फर्रुखाबाद: जनपद के राजेपुर ब्लॉक स्थित एक सरकारी स्कूल की बदहाली की एक नई तस्वीर सामने आई थी. गलारपुर स्थित इस प्राथमिक विद्यालय में एक कमरे में 159 बच्चे पढ़ाई करते हैं. ऐसे में बच्चों को कड़ाके की ठंड में सड़क पर ही पढ़ाया जा रहा था. इस बारे में विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि वह इस संबंध में अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. यहां भूमि विवाद के चलते बच्चों को स्कूल की छत नहीं मिल पा रही है. ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए फर्रुखाबाद डीएम ने अस्थायी रूप से विद्यालय के मूल भवन बनने तक इसे स्थानांतरित कर दिया है.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया कि डीएम संजय कुमार सिंह ने 27 दिसंबर 2023 से विकासखंड राजेपुर के प्राथमिक विद्यालय गलारपुर को नजदीक ही उच्च प्राथमिक विद्यालय राजपुर विकासखंड राजेपुर में तथा प्राथमिक विद्यालय हरसिंहपुर कायस्थ को निकटतम उच्च प्राथमिक विद्यालय उगरपुर कटरी विकासखंड राजेपुर में नितांत अस्थायी रूप से विद्यालय में मूल भवन बनने तक शिक्षण कार्य के लिए स्थानांतरित कर दिया है.
डीएम ने दोनों विद्यालयों के संचालन के संबंध में देरी से प्रस्ताव दिए जाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी राजेपुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दोनों भवन में प्राथमिक विद्यालय गलारपुर का भवन जर्जर हो जाने के कारण नीलाम किया गया था, लेकिन भूमि संबंधित विवाद के कारण भवन नहीं बन पाया. इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालय हरसिंहपुर कायस्थ का भवन वर्ष 2021 में गंगा की बाढ़ से हुए कटान से बह गया था.
प्रधानाध्यापक यतींद्र खरे ने बताया कि विद्यालय में 159 बच्चे पंजीकृत हैं. प्राथमिक विद्यालय गलारपुर राजेपुर ब्लॉक क्षेत्र में पड़ता है. यहां एक प्रधानाध्यापक और दो टीचर तैनात हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल में 5 क्लास रूम होने चाहिए. लेकिन, स्कूल में एक कमरा, एक शौचलाय और एक रसोईघर है. विद्यालय परिसर के बाहर एक खराब हैंडपंप लगा है. उन्होंने बताया कि बच्चों के पीने के पानी की व्यवस्था कुछ दूर पर ही कराई गई है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में जो एक कक्ष है, उसमें विद्यालय की सामग्री जैसे स्टेशनरी, फर्नीचर आदि भरा है. इस वजह से कमरा भर गया है. मजबूरी में बच्चों को बाहर पढ़ाना पड़ रहा है.
प्रधानाध्यापक ने बताया कि उनकी तैनाती वर्ष 2021 में हुई थी, उसी समय से विद्यालय ऐसा ही बना हुआ है. उन्होंने इस संबंध में सूचना आलाअधिकारियों को दी थी. विद्यालय परिसर की बिल्डिंग 2018 में नीलाम हुई थी. उन्होंने बताया कि विद्यालय की बिल्डिंग का निर्माण सन् 1962 में हुआ था. उन्होंने बताया कि विद्यालय की भूमि को लेकर विवाद चल रहा है. इस वजह से बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो पा रहा है. मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में हैं. उन्होंने बताया कि मजबूरी में उन्हें बच्चों को बाहर पढ़ाना पड़ रहा है.
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