फर्रुखाबादः शादी के वक्त जिंदगी भर साथ रहने की कसम खाने वाले तो आपको दिख ही जाएंगे. लेकिन इस कसम को निभाने वाले लोग दुनिया में बहुत काम है. एक ऐसा ही अनोखा मामला बुधवार को फतेहगढ़ से सामने आया है. केरल के रहने वाले शिक्षक की दो साल पहले लॉकडाउन के दौरान मौत हो गई थी. जिसकी वजह से शव फतेहगढ़ में दफना दिया गया था. वहीं, अब उनकी पत्नी जिलाधिकारी से अनुमति लेकर पति का शव कब्र से निकलवाया है.
केरल के कोट्टायम के इमरोयल हाउस की रहने वाली जॉली ने बताया कि फतेहगढ़ में स्थित सेंट एंथोनी में वह शिक्षिका है. केरल से फर्रुखाबाद आकर जॉली और उनके पति पॉल ईजे बीते कई वर्षों से स्कूल में पढ़ा रहे थे. दो साल पहले कोरोना काल के दौरान पति पॉल की मौत हो गयी थी. कोरोना काल में देश भर में लगे लॉकडाउन के चलते वह पति के शव को केरल नहीं ले जा सकी. जिसके चलते शव को फतेहगढ़ स्थित ईसाई कब्रिस्तान में दफना दिया गया था.
जॉली ने बताया कि उसने जिलाधिकारी से पति के शव के अवशेषों को निकालकर अपने साथ केरल ले जाने की अनुमति मांगी थी. जिलधिकारी द्वारा अनुमति मिलने पर कब्र को खोदकर प्रशासन ने उनके पति के अवशेषों को उन्हें सौंप दिया है. एसडीएम संजय सिंह ने बताया कि चर्च का मामला है. स्व.पाल की पत्नी जॉली केरला की रहने वाली हैं. जॉली ने जिलाधिकारी के पास आवेदन किया था कि उनके पति का जो अवशेष है उसे केरल ले जाने की अनुमति दी जाए. डीएम के आदेश पर डिप्टी सीएमओ के सामने शव के अवशेष को निकालकर उनकी पत्नी जॉली को सौंप दिया. ताकि वह धार्मिक आस्था के अनुरूप उनकी बॉडी को केरला ले जा सकें. एसडीएम ने बताया कि पॉल ईजे की मृत्यु 2021 में हुई थी.