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फर्रुखाबाद: असीम ऑपरेशन बंद करने पर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

बोरवेल में गिरी 8 वर्षीय बच्ची को 58 घंटे की कवायद के बाद भी नहीं निकाला जा सका. शुक्रवार रात 12 बजे सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया. नाराज ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग करते हुए अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी बच्ची के परिजनों पर खुदाई रुकवाने का दबाव बना रहे हैं.

सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया बंद
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Published : Apr 6, 2019, 8:12 AM IST

Updated : Apr 6, 2019, 2:25 PM IST

फर्रुखाबाद: बोरवेल में गिरी 8 वर्षीय बच्ची (सीमा) को 58 घंटे की कवायद के बाद भी नहीं निकाला जा सका. रात 12 बजे के आस-पास रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में छोड़कर सेना और प्रशासन के अधिकारियों के जाते ही लोगों ने नारेबाजी की. लोगों ने बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकालने और मुआवजे की मांग उठाई. वहीं सेना के जाते ही पुलिस बल और पीएसी को तैनात कर दिया गया है.

बच्ची को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन बंद

कमालगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव रसीदपुर में बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के प्रयास में जुटी एनआरडीएफ, सीआरडीएफ और सेना के जवानों का प्रयास बार-बार मिट्टी धंसने से सफल नहीं हो सका. इसके बाद सेना ने शुक्रवार रात करीब 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद करना ही उचित समझा. वहीं बिना बच्ची की सूचना दिए अधिकारियों के जाने से नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकालने के साथ मुआवजे की मांग करते हुए प्रदर्शन किया.


ग्रामीण संजीवनी देवी ने कहा कि उन्हें अपने ही घर से प्रशासन के लोगों ने सुबह निकाल दिया था. एक तो खुदाई के कारण घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और अब बच्ची को भी नहीं निकाला जा रहा है. इसको सहन नहीं किया जाएगा. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारी बच्ची (सीमा) के परिजनों पर खुदाई रुकवाने का दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों कह रहे कि यदि खुदाई होती है तो जिन मकानों को क्षति पहुंचेगी, उसकी भरपाई बच्ची के घरवाले करेंगे. प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं दी जाएगी.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लेखपाल और प्रधान हरीश चंद जबरदस्ती एक कागज में हस्ताक्षर करा रहे हैं, जिस पर लिखा हुआ है कि हम अपनी मर्जी से खुदाई को रुकवा रहे हैं. जबकि हम लोग घर टूट जाने के बावजूद बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकाले जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीमा के चाचा सुरेंद्र को प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रधान हरीश चंद दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराने के लिए घर से उठा ले गए हैं.

फर्रुखाबाद: बोरवेल में गिरी 8 वर्षीय बच्ची (सीमा) को 58 घंटे की कवायद के बाद भी नहीं निकाला जा सका. रात 12 बजे के आस-पास रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में छोड़कर सेना और प्रशासन के अधिकारियों के जाते ही लोगों ने नारेबाजी की. लोगों ने बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकालने और मुआवजे की मांग उठाई. वहीं सेना के जाते ही पुलिस बल और पीएसी को तैनात कर दिया गया है.

बच्ची को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन बंद

कमालगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव रसीदपुर में बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के प्रयास में जुटी एनआरडीएफ, सीआरडीएफ और सेना के जवानों का प्रयास बार-बार मिट्टी धंसने से सफल नहीं हो सका. इसके बाद सेना ने शुक्रवार रात करीब 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद करना ही उचित समझा. वहीं बिना बच्ची की सूचना दिए अधिकारियों के जाने से नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकालने के साथ मुआवजे की मांग करते हुए प्रदर्शन किया.


ग्रामीण संजीवनी देवी ने कहा कि उन्हें अपने ही घर से प्रशासन के लोगों ने सुबह निकाल दिया था. एक तो खुदाई के कारण घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और अब बच्ची को भी नहीं निकाला जा रहा है. इसको सहन नहीं किया जाएगा. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारी बच्ची (सीमा) के परिजनों पर खुदाई रुकवाने का दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों कह रहे कि यदि खुदाई होती है तो जिन मकानों को क्षति पहुंचेगी, उसकी भरपाई बच्ची के घरवाले करेंगे. प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं दी जाएगी.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लेखपाल और प्रधान हरीश चंद जबरदस्ती एक कागज में हस्ताक्षर करा रहे हैं, जिस पर लिखा हुआ है कि हम अपनी मर्जी से खुदाई को रुकवा रहे हैं. जबकि हम लोग घर टूट जाने के बावजूद बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकाले जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीमा के चाचा सुरेंद्र को प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रधान हरीश चंद दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराने के लिए घर से उठा ले गए हैं.

Intro:एंकर- फर्रुखाबाद में बोरवेल में फंसी 8 वर्षीय सीमा को 58 घंटे की कवायद के बाद भी नहीं निकाला जा सका. रात 12 बजे के आसपास रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में छोड़कर सेना व प्रशासन के अधिकारियों के जाते ही लोगों ने नारेबाजी करते हुए बेटी जिंदा या मुर्दा निकालने व मुआवजे की मांग उठाई. सेना के जाते ही पुलिस बल व पीएसी को तैनात कर दिया गया है.


Body:विओ- कमालगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव रसीदपुर में बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के प्रयास में जुटी एनआरडीएफ सीआरडीएफ और सेना के जवानों का भरकस प्रयास बार-बार मिट्टी धंसने से पस्त पड़ गया, जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार रात करीब 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद करना ही उचित समझा. लेकिन बिना बच्ची की सूचना दिए अधिकारियों के जाने से खफा ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने बच्ची जिंदा या मुर्दा निकालने के साथ मुआवजे की मांग करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करने की सूचना गांव में फैलते ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई. उन लोगों ने पहुंचकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया.इस दौरान संजीवनी देवी ने कहा कि हमें अपने ही घर से प्रशासन के लोगों द्वारा सुबह निकाल दिया गया था. एक तो खुदाई के कारण घरों की दीवारों पर दरारें आ गई हैं और अब बच्ची को भी नहीं निकाला जा रहा है.इसको सहन नहीं किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, प्रशासन के अधिकारी सीमा के परिजनों पर खुदाई रुकवाने का दबाव बना रहे हैं और कहा जा रहा है कि यदि खुदाई होती है तो जिन मकानों को क्षति पहुंचेगी उसकी भरपाई वह लोग करेंगे.क्योकि प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं दी जाएगी.


Conclusion:विओ- उन्होंने आरोप लगाया कि लेखपाल व प्रधान हरीश चंद जबरदस्ती एक कागज में हस्ताक्षर करा रहे हैं, जिस पर लिखा हुआ है कि हम अपनी मर्जी से खुदाई को रुकवा रहे हैं, जबकि इसके उल्टा हम लोग घर टूट जाने के बावजूद बच्ची को जिंदा या मुर्दा निकाले जाने की मांग कर रहे हैं.इसके अलावा ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीमा के चाचा सुरेंद्र को प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रधान हरीश चंद दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराने के लिए घर से उठा ले गए हैं.

बाइट-संजीवनी देवी, ग्रामीण
बाइट-राजू, ग्रामीण
Last Updated : Apr 6, 2019, 2:25 PM IST
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