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अबकी बार पंचायत चुनाव में चलेगा 'वन बॉक्स फोर वोट' - वन बॉक्स फोर वोट

यूपी के फर्रुखाबाद जिले में इस बार पंचायत चुनाव में 'वन बॉक्स फोर वोट' चलेगा. आयोग की नई व्यवस्था से वोटर को दो बार लाइन में भी नहीं लगना होगा. एक ही बार में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र मुहर लगाकर मतपेटी में डाले जाएंगे.

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वन बॉक्स फोर वोट
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Published : Feb 27, 2021, 6:16 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है चुनाव की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. इस बार राज्य निर्वाचन आयोग आगामी पंचायत चुनाव में वन बॉक्स फोर वोट का सिद्धांत लागू करने जा रहा है. इसके चलते मतदाताओं को दो-दो बार लाइन नहीं लगाना होगा. एक ही बार में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र मुहर लगाकर मतपेटी में डाले जाएंगे. आयोग की नई व्यवस्था से वोटर को दो बार लाइन में भी नहीं लगना होगा. जबकि विगत चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य के लिए एक मतपेटी और क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के लिए दूसरा बैलेट बॉक्स रखा जाता था.

जानकारी देते सहायक निर्वाचन अधिकारी

सहायक निर्वाचन अधिकारी जियाउल हसन ने बताया कि पूर्व में एक ही मतदाता को बैलेट पेपर लेने के लिए दो बार लाइन में लगना पड़ता था. पंचायत चुनाव के मतपत्र पर प्रत्याशी का नाम नहीं होता है. केवल चुनाव चिन्ह के आधार पर ही वोट देना होता है. ऐसे में अगर चारों पदों पर 10-10 प्रत्याशी भी हुए तो एक मतदाता को प्रधान ग्राम, पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के 40 चुनाव चिन्ह याद रखने होंगे. नई व्यवस्था में कम पढ़े और वृद्ध मतदाताओं के भ्रमित होने की आशंका भी जताई जा रही है.

जिला प्रशासन ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की कवायद तेज कर दी है. वर्ष 1995 में हुए पंचायत चुनाव में 90 फीसद या उससे अधिक वोट पड़े थे. वहीं ऐसे बूथ भी तलाशे जा रहे हैं, जहां किसी एक प्रत्याशी को ही 75% या उससे अधिक मत मिले थे. सांप्रदायिक व जातीय हिंसा का इतिहास वाले केंद्रों की भी पहचान की जा रही है.

फर्रुखाबाद: जिले में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है चुनाव की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. इस बार राज्य निर्वाचन आयोग आगामी पंचायत चुनाव में वन बॉक्स फोर वोट का सिद्धांत लागू करने जा रहा है. इसके चलते मतदाताओं को दो-दो बार लाइन नहीं लगाना होगा. एक ही बार में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र मुहर लगाकर मतपेटी में डाले जाएंगे. आयोग की नई व्यवस्था से वोटर को दो बार लाइन में भी नहीं लगना होगा. जबकि विगत चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य के लिए एक मतपेटी और क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के लिए दूसरा बैलेट बॉक्स रखा जाता था.

जानकारी देते सहायक निर्वाचन अधिकारी

सहायक निर्वाचन अधिकारी जियाउल हसन ने बताया कि पूर्व में एक ही मतदाता को बैलेट पेपर लेने के लिए दो बार लाइन में लगना पड़ता था. पंचायत चुनाव के मतपत्र पर प्रत्याशी का नाम नहीं होता है. केवल चुनाव चिन्ह के आधार पर ही वोट देना होता है. ऐसे में अगर चारों पदों पर 10-10 प्रत्याशी भी हुए तो एक मतदाता को प्रधान ग्राम, पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के 40 चुनाव चिन्ह याद रखने होंगे. नई व्यवस्था में कम पढ़े और वृद्ध मतदाताओं के भ्रमित होने की आशंका भी जताई जा रही है.

जिला प्रशासन ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की कवायद तेज कर दी है. वर्ष 1995 में हुए पंचायत चुनाव में 90 फीसद या उससे अधिक वोट पड़े थे. वहीं ऐसे बूथ भी तलाशे जा रहे हैं, जहां किसी एक प्रत्याशी को ही 75% या उससे अधिक मत मिले थे. सांप्रदायिक व जातीय हिंसा का इतिहास वाले केंद्रों की भी पहचान की जा रही है.

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