फर्रुखाबाद: दहेज के मामले में एससीएसटी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश सरवर हुसैन रिजवी ने मां-बेटे को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं जुर्माना अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कैद का आदेश दिया है.
दरअसल, जनपद में तीन वर्ष पूर्व दहेज में बाइक और वाशिंग मशीन न मिलने पर विवाहिता को जलाकर मार दिया गया था. कस्बा बेवर के मोहल्ला मरकिचिया निवासी रन्नो देवी ने सात मार्च 2016 को मेरापुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि कि उन्होंने अपनी बेटी गायत्री का विवाह मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव हथौड़ा निवासी विनोद के साथ किया था. शादी के कुछ माह बाद ही विनोद, उसकी मां तुलसा देवी, जेठ बहोरन, चचिया ससुर करतार सिंह दहेज में बाइक और वाशिंग मशीन की मांग करने लगे और मांग पूरी न होने पर उनकी पुत्री का उत्पीड़न करने लगे.
22 फरवरी 2016 को आरोपियों ने पुत्री पर केरोसिन डालकर आग लगा दी, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई. आग लगाने से पूर्व पुत्री के साथ मारपीट भी की गई थी. सूचना पर जब वह लोग मौके पर पहुंचे तो पुत्री घायल अवस्था में पड़ी थी. घायल अवस्था में गायत्री को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसी बीच मजिस्ट्रेट ने अस्पताल पहुंचकर पुत्री का बयान लिया. हालत गंभीर होने पर घायल गायत्री को सैफई रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इस मामले में मुकदमे के विवेचक तत्कालीन क्षेत्राधिकारी प्रकाश कुमार ने 26 मई 2016 को मृतका के पति और सास के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मुकदमे की सुनवाई के दौरान एडीजीसी अनूप कुमार तिवारी और बचाव पक्ष की दलीले सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोनों अभियुक्तों को गैर इरादतन हत्या में उम्रकैद, दहेज उत्पीड़न में दो वर्ष की सश्रम कैद, तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना और छह माह की कैद और दो-दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.