फर्रुखाबाद : जिले में पूर्व डीपीआरओ की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जिले में करीब साढे़ 3 वर्ष जिला पंचायत राज अधिकारी रहे डीपीआरओ और वर्तमान समय में सहायक जिला पंचायत अधिकारी एडीपीआरओ के पद पर तैनात अमित त्यागी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन पर महिला ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीओ) ने उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. विशाखा समिति की जांच में तत्कालीन डीपीआरओ में सफाई कर्मचारी पर लगाए गए आरोप सही मिले हैं.
'महिला वीडीओ से सफाईकर्मी करता था अश्लील बातें'
दरअसल, 30 जनवरी को जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने विभिन्न आरोपों में अमित त्यागी को कार्य मुक्त कर दिया था. फिलहाल निर्देशक पंचायती राज की जल सिंह ने डीएम के आदेश को निरस्त करते हुए आरोप पत्र जारी करने को कहा है. हालांकि एडीपीआरओ ने अभी यहां योगदान नहीं दिया है. उत्पीड़न से त्रस्त महिला वीडीओ ने पिछले वर्ष 1 नवंबर को विकास भवन में हंगामा किया था. मुख्य विकास अधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मामले की जांच की विशाखा समिति को सौंपी थी. समिति की जांच रिपोर्ट के अनुसार सफाई कर्मी कुमार को तत्कालीन डीपीआरओ का आरक्षण प्राप्त था. जब भी पीड़िता ने डीपीआरओ में उत्पीड़न की शिकायत की तो उसका ही बिना किसी आधार संबद्धीकरण स्थानांतरण किया जाता रहा.
विशाखा समिति को दिए बयान में पीड़िता ने बताया कि दिसंबर 2019 से प्रवीण सफाई कर्मचारी उसे परेशान कर रहा था. आंतरिक परिवाद समिति का गठन न होने के कारण तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी अमित त्यागी से शिकायत की. जब भी वह हस्ताक्षर करने डीपीआरओ कार्यालय जाती तो सफाई कर्मी अश्लील बातें करता था.
4 साल की नौकरी में 5 बार स्थानांतरण
जांच में पाया गया कि महिला वीडीओ का लगभग 4 साल की नौकरी में 5 बार स्थानातरण किया गया. समिति का मानना है कि ऐसा किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही किया गया होगा.
कार्रवाई के लिए डीएम को भेजी गई रिपोर्ट
मुख्य विकास अधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि विशाखा समिति की रिपोर्ट जिलाधिकारी को आगामी कार्रवाई के लिए भेज दी गई है.