिलसिला पूरे महीने चलेगा. दुकानदारों को दो जून की रोटी का इंतजाम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

फतेहपुर: कोरोना के कहर के कारण जिले के प्रसिद्ध शिवपीठ ताम्बेश्वर बाबा मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहे. बावजूद इसके मंदिर में बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर गेट पर ही भगवान की पूजा-अर्चना की. इस दौरान भक्तों ने कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बनाए गये नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.

सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान हर शिव भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचता है. मगर कोरोना को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने धर्मगुरुओं के साथ बैठक की. साथ मंदिर में भीड़ न एकत्र हो इसके लिए उनके मंदिर प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही कावंड़ यात्रा न निकले, इसके लिए भी निर्देश दिए. इसके बावजूद सावन के पहले सोमवार को बड़ी संक्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर के गेट पर देखी गई.

गेट पर एकत्र हुए लोगों ने मास्क भी नहीं पहना था और वो सोशल डिस्टेसिंग का पालन भई नहीं कर रहे थे. हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग कर दूर-दूर गोले जरूर बनाए गए थे, लेकिन इनका उपयोग करते भक्त दिखायी नहीं दिए. यहां सब कुछ भगवान भरोसे ही नजर आया.

पवित्र श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से हो गई. सुबह से ही भक्तजनों में आंनद, उत्साह की स्फूर्ति नजर आई. उनका उत्साह इसलिए और अधिक था कि इस पवित्र माह के शुरुआत का पहला दिन ही भगवान नीलकंठ को समर्पित दिन सोमवार रहा. शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. हालांकि कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में दर्शन और कांवड़ निकालने पर प्रतिबंध था. बावजूद इसके भक्त मंदिर पहुंचे और गेट बंद होने पर दरवाजे पर ही पूजा पाठ करने लगे.

मंदिर में प्रवेश न मिलने की वजह से श्रद्धालुओं ने माला फूल सहित प्रसाद खरीदना उचित नहीं समझा. इसकी वजह से दुकानदारों के चेहरों पर बनावटी खुशी के साथ दो वक्त की रोटी की चिंता साफ नजर आई. इस दौरान दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा. कहीं एक आध ग्राहक पहुंचे भी तो खरीददारी पहले जैसी नहीं हुई.

श्रद्धालुओं ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें, लेकिन दरवाजा बंद होने के चलते गेट से ही हाथ जोड़कर वापस जा रहे हैं. एक श्रद्धालु ने बताया कि भगवान भोलेनाथ सब कुछ ठीक करेंगे, पूरा विश्व उन पर श्रद्धा रखता है. उन्होंने हलाहल पिया है तो कोरोना को भी ठीक करेंगे.

मंदिर के सामने फूल माला की दुकान लगाने वाले दुकानदार राजू ने बताया कि मंदिर में दर्शन पर रोक हैं. लोग आ ही नहीं रहे हैं तो बिक्री नहीं हो रही है और यह सिलसिला पूरे महीने चलेगा. दुकानदारों को दो जून की रोटी का इंतजाम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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