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फर्रुखाबाद में सड़क किनारे रहकर गुजारा कर रहे बाढ़ पीड़ित, अधिकारी अदा कर रहे खानापूर्ति

फर्रुखाबाद में गंगा के तेज बहाव से लगातार कटान जारी है. ऐसे में ग्रामीण सड़क के किनारे रहने के लिए मजबूर हैं, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक उनकी कोई सहायता नहीं की गई है.

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फर्रुखाबाद में गंगा
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Published : Sep 24, 2022, 9:16 PM IST

फर्रुखाबादः कमालगंज थाना क्षेत्र के जंजाली नगला गांव में लगातार कटान जारी है. इससे करीब 6 से अधिक मकान गंगा में समा चुके हैं. डरे हुए ग्रामीण अपने-अपने हाथ से मकान तोड़ रहे हैं, जिससे उनकी ईटों को बचाया जा सके. वहीं, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा हुआ, लेकिन सहायता के नाम पर उनकी अनदेखी की गई.

ग्रामीणों का का कहना है कि उन्हें हर वक्त जंगली जानवरों व सांप कीड़ों का भय सताता रहता है, जिससे वह रात में जाग-जागकर रातें गुजार रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर जमकर भड़ास निकाली और कहा कि चुनाव के वक्त सारे जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए आ जाते हैं, लेकिन आज हम लोगों पर जब खराब समय आया है तब कोई भी जनप्रतिनिधि यहां पर दिखाई नहीं दे रहा है.

ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि 'जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन हम लोगों के रहने और खाने के लिए कुछ व्यवस्था करे, जिससे हम लोग अपना और अपने बच्चों का पेट पाल सकें.' फिलहाल अभी तक किसी ग्रामीण को किसी तरीके की सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई है और न ही रहने के लिए कोई स्थान दिया गया है. सड़क के किनारे ग्रामीण जीवनयापन कर रहे हैं. वहीं, बीते दिनों डीएम संजय कुमार ने गांव का दौरा किया था और ग्रामीणों को सुविधा मुहैया कराने के निर्देश भी दिए थे.

पढ़ेंः फर्रुखाबाद में लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, 322 गांवों में बाढ़ का खतरा

बता दें, कि नायब तहसीलदार ने भी गांव का भ्रमण किया गया था और लोगों की समस्याएं सुनी. इस दौरान उन्होंने बेघर हुए लोगों को बाढ़ चौकी पर ठहरने के लिए कहा है. बाढ़ ग्रस्त गांव को चिन्हित किया जा रहा है. हर संभव मदद देने का प्रयास जारी है.

पढ़ेंः फर्रुखाबाद में उफान पर गंगा नदी, घरों में घुसा बाढ़ का पानी

फर्रुखाबादः कमालगंज थाना क्षेत्र के जंजाली नगला गांव में लगातार कटान जारी है. इससे करीब 6 से अधिक मकान गंगा में समा चुके हैं. डरे हुए ग्रामीण अपने-अपने हाथ से मकान तोड़ रहे हैं, जिससे उनकी ईटों को बचाया जा सके. वहीं, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा हुआ, लेकिन सहायता के नाम पर उनकी अनदेखी की गई.

ग्रामीणों का का कहना है कि उन्हें हर वक्त जंगली जानवरों व सांप कीड़ों का भय सताता रहता है, जिससे वह रात में जाग-जागकर रातें गुजार रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर जमकर भड़ास निकाली और कहा कि चुनाव के वक्त सारे जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए आ जाते हैं, लेकिन आज हम लोगों पर जब खराब समय आया है तब कोई भी जनप्रतिनिधि यहां पर दिखाई नहीं दे रहा है.

ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि 'जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन हम लोगों के रहने और खाने के लिए कुछ व्यवस्था करे, जिससे हम लोग अपना और अपने बच्चों का पेट पाल सकें.' फिलहाल अभी तक किसी ग्रामीण को किसी तरीके की सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई है और न ही रहने के लिए कोई स्थान दिया गया है. सड़क के किनारे ग्रामीण जीवनयापन कर रहे हैं. वहीं, बीते दिनों डीएम संजय कुमार ने गांव का दौरा किया था और ग्रामीणों को सुविधा मुहैया कराने के निर्देश भी दिए थे.

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बता दें, कि नायब तहसीलदार ने भी गांव का भ्रमण किया गया था और लोगों की समस्याएं सुनी. इस दौरान उन्होंने बेघर हुए लोगों को बाढ़ चौकी पर ठहरने के लिए कहा है. बाढ़ ग्रस्त गांव को चिन्हित किया जा रहा है. हर संभव मदद देने का प्रयास जारी है.

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