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धोखाधड़ी और गबन के मामले में भाजपा नेता अयोध्या प्रसाद पाल ने फतेहपुर एमपी एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर - UP News

धोखाधड़ी और गबन के मामले में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अयोध्या प्रसाद पाल (Ayodhya Prasad Pal) ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट में आरोपियों को सरेंडर करने और कोर्ट को अंतरिम जमानत देने के आदेश दिए थे.

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अयोध्या प्रसाद पाल ने फतेहपुर एमपी एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर
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Published : Feb 13, 2023, 10:41 PM IST

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अयोध्या प्रसाद पाल ने सोमवार को धोखाधड़ी और गबन के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. भाजपा नेता के खिलाफ 2017 में धोखाधड़ी और रुपये हड़पने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में जनपद की एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर करने के बाद पूर्व मंत्री को अंतरिम जमानत दे दी गई. जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री के समर्थको ने इसे न्याय की जीत करार दिया.

वर्ष 2017 में शहर के कलेक्ट्रेट रोड स्थित पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल के स्वामित्त्व वाले मंगलम मैरिज हाल के संचालन को लेकर दूसरे पक्ष से करार हुआ था. मैरिज हाल संचालन के एवज में बाकायदा 50 लाख रुपये भी पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल को एडवांस में दिए जाने की बात तय हुई थी. बाद में पूर्व मंत्री द्वारा डील से मुकर जाने व पैसा न वापस किये जाने को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए थे. इस पर दूसरे पक्ष की ओर से महमूद अहमद पुत्र स्व सईद अहमद द्वारा पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, राजकुमार पाल, अजय पाल, ओमदत्त पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था.

पूर्व मंत्री के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई भी हो चुकी थी एवं गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे. खुद पर गिरफ्तारी की लटकती तलवार देखकर पूर्व मंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने एवं अंतरिम जमानत देने के लिए निर्देशित किया था. साथ ही गैर जमानती वारंट पर भी स्टे ऑर्डर जारी कर दिया था. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एव भाजपा नेता की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी है.

पूर्व मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तारिक फरीदी शाश्वत गर्ग, सुखपाल पासवान रहे तथा वादी महमूद अहमद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार ने पैरवी की. जमानत मिलने के बाद अदालत से बाहर आए पूर्व मंत्री के समर्थकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसे न्याय की बड़ी जीत बताया. पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल के अधिवक्ता तारिक फरीदी और शास्वत गर्ग ने बताया कि 2017 में कोर्ट के आदेश पर पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, अजय पाल, ओमदत्त पाल, राजकुमार पाल के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी.

मामला एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है. आरोपियो के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था, जिसके बाद पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, उनके पुत्र अजय पाल, भाई राजकुमार पाल, ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट में आरोपियों को सरेंडर करने और कोर्ट को अंतरिम जमानत देने के आदेश दिए. सोमवार को आरोपियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में सरेंडर कर दिया. न्यायाधीश ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनीं और तीनों आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी.

ये भी पढ़ेंः किशोरी की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में भदोही न्यायालय ने दोषी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अयोध्या प्रसाद पाल ने सोमवार को धोखाधड़ी और गबन के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. भाजपा नेता के खिलाफ 2017 में धोखाधड़ी और रुपये हड़पने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में जनपद की एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर करने के बाद पूर्व मंत्री को अंतरिम जमानत दे दी गई. जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री के समर्थको ने इसे न्याय की जीत करार दिया.

वर्ष 2017 में शहर के कलेक्ट्रेट रोड स्थित पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल के स्वामित्त्व वाले मंगलम मैरिज हाल के संचालन को लेकर दूसरे पक्ष से करार हुआ था. मैरिज हाल संचालन के एवज में बाकायदा 50 लाख रुपये भी पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल को एडवांस में दिए जाने की बात तय हुई थी. बाद में पूर्व मंत्री द्वारा डील से मुकर जाने व पैसा न वापस किये जाने को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए थे. इस पर दूसरे पक्ष की ओर से महमूद अहमद पुत्र स्व सईद अहमद द्वारा पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, राजकुमार पाल, अजय पाल, ओमदत्त पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था.

पूर्व मंत्री के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई भी हो चुकी थी एवं गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे. खुद पर गिरफ्तारी की लटकती तलवार देखकर पूर्व मंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने एवं अंतरिम जमानत देने के लिए निर्देशित किया था. साथ ही गैर जमानती वारंट पर भी स्टे ऑर्डर जारी कर दिया था. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एव भाजपा नेता की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी है.

पूर्व मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तारिक फरीदी शाश्वत गर्ग, सुखपाल पासवान रहे तथा वादी महमूद अहमद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार ने पैरवी की. जमानत मिलने के बाद अदालत से बाहर आए पूर्व मंत्री के समर्थकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसे न्याय की बड़ी जीत बताया. पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल के अधिवक्ता तारिक फरीदी और शास्वत गर्ग ने बताया कि 2017 में कोर्ट के आदेश पर पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, अजय पाल, ओमदत्त पाल, राजकुमार पाल के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी.

मामला एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है. आरोपियो के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था, जिसके बाद पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, उनके पुत्र अजय पाल, भाई राजकुमार पाल, ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट में आरोपियों को सरेंडर करने और कोर्ट को अंतरिम जमानत देने के आदेश दिए. सोमवार को आरोपियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में सरेंडर कर दिया. न्यायाधीश ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनीं और तीनों आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी.

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