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स्वच्छ भारत मिशन को लगा पलीता, कूड़ा निस्तारण प्लांट की हो रही दुर्दशा

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए सपा सरकार ने 9 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च कर कूड़ा निस्तारण प्लांट बनवाया था, लेकिन नगर पालिका और ए टू जेड की लापरवाही से यह कूड़ा निस्तारण प्लांट खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

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स्वच्छ भारत मिशन को लगा पलीता.
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Published : Jan 31, 2020, 4:58 PM IST

फतेहपुर: स्वच्छता को बढ़ावा देने लिए देश भर में स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है. वहीं जिले की नगर पालिका को शहर को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाये रखने के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए थे. तो वहीं नगर पालिका ने शहर को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए साढ़े नौ करोड़ रुपये की लागत से कूड़ा निस्तारण केंद्र बनवाया था. पर यह कूड़ा घर अब धीरे-धीरे खुद कूड़ा घर में तब्दील होता जा रहा है.

कूड़े के ढेर में तब्दील कूड़ा निस्तारण प्लांट.

9 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च कर सपा सरकार में बना था कूड़ा निस्तारण प्लांट
नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मलाका गांव में बनाये गए, इस कूड़ा निस्तारण प्लांट की कई मशीनें चोरी हो चुकी हैं. उसके बावजूद इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है. इस कूड़ा निस्तारण प्लांट के निर्माण का कार्य पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुआ था. इसको बनाने में सरकारी खजाने से 9 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च किये गए थे. इस प्लांट में शहर के कूड़े कचरे को निस्तारिक कर उससे जैविक खाद बनाई जानी थी.

कूड़ा निस्तारण प्लांट की मशीनें गायब
प्लांट बनने के बाद कुछ दिन तक चला जरूर, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. अब इस प्लांट की स्थिति यह है कि करोड़ों रुपये की लागत से लगाई गईं कई मशीनें चोरी हो चुकी हैं. वहीं नगर पालिका ने अभी तक मशीनें चोरी होने की शिकायत पुलिस में नहीं दर्ज कराई.

नगर पालिका और ए टू जेड ने किया बर्बाद
नागरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन परियोजना यूआईडी एसएमटी के तहत नगर विकास मंत्रालय ने इस कूड़ा निस्तारण प्लांट को बनाने की मंजूरी दी थी. पर इसकी बदहाली के पीछे नगर पालिका और ए टू जेड बेस्ट मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वहीं शहर के लोग इस प्लांट के फिर से चालू होने की उम्मीद लगा रहे हैं, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि इसे फिर से चालू करवाने के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है.

फतेहपुर शहर से रोजना निकलता है 48 मीट्रिक टन कूड़ा
लगभग ढाई लाख की आबादी वाले फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र से प्रतिदिन 48 मीट्रिक टन कूड़ा रोजना उठाया जाता है. इसके निस्तारण के लिए कोई प्रबन्ध न होने के चलते कूड़े को सड़कों के किनारे फेंक दिया जाता है, जिसके चलते क्षेत्रीय लोगों को बीमारियों का शिकार भी होना पड़ता है. इतना ही नहीं कूड़ा निस्तारण के मामले में फतेहपुर नगर पालिका ने एनजीटी के मानकों धता बता दिया है.

फतेहपुर: स्वच्छता को बढ़ावा देने लिए देश भर में स्वच्छ भारत मिशन चलाया जा रहा है. वहीं जिले की नगर पालिका को शहर को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाये रखने के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए थे. तो वहीं नगर पालिका ने शहर को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए साढ़े नौ करोड़ रुपये की लागत से कूड़ा निस्तारण केंद्र बनवाया था. पर यह कूड़ा घर अब धीरे-धीरे खुद कूड़ा घर में तब्दील होता जा रहा है.

कूड़े के ढेर में तब्दील कूड़ा निस्तारण प्लांट.

9 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च कर सपा सरकार में बना था कूड़ा निस्तारण प्लांट
नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मलाका गांव में बनाये गए, इस कूड़ा निस्तारण प्लांट की कई मशीनें चोरी हो चुकी हैं. उसके बावजूद इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है. इस कूड़ा निस्तारण प्लांट के निर्माण का कार्य पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुआ था. इसको बनाने में सरकारी खजाने से 9 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च किये गए थे. इस प्लांट में शहर के कूड़े कचरे को निस्तारिक कर उससे जैविक खाद बनाई जानी थी.

कूड़ा निस्तारण प्लांट की मशीनें गायब
प्लांट बनने के बाद कुछ दिन तक चला जरूर, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. अब इस प्लांट की स्थिति यह है कि करोड़ों रुपये की लागत से लगाई गईं कई मशीनें चोरी हो चुकी हैं. वहीं नगर पालिका ने अभी तक मशीनें चोरी होने की शिकायत पुलिस में नहीं दर्ज कराई.

