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लॉकडाउन के दौरान मनरेगा बना फतेहपुर के मजदूरों की जीविका का आधार

फतेहपुर जिले में मनरेगा श्रमिकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से एक हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे मजदूरों या मनरेगा जॉब कार्ड धारक को संकट की इस घड़ी में एक हजार की आर्थिक मदद मिलने से बड़ी सहूलियत मिली है.

मनरेगा बना फतेहपुर के मजदूरों की जीविका का आधार.
मनरेगा बना फतेहपुर के मजदूरों की जीविका का आधार.
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Published : May 2, 2020, 9:35 AM IST

फतेहपुर: कोविड-19 महामारी से बचाव में लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों, खेतिहर मजदूरों और गरीबों के लिए सरकार की योजनाएं वरदान साबित हुई हैं. मनरेगा जॉब कॉर्ड धारक मजदूरों को लेकर फिक्रमंद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मनरेगा श्रमिकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से एक हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.

इसके अलावा मनरेगा जॉब कार्ड धारक को मजदूरी देने के लिए मनरेगा का काम भी शुरू कर दिया गया है. रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे मजदूरों को संकट की इस घड़ी में एक हजार की आर्थिक मदद मिलने से बड़ी सहूलियत मिली है.

कोराई गांव में हैं 650 मनरेगा जॉब कार्ड धारक
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित कोराई गांव की आबादी 8832 है, जहां लगभग एक हजार परिवार रहते हैं. गांव में कुल 650 मनरेगा जॉब कार्ड धारक हैं. लॉकडाउन के बाद काम न मिलने से इन जॉब कार्डधारक की मजदूरी छिन गई थी. फिर से मनरेगा कार्य शुरू हो जाने से इनको काम मिलना शुरू हो गया है. गांव के बाहर कच्ची सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. जहां मिट्टी खुदाई करते समय इन मजदूरों के चेहरे में चमक और उत्सुकता नजर आ रही है.

मनरेगा जॉब कार्डधारक मजदूरों ने किया धन्यवाद
कोराई गांव के मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पहुंचाई गई सहायता धनराशि की सराहना की है. लॉकडाउन के ऐसे वक्त में जहां कामकाज और मजदूरी ठप हो गई थी और दिहाड़ी मजदूर आर्थिक स्थिति से जंग लड़ रहे थे. उनके लिए एक हजार रुपये किसी संजीवनी से कम नहीं साबित हुए हैं.

मजदूरों ने की सराहना
मनरेगा जॉब कार्ड धारक शिवपति ने बताया कि कामकाज न मिलने के कारण खाने की समस्याएं उत्पन्न हो गई थीं. ऐसे में प्रधानमंत्री जी द्वारा भेजे गए एक हजार रुपये से खाद्य सामग्री खरीद पाने में राहत मिली है. साथ ही लॉकडाउन के बावजूद सरकार ने मनरेगा का काम शुरू कर दिया है, जिससे हम लोगों को काम मिल रहा है. अब आगे समस्या नहीं होंगी, सरकार की बहुत अच्छी पहल है.

फतेहपुर: कोविड-19 महामारी से बचाव में लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों, खेतिहर मजदूरों और गरीबों के लिए सरकार की योजनाएं वरदान साबित हुई हैं. मनरेगा जॉब कॉर्ड धारक मजदूरों को लेकर फिक्रमंद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मनरेगा श्रमिकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से एक हजार रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.

इसके अलावा मनरेगा जॉब कार्ड धारक को मजदूरी देने के लिए मनरेगा का काम भी शुरू कर दिया गया है. रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे मजदूरों को संकट की इस घड़ी में एक हजार की आर्थिक मदद मिलने से बड़ी सहूलियत मिली है.

कोराई गांव में हैं 650 मनरेगा जॉब कार्ड धारक
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित कोराई गांव की आबादी 8832 है, जहां लगभग एक हजार परिवार रहते हैं. गांव में कुल 650 मनरेगा जॉब कार्ड धारक हैं. लॉकडाउन के बाद काम न मिलने से इन जॉब कार्डधारक की मजदूरी छिन गई थी. फिर से मनरेगा कार्य शुरू हो जाने से इनको काम मिलना शुरू हो गया है. गांव के बाहर कच्ची सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. जहां मिट्टी खुदाई करते समय इन मजदूरों के चेहरे में चमक और उत्सुकता नजर आ रही है.

मनरेगा जॉब कार्डधारक मजदूरों ने किया धन्यवाद
कोराई गांव के मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पहुंचाई गई सहायता धनराशि की सराहना की है. लॉकडाउन के ऐसे वक्त में जहां कामकाज और मजदूरी ठप हो गई थी और दिहाड़ी मजदूर आर्थिक स्थिति से जंग लड़ रहे थे. उनके लिए एक हजार रुपये किसी संजीवनी से कम नहीं साबित हुए हैं.

मजदूरों ने की सराहना
मनरेगा जॉब कार्ड धारक शिवपति ने बताया कि कामकाज न मिलने के कारण खाने की समस्याएं उत्पन्न हो गई थीं. ऐसे में प्रधानमंत्री जी द्वारा भेजे गए एक हजार रुपये से खाद्य सामग्री खरीद पाने में राहत मिली है. साथ ही लॉकडाउन के बावजूद सरकार ने मनरेगा का काम शुरू कर दिया है, जिससे हम लोगों को काम मिल रहा है. अब आगे समस्या नहीं होंगी, सरकार की बहुत अच्छी पहल है.

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