फर्रुखाबादः जिले में अनियमितताओं व बजट के बंदरबांट के मामले में दो ग्राम प्रधानों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने जिलास्तरीय अधिकारियों की दो अलग-अलग जांच समितियां गठित कर दी हैं. जिलाधिकारी ने जांच समितियों को 6 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. जांच के बाद आरोपी घोटालेबाज प्रधानों पर कड़ी कार्रवाई की योजना है.
50 लाख रुपये हड़पने का आरोप
जिले के विकास खंड मोहम्मदाबाद के ग्राम बिहार के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी फर्जी फर्मों के नाम पर बिलिंग कर 14वें वित्त आयोग की धनराशि का गबन करने की शिकायत डीएम से की गई है. ग्राम मोती नगला निवासी आदित्य कुमार की ओर से डीएम को शपथ-पत्र के साथ दिए गए शिकायती पत्र में लगभग 50 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता ने जाली प्रपत्रों के आधार पर तैयार मनरेगा जॉब कार्ड के सहारे बिना काम कराए ही बजट को हड़पने का आरोप लगाया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बिहार प्रधान पर पहले भी तकरीबन 6 लाख रुपये घोटाले की पुष्टि भी हो चुकी है. तकरीबन एक साल तक खाता भी सीज किया गया था.
ग्राम प्रधान ने नहीं कराया विकास कार्य
ब्लॉक शमसाबाद की ग्राम पंचायत परमनगर गंगलऊ के प्रधान सुशील यादव के खिलाफ जिलाधिकारी को शपथ-पत्रों के साथ मिली शिकायत में विकास कार्यों के लिए मिली धनराशि को हड़प लिए जाने की शिकायत की गई. विनीत कुमार, प्रदीप कुमार व सर्वेश कुमार की ओर से दिए गए शिकायती पत्रों में ग्राम प्रधान पर गांव में कोई विकास कार्य न कराने का भी आरोप लगाया गया.
इन्हें सौंपी मामले की जांच
मामले में जांच के लिए गठित समिति में जिला सेवायोजन अधिकारी अमित कुमार व लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता आदित्य कुमार को शामिल किया गया है. डीएम ने परियोजना अधिकारी डीआरडीए राजमणि वर्मा व अधिशासी अभियंता जल निगम एसके तिवारी की समिति को मामले की जांच सौंपी है.