फतेहपुर : जिले में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की हुई मौत के मामले में आबकारी विभाग के क्षेत्रीय इंस्पेक्टर और बीट के सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने हल्का दरोगा और एक सिपाही को भी निलंबित कर दिया है. गाजीपुर थाना प्रभारी और सीओ जाफरगंज की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ जांच बैठाई गई है. जहरीली शराब पीने से मरने वालों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई है. हालांकि रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं सकी है. इसके चलते जांच के लिए विसरा सुरक्षित कर लिया गया है.
19 लोगों को इलाज के लिए कानपुर भेजा गया
जिले के गाजीपुर थाना क्षेत्र के भौली गांव में हुए जहरीली शराब कांड में शराब पीने वाले 19 अन्य लोगों को इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है. जहां उनकी हालत सामान्य बनी हुई है. इस घटना के बाद जिले में शराब के शौकीनों में दहशत का माहौल है. जिले के भौली गांव में हुए इस जहरीली शराब कांड में जो शराब लोगों ने पी थी, उसे गाजीपुर थाना क्षेत्र के इन्द्रों के पुल के पास से खरीद कर लाया गया था. वहां शराब का ठेका न होने के बावजूद काफी पहले से शराब बेंची जाती है. नजदीकी शराब के ठेके से प्रतिदिन शराब लाकर यहां बेंची जा रही थी, जिसमें ज्यादातर अपमिश्रित शराब होने का अंदेशा जताया जा रहा है. भौली गांव के रहने वाले 20 से ज्यादा लोगों ने महाशिवरात्रि के दिन इसी जगह से शराब खरीद कर पी थी. इसमें से गांव के भोला और मोती नामक व्यक्तियों की शराब पीने से मौत हो गई, जबकि 19 लोगों को इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है.
अधिकारियों ने दी जानकारी
जिले के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए हल्का प्रभारी दरोगा और बीट के सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. थाना प्रभारी और सीओ के खिलाफ जांच बैठाई गयी है. जांच रिपोर्ट में अगर ये लोग दोषी पाए जाएंगे, तो इनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिला आबकारी अधिकारी सन्तोष तिवारी ने बताया कि क्षेत्रीय इंस्पेक्टर और बीट के सिपाही को को निलंबित कर दिया गया है. मामले और जो लोग भी दोषी पाए जायेगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.