नगर पालिका और ए टू जेड ने किया बर्बाद
नागरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन परियोजना यूआईडी एसएमटी के तहत नगर विकास मंत्रालय ने इस कूड़ा निस्तारण प्लांट को बनाने की मंजूरी दी थी. पर इसकी बदहाली के पीछे नगर पालिका और ए टू जेड बेस्ट मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वहीं शहर के लोग इस प्लांट के फिर से चालू होने की उम्मीद लगा रहे हैं, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि इसे फिर से चालू करवाने के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है.

फतेहपुर शहर से रोजना निकलता है 48 मीट्रिक टन कूड़ा
लगभग ढाई लाख की आबादी वाले फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र से प्रतिदिन 48 मीट्रिक टन कूड़ा रोजना उठाया जाता है. इसके निस्तारण के लिए कोई प्रबन्ध न होने के चलते कूड़े को सड़कों के किनारे फेंक दिया जाता है, जिसके चलते क्षेत्रीय लोगों को बीमारियों का शिकार भी होना पड़ता है. इतना ही नहीं कूड़ा निस्तारण के मामले में फतेहपुर नगर पालिका ने एनजीटी के मानकों धता बता दिया है.

Intro:फतेहपुर- स्वच्छता को बढ़ावा देने लिए स्वच्छ भारत मिशन भले ही चलाया जा रहा हो लेकिन फतेहपुर नगर पालिका को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाये रखने के लिए लगभग साढ़े नौ कारोड़ की लागत से बनाया गया कूड़ा निस्तारण केंद्र खुद कूड़ा घर मे तब्दील होकर रह गया है नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मलाका गांव में बनाये गए इस कूड़ा निस्तारण प्लांट की मशीनें तक चोरी हो चुकी है।उसके बावजूद इसकी देखरेख करने वाला कोई नही है

मलाका गांव में बनाये गए कूड़ा निस्तारण प्लांट को जरा गौर से देखिए सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान बनाये गए इस प्लांट को बनाने में सरकारी खजाने से 9 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च किये गए थे बनकर तैयार हुए इस प्लांट में शहर के कूड़े कचरे को इकट्ठा कर उन्हें निस्तारिक कर उसे जैविक खाद बनाई जानी थी बनने के बाद कुछ दिन तक यह प्लांट चला तो जरूर लेकिन उसके बाद इसे बंद कर दिया गया। अब इस प्लांट की स्थिति यह है कि करोड़ो की लागत से लगाई गई इसकी मशीने तक चोरी हो चुकी है और लापरवाही की हद यह कि सारी मशीने चोरी हो जाने के बाद नगर पालिका की तरफ़ से पुलिस में उसकी शिकायत तक नही दर्ज कराई गई।


नागरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन परियोजना यू आई डी एस एम टी के तहत नगर विकास मंत्रालय द्वारा बनाए गए इस कूड़ा निस्तारण प्लांट के बदहाल होने के पीछे अगर नगर पालिका के लोग जिम्मेदार रहे तो इसे चलाने के लिए चयनित की गई संस्था ए टू जेड बेस्ट मैनेजमेंट के लोगों ने भी इसे बर्बाद करने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ी जबतक इसकी मशीने काम करती रही तब तक ए टू जेड के लोगों ने इससे बनने वाली खाद बेचकर मुनाफा तो कमाया लेकिन खराब हो रही मशीनों को ठीक करवाने की तरफ आपरेटिव संस्था ने कोई पहल नही की जिसके चलते अब हालात यह है कि प्लांट तो बन्द ही है साथ ही लावारिस छोड़ दिए गए इस प्लांट की मशीने तक चोरी हो गई।शहर के लोग तो इस प्लांट के फिर से चालू होने की उम्मीद लगाए हुए है लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि इसे फिर से चालू करवाने के लिए उनके पास कोई योजना नही है।


लगभग ढाई लाख की आवादी वाले फतेहपुर नगर पालिका क्षेत्र में प्रतिदिन 48 मीट्रिक टन कूड़ा नगर पालिका द्वारा उठाया जाता है इसके निस्तारण के लिए कोई प्रबन्ध न होने के चलते नगर पालिका से निकलने वाला यह कूड़ा किसी न किसी इलाके में सड़क के किनारे फेक दिया जाता है।जिसके चलते उस क्षेत्र के लोगो को कई बीमारियों का शिकार भी होना पड़ता है।कूड़ा निस्तारण के मामले में एनजीटी के मानकों पर फेल हो चुके नगर पालिका प्रशासन ने अगर इस प्लांट को चलाने और इसकी देखभाल करने में सजगता दिखाई होती तो करोड़ो रुपयों की बर्बादी रोकने के साथ ही इस शहर को साफ सुथरा बनाये रखा जा सकता था।Body:बाइट- मीरा सिंह अधिशासी अभियंता नगर पालिका परिषद फतेहपुर
Conclusion:अभिषेक सिंह 7860904510
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