फतेहपुरः जिले में प्रतियोगी छात्रों ने भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में बड़ा फेरबदल करने पर हुआ है. छात्रों ने पहले पांच वर्ष संविदा पर नौकरी करने और प्रत्येक छह माह में योग्यता सिद्ध किए जाने का विरोध किया है. उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री के सामने पांच सूत्रीय मांगे रखी हैं.
प्रदेश की योगी सरकार सरकारी नौकरियों में समूह ख एवं ग के पदों पर नियुक्ति के लिए विनियमतीकरण नियमावली-2020 लाने पर विचार कर रही है, जिसमें प्रदेश की सरकारी नौकरियों में भर्ती होने वाले व्यक्ति को पहले पांच वर्षों तक संविदा पर रखा जाएगा. इस दौरान प्रत्येक छह माह में उसका टेस्ट होगा, जिसमें पास होना अनिवार्य होगा. पांच वर्षों की इस प्रक्रिया के बाद व्यक्ति को स्थायी रूप में नियुक्ति दी जाएगी. इसका जिले के प्रतियोगी छात्रों ने विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया है.
प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्र मनोज ने कहा कि सरकार यह जो नियम लाने जाने जा रही कि सरकारी नौकरियों पर पहले पांच वर्ष संविदा पर रखा जाएगा और छह महीने में उसका मूल्यांकन किया जाएगा. यह बहुत गलत है. इस नियम को बिल्कुल भी न लागू किया जाए क्योंकि इससे छात्रों का शोषण किया जाएगा. यह भ्रष्टाचार का एक नया जरिया बन जाएगा. इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का मनोबल कमजोर हो रहा है. वह हतोत्साहित हैं. कोई छात्र प्रतियोगी परीक्षा पास करने के उपरांत ही नौकरी पाता है. ऐसे में काम के साथ हर छह महीने में 60% अंक लाने में कठिनाई भी हो सकती है. सरकार के सामने इसे वापस लेने की मांग रखते हैं. सरकार यह नियम वापस ले और बेरोजगारों को नौकरी दे.
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए फेसमास्क का उपयोग कर जिलाधिकारी को अपना ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर अंकित सिंह, मनोज कुमार, मनीष, प्रशांत तिवारी, वीरेंद्र, सूर्यांश, शिवम, राहुल, आदर्श, सूर्या, आशीष, अभिषेक सहित कई छात्र उपस्थित रहे.