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दहेज उत्पीड़न में पति और सास को दो साल की कैद, फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला - फतेहपुर दहेज उत्पीड़न मामला

फतेहपुर में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न में पति और सास को दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है. ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे. साथ ही विवाहिता का उत्पीड़न भी कर रहे थे.

fast track court decision
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Published : Mar 18, 2023, 8:07 AM IST

फतेहपुर: जिले में छह साल पहले हुए दहेज उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश प्रीती यादव ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने पति और सास को दो साल की सजा के अतिरिक्त पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर दोषियों को अलग से सजा भी भुगतने का आदेश दिया.

सहायक अभियोजक शालिनी ने बताया कि मलवां थाना क्षेत्र के तारापुर गांव की रहने वाली प्रकाशिनी मिश्रा पत्नी आदित्य मिश्रा ने महिला थाना मलवां में पति, सास विमला देवी, जेठ अरुण मिश्रा, जेठानी संध्या, देवर आशीष, मंजुल और ननदोई श्रवण कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

आरोप था कि 23 फरवरी 2017 को उसकी शादी हुई थी. पिता और भाई ने विवाह में 20 लाख रुपये खर्च किए थे. बावजूद इसके ससुराल वाल अतिरिक्त दहेज में शहर स्थित प्लॉट और बुलेट के अलावा दो लाख नकद रुपये की मांग कर रहे थे. इस पर मायके पक्ष के असमर्थता जताने पर महिला के साथ मारपीट कर उत्पीड़न कर रहे थे. पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने उक्त लोगों पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की.

जांच के दौरान ननद, ननदोई को बाहर करते हुए पति सहित पांच के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान साक्ष्यों और कोर्ट में प्रस्तुत पत्रावली के आधार पर अदालत ने पति और सास को घटना का दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया. वहीं, साक्ष्यों के अभाव में जेठ, जेठानी और देवर को निर्दोष ठहराते हुए बरी कर दिया.

यह भी पढ़ें: एक विवाह ऐसा भी! बहराइच में कुएं और बगिया की हुई शादी, 1500 लोग बने साक्षी

फतेहपुर: जिले में छह साल पहले हुए दहेज उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश प्रीती यादव ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने पति और सास को दो साल की सजा के अतिरिक्त पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर दोषियों को अलग से सजा भी भुगतने का आदेश दिया.

सहायक अभियोजक शालिनी ने बताया कि मलवां थाना क्षेत्र के तारापुर गांव की रहने वाली प्रकाशिनी मिश्रा पत्नी आदित्य मिश्रा ने महिला थाना मलवां में पति, सास विमला देवी, जेठ अरुण मिश्रा, जेठानी संध्या, देवर आशीष, मंजुल और ननदोई श्रवण कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

आरोप था कि 23 फरवरी 2017 को उसकी शादी हुई थी. पिता और भाई ने विवाह में 20 लाख रुपये खर्च किए थे. बावजूद इसके ससुराल वाल अतिरिक्त दहेज में शहर स्थित प्लॉट और बुलेट के अलावा दो लाख नकद रुपये की मांग कर रहे थे. इस पर मायके पक्ष के असमर्थता जताने पर महिला के साथ मारपीट कर उत्पीड़न कर रहे थे. पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने उक्त लोगों पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की.

जांच के दौरान ननद, ननदोई को बाहर करते हुए पति सहित पांच के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान साक्ष्यों और कोर्ट में प्रस्तुत पत्रावली के आधार पर अदालत ने पति और सास को घटना का दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया. वहीं, साक्ष्यों के अभाव में जेठ, जेठानी और देवर को निर्दोष ठहराते हुए बरी कर दिया.

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