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फतेहपुर: हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन की फर्जी कार्रवाई, देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट - फतेहपुर में अवैध अतिक्रमण

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ती दिख रही हैं. दरअसल कोर्ट ने जिले के एक गांव में अवैध कब्जे को हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्रशासन ने जल्दबाजी में सड़क के किनारे बने निर्माणों को धवस्त करा दिया.

प्रशासन ने की फर्जी कार्रवाई.
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Published : Aug 28, 2019, 11:42 AM IST

फतेहपुर: सदर तहसील के सहिमापुर गांव में ग्राम सभा के जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं. जिसके तहत राजस्व टीम ने गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. वहीं याचिकाकर्ता ओमपाल सिंह ने टीम पर कोर्ट के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि हाईकोर्ट ने जिस जमीन से कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे, उस संबंध में प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

प्रशासन ने की फर्जी कार्रवाई.

इसे भी पढ़ें- 25 करोड़ रुपये की जमीन हुई कब्जा मुक्त, तेल डिपो का हो रहा था संचालन

जानें पूरा मामला

  • मामला फतेहपुर जिले के साहिमपुर गांव का है.
  • यहां रहने वाले ओमपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
  • याचिका में ओमपाल ने ग्रामसभा की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की थी.
  • इस पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश दिए.
  • हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी जब प्रशासन के कदम न उठाने पर कोर्ट ने 29 अगस्त को कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी.
  • प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए गांव में कब्जा हटाने की कार्रवाई की.
  • ग्रामीणों का आरोप है कि जल्दबाजी में प्रशासन ने सिर्फ रोड के किनारे निर्माण को ध्वस्त कर दिया.

प्रशासन ने कोर्ट को रिपोर्ट देने के चक्कर में बगैर भूमि के नाप और पैमाइश के जल्दबाजी में कार्रवाई की. किसी की निजी जमीन को भी गांवसभा की जमीन बता दिया. प्रशासन ने जिस जमीन को खाली कराने का आदेश दिया है, वो जस की तस पड़ी है.
- अनुज, ग्रामीण

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है. अगर किसी व्यक्ति का घर अवैध रूप से बना है और उसके पास रहने का घर और जमीन नहीं है. तो ऐसे लोगों को ग्रामसभा की जमीन पर पट्टा कर आवास की व्यवस्था की जाएगी.
- संजीव सिंह, जिलाधिकारी

फतेहपुर: सदर तहसील के सहिमापुर गांव में ग्राम सभा के जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं. जिसके तहत राजस्व टीम ने गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. वहीं याचिकाकर्ता ओमपाल सिंह ने टीम पर कोर्ट के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि हाईकोर्ट ने जिस जमीन से कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे, उस संबंध में प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

प्रशासन ने की फर्जी कार्रवाई.

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जानें पूरा मामला

  • मामला फतेहपुर जिले के साहिमपुर गांव का है.
  • यहां रहने वाले ओमपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
  • याचिका में ओमपाल ने ग्रामसभा की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की थी.
  • इस पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश दिए.
  • हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी जब प्रशासन के कदम न उठाने पर कोर्ट ने 29 अगस्त को कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी.
  • प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए गांव में कब्जा हटाने की कार्रवाई की.
  • ग्रामीणों का आरोप है कि जल्दबाजी में प्रशासन ने सिर्फ रोड के किनारे निर्माण को ध्वस्त कर दिया.

प्रशासन ने कोर्ट को रिपोर्ट देने के चक्कर में बगैर भूमि के नाप और पैमाइश के जल्दबाजी में कार्रवाई की. किसी की निजी जमीन को भी गांवसभा की जमीन बता दिया. प्रशासन ने जिस जमीन को खाली कराने का आदेश दिया है, वो जस की तस पड़ी है.
- अनुज, ग्रामीण

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है. अगर किसी व्यक्ति का घर अवैध रूप से बना है और उसके पास रहने का घर और जमीन नहीं है. तो ऐसे लोगों को ग्रामसभा की जमीन पर पट्टा कर आवास की व्यवस्था की जाएगी.
- संजीव सिंह, जिलाधिकारी

Intro:फतेहपुर- सदर तहसील के सहिमापुर गांव में ग्राम सभा के जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है। जिसके तहत राजस्व टीम ने गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की। लेकिन यह कार्यवाही मात्र दिखावे की रही । कोर्ट ने ग्राम सभा की जमीन से कब्जा हटाने का आदेश दिया था लेकिन प्रशासन ने रोड के किनारे बने पक्के घर और बाउंड्री वाल को गिरा कर कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया। वहीं गांव के ओमपाल सिंह ने बताया कि वह जिस भूमि पर से कब्जा हटाने के लिए हाईकोर्ट में रीट दायर किया था उस सम्बन्ध में प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही किया। टीम ने केवल हवाहवाई सर्वे कर रिपोर्ट बनाया।


Body:साहिमपुर गांव के ओमपाल सिंह ने हाईकोर्ट में रीट दायर कर ग्रामसभा के भूमि तालाब गोबर गद्दा खलिहान पर से अवैध कब्जा हटाने की मांग किए थे। हाईकोर्ट के आदेश के आदेश के बावजूद भी जब प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही किया तो कोर्ट ने 29 अगस्त को कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी। ऐसे में प्रशासन तत्काल सक्रिय होकर गांव में कब्जा हटाने की कार्यवाही किया। लेकिन जल्दबाजी में रोड के किनारे निर्माण को ध्वस्त कर दिया। जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश याप्त है। वहीं ग्रामीण अनुज ने बताया कि प्रशासन ने कोर्ट को रिपोर्ट देने के चक्कर मे जल्दबाजी में कार्यवाही किया। बगैर भूमि के नाप और पैमाइस के किसी के निजी जमीन को भी गांवसभा की जमीन बता दिए। वहीं प्रशासन ने जिस जमीन को गांवसभा की घोषित कर खाली करने को आदेश दिया है वहां रहने वाले ग्रामीण चिंतित हैं। इनका कहना है कि हम पीढ़ियों से इस जमीन पर रह रहे हैं अगर हमारे घर गिरा दिए जाएंगे तो हम कहाँ जाएंगे।


Conclusion:जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यवाही किया जा रहा है। अगर किसी व्यक्ति का घर अवैध रूप से बना है और उसके पास रहने का घर और जमीन नही है तो ऐसे लोगों को ग्रामसभा की जमीन पट्टे कर आवास की व्यवस्था किया जाएगा। बाइट 1 अनुज सिंह ग्रामीण 2 ओमपाल सिंह ग्रामीण 3 संजीव सिंह जिलाधिकारी
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