फर्रुखाबाद: पड़ोसी देश से भले ही सरहद पर आए दिन गोलियों की आवाज सुनाई देती हो, लेकिन प्यार की कोई सरहद नहीं होती. इसीलिए तो यूपी के फर्रुखाबाद के मोहम्मद जमाल का दिल पाकिस्तान की इरम पर आ गया. दोनों की तीन साल पहले फेसबुक और वाट्सएप के जरिए दोस्ती हुई. इसके बाद दोनों का प्यार परवान चढ़ा. दोनों के परिजनों को जब इस बात का पता चला को दोनों परिवारों ने निकाह के लिए हामी भर दी. मोहम्मद जमाल के परिजन 7 जून को पाकिस्तान जाने के लिए रवाना हुए. वे 10 जून को वहां पहुंचे. 17 जून को कराची के गरीबाबाद में मोहम्मद जमाल और इरम का निकाह संपन्न हुआ.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मोहम्मद जमाल के पिता अलीमुद्दीन ने बताया कि मेरा बेटा जरदोजी का काम करता है. 3 साल पहले फेसबुक के जरिए उसकी पाकिस्तान की लड़की इरम से बातचीत हुई. मुझे कुछ दिनों बाद यह बात पता लगी कि इरम कराची के गरीबाबाद निवासी शहजाद की पुत्री है जोकि मेरे दूर के रिश्तेदार भी लगते हैं. इसके बाद उन्होंने निकाह के लिए हामी भर दी.
पिछले दिनों मोहम्मद जमाल अकेले ही पाकिस्तान चला गया. उसकी मां अस्वस्थ होने के कारण निकाह में नहीं जा सकी. 17 जून को उनका निकाह सकुशल हो गया. उन्होंने बताया कि मोहम्मद जमाल ने मदरसे से शिक्षा प्राप्त की है. वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है. मोहम्मद जमाल ने कक्षा 7 तक ही पढ़ाई की है. इंटरनेट के जरिए जमाल इरम के संपर्क में आया. दोनों ने शादी करने की ठान ली थी. फिर दोनों परिवारों में बातचीत के बाद निकाह के लिए रजामंदी हो गई.
अलीमुद्दीन ने बताया कि पुत्रवधू इरम ट्यूशन शिक्षिका है. वह बच्चों को पढ़ाती है. उसके माता-पिता नहीं हैं. अलीमुद्दीन ने कहा कि जमाल उनके संपर्क में है. अभी उसके आने की तारीख तय नहीं हुई है. दुल्हन का स्वागत करने की तैयारियां में जुटे हुए हैं. अलीमुद्दीन ने बताया कि उनके 4 बच्चे हैं. इसमें दो बेटा और दो बेटी हैं. इसमें जमाल की ही शादी हुई है. जमाल का एक बड़ा भाई है, जिसकी शादी नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि निकाह की जानकारी मिलते ही मोहल्ले के लोग बधाई देने घर पर आ रहे हैं. कानूनी कार्यवाही पूरी होते ही इरम और जमाल घर आएंगे.
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जानकारों के मुताबिक, इस मामले में पहले एक साल के लिए अस्थायी वीजा मिलेगा. इसे छह-छह माह के लिए 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इस दौरान महिला की ओर से स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है. सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने पर विदेश मंत्रालय द्वारा नागरिकता प्रदान की जाती है.
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