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फर्रुखाबाद से हरदोई की सीमा में पहुंचा बाघ, तलाश में जुटी वन विभाग

फर्रुखाबाद के राजेपुर क्षेत्र में भ्रमण करता बाघ पाली क्षेत्र में राम गंगा किनारे के गांव कहरई नकटोरा में पहुंच गया. वन विभाग की टीम बाघ की तलाश में जुट गई है.

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Published : Dec 14, 2020, 2:02 AM IST

हरदोई की सीमा में पहुंचा बाघ
हरदोई की सीमा में पहुंचा बाघ

फर्रुखाबाद: जिले में राजेपुर क्षेत्र में भ्रमण करता बाघ पाली क्षेत्र में राम गंगा किनारे के गांव कहरई नकटोरा में पहुंच गया.बाघ के पगचिन्ह मिले हैं.वन विभाग के साथ ही बहराइच के कतनिर्याघाट घाट वाइल्डलाइफ डिवीजन और कानपुर चिड़ियाघर के विशेषज्ञों ने पहुंचकर चिन्हों को देखा.

थाना राजेपुर क्षेत्र के गांव उदयपुर कंचनपुर के करीब खेतों में 25 नवंबर को बाघ के पंजों के निशान मिले थे, जिस पर वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी. वन विभाग ने ड्रोन कैमरे से दो दिन निगरानी की थी. पिंजरा लगाकर बाघ को पकड़ने का भी प्रयास किया गया था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.

कानपुर की वन विभाग की टीम और डॉ. आरके सिंह ने मौके पर पहुंच कर जांच की. विभाग ने 23 नाइट विजन कैमरा लगा रखे हैं. तीन दिन कैमरा में बाघ के फुटेज नहीं मिले तो दुआ नेशनल पार्क की टीम और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम ने डेरा डाल रखा है.

थाना राजेपुर क्षेत्र के उदयपुर में कई दिनों से बाघ होने की जानकारी पर कानपुर मंडल की टीम ट्रेस करने में जुटी हुई है. वन विभाग की टीम का कहना है कि नकटोरा में सरसों के खेत में मिले पगचिन्हों के सहारे बाघ के ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं. कतर्नियाघाट घाट पर लाइव डिवीजन के इंचार्ज डॉ. सर्वेश सर्वेश राय और कानपुर से आए वन्यजीव विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार सिंह ने जांच की.

फर्रुखाबाद: जिले में राजेपुर क्षेत्र में भ्रमण करता बाघ पाली क्षेत्र में राम गंगा किनारे के गांव कहरई नकटोरा में पहुंच गया.बाघ के पगचिन्ह मिले हैं.वन विभाग के साथ ही बहराइच के कतनिर्याघाट घाट वाइल्डलाइफ डिवीजन और कानपुर चिड़ियाघर के विशेषज्ञों ने पहुंचकर चिन्हों को देखा.

थाना राजेपुर क्षेत्र के गांव उदयपुर कंचनपुर के करीब खेतों में 25 नवंबर को बाघ के पंजों के निशान मिले थे, जिस पर वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी. वन विभाग ने ड्रोन कैमरे से दो दिन निगरानी की थी. पिंजरा लगाकर बाघ को पकड़ने का भी प्रयास किया गया था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.

कानपुर की वन विभाग की टीम और डॉ. आरके सिंह ने मौके पर पहुंच कर जांच की. विभाग ने 23 नाइट विजन कैमरा लगा रखे हैं. तीन दिन कैमरा में बाघ के फुटेज नहीं मिले तो दुआ नेशनल पार्क की टीम और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की टीम ने डेरा डाल रखा है.

थाना राजेपुर क्षेत्र के उदयपुर में कई दिनों से बाघ होने की जानकारी पर कानपुर मंडल की टीम ट्रेस करने में जुटी हुई है. वन विभाग की टीम का कहना है कि नकटोरा में सरसों के खेत में मिले पगचिन्हों के सहारे बाघ के ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं. कतर्नियाघाट घाट पर लाइव डिवीजन के इंचार्ज डॉ. सर्वेश सर्वेश राय और कानपुर से आए वन्यजीव विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार सिंह ने जांच की.

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