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गैर जनपदों के शिक्षकों के स्कूल आवंटन में धांधली, शिक्षकों में रोष

यूपी के फर्रुखाबाद में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत गैर जनपदों से आए शिक्षकों के स्कूल आवंटन में धांधली के आरोप लगने लगे हैं. इससे शिक्षकों में रोष है. कार्यालय के बाबू की पत्नी को बढ़पुर और दिव्यांगों को 30 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है. मनमाफिक स्कूल न मिलने के चलते 11 शिक्षक अनुपस्थित हो गए हैं.

ऑनलाइन स्क्रीन पर बढ़पुर ब्लाक के तीन चार विद्यालय नजर आए
ऑनलाइन स्क्रीन पर बढ़पुर ब्लाक के तीन चार विद्यालय नजर आए
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Published : Feb 15, 2021, 12:46 PM IST

फर्रुखाबाद : अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत गैर जनपदों से जिले में आए शिक्षकों ने स्कूल आवंटन में धांधली के आरोप लगाए हैं. इसके चलते शिक्षकों में रोष है. आरोप है कि कार्यालय के बाबू की पत्नी को बढ़पुर और दिव्यांगों को 30 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है. मनमाफिक स्कूल न मिलने के चलते 11 शिक्षक अनुपस्थित हो गए हैं.

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद फर्रुखाबाद जिले को 290 शिक्षक मिले थे. इनमें से 244 शिक्षकों ने ही जिले में नियुक्ति ली. प्रक्रिया के दौरान 46 शिक्षक नियुक्त पत्र लेने ही नहीं आए. विकास भवन के सभागार में 2 दिन चली स्कूल आवंटन प्रक्रिया में 233 शिक्षकों को ही स्कूल आवंटित किए गए. वहीं इच्छा के अनुरूप विद्यालय नहीं मिलने के कारण 11 शिक्षक अनुपस्थित हो गए हैं.

ऑनलाइन स्क्रीन पर बढ़पुर ब्लॉक के तीन चार विद्यालय नजर आए

प्राथमिक विद्यालय के आवंटन के दौरान शुक्रवार को बाहर चस्पा करवाई गई सूची में बढ़पुर ब्लॉक का एक भी विद्यालय नहीं था. जबकि सभागार में ऑनलाइन स्क्रीन पर बढ़पुर ब्लॉक के तीन चार विद्यालय नजर आ रहे थे. इनमें एक विद्यालय कार्यालय के ही एक बाबू की पत्नी को मिल गया, जबकि दिव्यांग शिक्षकों को 30 किलोमीटर दूर तक के स्कूल में मिले. इसके साथ ही सात अंक वालों को शहर के पास और 20 अंक वाले को दूर के स्कूल मिले. शहर से मात्र 6 किलोमीटर दूर राजेपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पंखियन में शिक्षामित्र और शिक्षकों समेत 5 का स्टाफ था. यहां पर 4 शिक्षक और भेज दिए गए हैं, जबकि यहां विद्यार्थियों की संख्या 165 है.

स्पेलिंग में अंतर कर सर्च को किया ब्लॉक

सूत्रों के अनुसार स्कूल आवंटन के दौरान स्कूल की सूची को कंप्यूटर स्क्रीन पर ब्लॉक के नाम के आधार पर छांट लिया जाता है. इससे बढ़पुर ब्लॉक सबसे ऊपर या नीचे चला गया. अभ्यार्थियों को उतनी ही स्क्रीन रोल पर दिखाई गई, जिससे बढ़पुर ब्लॉक उन्हें दिखाई न दे. अभ्यर्थी से बढ़पुर ब्लॉक डालकर सर्च करने को कहा तो स्पेलिंग में अंतर कर बढ़पुर ब्लॉक को सर्च किया गया. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी फिलहाल इससे पल्ला झाड़ रहे हैं.

बीएसए को नहीं है जानकारी

बीएसए लालजी यादव का कहना है कि स्कूलों की सूची एनआईसी लखनऊ से ही अपलोड की गई है. उसी के अनुसार स्कूल आवंटित किए गए. वह यह भी नहीं बता सके कि बाहर चस्पा सूची के साथ ऑनलाइन स्क्रीन पर शहर के आसपास के स्कूल कैसे खुल जाते हैं.

फर्रुखाबाद : अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत गैर जनपदों से जिले में आए शिक्षकों ने स्कूल आवंटन में धांधली के आरोप लगाए हैं. इसके चलते शिक्षकों में रोष है. आरोप है कि कार्यालय के बाबू की पत्नी को बढ़पुर और दिव्यांगों को 30 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है. मनमाफिक स्कूल न मिलने के चलते 11 शिक्षक अनुपस्थित हो गए हैं.

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद फर्रुखाबाद जिले को 290 शिक्षक मिले थे. इनमें से 244 शिक्षकों ने ही जिले में नियुक्ति ली. प्रक्रिया के दौरान 46 शिक्षक नियुक्त पत्र लेने ही नहीं आए. विकास भवन के सभागार में 2 दिन चली स्कूल आवंटन प्रक्रिया में 233 शिक्षकों को ही स्कूल आवंटित किए गए. वहीं इच्छा के अनुरूप विद्यालय नहीं मिलने के कारण 11 शिक्षक अनुपस्थित हो गए हैं.

ऑनलाइन स्क्रीन पर बढ़पुर ब्लॉक के तीन चार विद्यालय नजर आए

प्राथमिक विद्यालय के आवंटन के दौरान शुक्रवार को बाहर चस्पा करवाई गई सूची में बढ़पुर ब्लॉक का एक भी विद्यालय नहीं था. जबकि सभागार में ऑनलाइन स्क्रीन पर बढ़पुर ब्लॉक के तीन चार विद्यालय नजर आ रहे थे. इनमें एक विद्यालय कार्यालय के ही एक बाबू की पत्नी को मिल गया, जबकि दिव्यांग शिक्षकों को 30 किलोमीटर दूर तक के स्कूल में मिले. इसके साथ ही सात अंक वालों को शहर के पास और 20 अंक वाले को दूर के स्कूल मिले. शहर से मात्र 6 किलोमीटर दूर राजेपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पंखियन में शिक्षामित्र और शिक्षकों समेत 5 का स्टाफ था. यहां पर 4 शिक्षक और भेज दिए गए हैं, जबकि यहां विद्यार्थियों की संख्या 165 है.

स्पेलिंग में अंतर कर सर्च को किया ब्लॉक

सूत्रों के अनुसार स्कूल आवंटन के दौरान स्कूल की सूची को कंप्यूटर स्क्रीन पर ब्लॉक के नाम के आधार पर छांट लिया जाता है. इससे बढ़पुर ब्लॉक सबसे ऊपर या नीचे चला गया. अभ्यार्थियों को उतनी ही स्क्रीन रोल पर दिखाई गई, जिससे बढ़पुर ब्लॉक उन्हें दिखाई न दे. अभ्यर्थी से बढ़पुर ब्लॉक डालकर सर्च करने को कहा तो स्पेलिंग में अंतर कर बढ़पुर ब्लॉक को सर्च किया गया. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी फिलहाल इससे पल्ला झाड़ रहे हैं.

बीएसए को नहीं है जानकारी

बीएसए लालजी यादव का कहना है कि स्कूलों की सूची एनआईसी लखनऊ से ही अपलोड की गई है. उसी के अनुसार स्कूल आवंटित किए गए. वह यह भी नहीं बता सके कि बाहर चस्पा सूची के साथ ऑनलाइन स्क्रीन पर शहर के आसपास के स्कूल कैसे खुल जाते हैं.

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