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फर्रुखाबाद: गंगा तट पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में सोमवार को गंगा दशहरा पर कई घाटों पर भीड़ देखने को मिली. हालांकि इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात थी फिर भी सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.

crowd on ghats
घाटों पर लोगों की भीड़
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Published : Jun 1, 2020, 11:16 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले में सोमवार को गंगा दशहरा पर्व पर विभिन्न घाटों पर भक्तों का सैलाब देखने को मिला. जिला प्रशासन की रोक के बावजूद सुबह से ही बड़ी तादात में लोगों ने गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाई. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान तो मुस्तैद दिखे, लेकिन इसके बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव और मां गंगा की पूजा भी की.

घाटों पर लोगों की भीड़.

गंगा दशहरा के अवसर पर पांचाल घाट, ढाई घाट समेत अन्य गंगा घाटों पर सुबह से ही लोगों का गंगा स्नान करना शुरू हो गया था. घाटों पर कई स्थानों पर दुकानें भी लगाई गई थीं. श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाने के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया. साथ ही परिवार के सुख और समृद्धि की कामना की.

प्रशासन की तैयारी
कोरोना महामारी संकट की वजह से गंगा दशहरा पर घाटों पर भीड़ एकत्र न हो सके इसके लिए पांचाल घाट के आसपास चार बैरियर लगाए गए थे. इसके बावजूद भक्तों को गंगा घाटों पर पहुंचने से पुलिस रोक नहीं सकी. चौकसी के लिए सीओ सीटी मन्नी लाल गौड़ के साथ शहर कोतवाली समेत भारी पुलिस फोर्स तैनात रही. हालांकि इसके बाद भी गंगा स्नान करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्ज्यिां उड़ाई गईं.

यह है मान्यता
बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाराज भगीरथ की तपस्या के बाद इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है. स्नान के साथ-साथ इस दिन दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन सुराही, हाथ वाला पंखा और फल को दान करने का विशेष महत्व है.

कोविड-19 से बचाव के चलते चार स्थानों पर बैरियर लगाए गए हैं. गंगा घाट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्नान कराया जा रहा है. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
-मन्नी लाल गौड़, सीओ सिटी

फर्रुखाबाद: जिले में सोमवार को गंगा दशहरा पर्व पर विभिन्न घाटों पर भक्तों का सैलाब देखने को मिला. जिला प्रशासन की रोक के बावजूद सुबह से ही बड़ी तादात में लोगों ने गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाई. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान तो मुस्तैद दिखे, लेकिन इसके बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. श्रद्धालुओं ने भगवान शिव और मां गंगा की पूजा भी की.

घाटों पर लोगों की भीड़.

गंगा दशहरा के अवसर पर पांचाल घाट, ढाई घाट समेत अन्य गंगा घाटों पर सुबह से ही लोगों का गंगा स्नान करना शुरू हो गया था. घाटों पर कई स्थानों पर दुकानें भी लगाई गई थीं. श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाने के साथ सूर्य देव को अर्घ्य दिया. साथ ही परिवार के सुख और समृद्धि की कामना की.

प्रशासन की तैयारी
कोरोना महामारी संकट की वजह से गंगा दशहरा पर घाटों पर भीड़ एकत्र न हो सके इसके लिए पांचाल घाट के आसपास चार बैरियर लगाए गए थे. इसके बावजूद भक्तों को गंगा घाटों पर पहुंचने से पुलिस रोक नहीं सकी. चौकसी के लिए सीओ सीटी मन्नी लाल गौड़ के साथ शहर कोतवाली समेत भारी पुलिस फोर्स तैनात रही. हालांकि इसके बाद भी गंगा स्नान करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्ज्यिां उड़ाई गईं.

यह है मान्यता
बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाराज भगीरथ की तपस्या के बाद इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है. स्नान के साथ-साथ इस दिन दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन सुराही, हाथ वाला पंखा और फल को दान करने का विशेष महत्व है.

कोविड-19 से बचाव के चलते चार स्थानों पर बैरियर लगाए गए हैं. गंगा घाट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्नान कराया जा रहा है. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
-मन्नी लाल गौड़, सीओ सिटी

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