फर्रुखाबाद: प्रदेश के 25 जिलों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के नाम पर हुए घोटाले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस फर्जीवाड़े में राज्य परियोजना निदेशक के आदेश पर जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षिकाओं और स्टाफ के शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है. इस दौरान चौंकाने वाली बात यह है कि इस सत्यापन प्रक्रिया से पांच शिक्षिकाएं दूरी बनाए रहीं.
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों को लेकर जांच प्रक्रिया चल रही है. कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षक, शिक्षिकाओं के मूल शैक्षिक अभिलेख विश्वविद्यालयों एवं संबंधित बोर्ड से सत्यापित कराए जा रहे हैं. दरअसल, 15 जून से एसएसए कार्यालय में सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई थी. पहले दिन 22 और दूसरे दिन 26 शिक्षिकाओं और स्टाफ ने सत्यापन प्रक्रिया में भाग लिया था. इस दौरान कुछ शिक्षिकाओं के प्रपत्रों में गड़बड़ियां भी मिली थीं. हालांकि जो 19 लोग अनुपस्थित रहे थे. उनमें से 5 शिक्षिकाएं अभी भी अनुपस्थित हैं. इसके बाद से बीएसए ऑफिस में हड़कंप मचा हुआ है.
पांच शिक्षिकाएं अनुपस्थित
बता दें कि अनामिका शुक्ला के नाम पर हुई फर्जी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र सिंह उर्फ राजू उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी की गिरफ्तारी के बाद शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है. बीएसए लालजी यादव के अनुसार, बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं समेत 67 लोगों के स्टाफ का सत्यापन होना था, लेकिन 62 लोग ही आए हैं. फिलहाल मामले की जांच कराई जा रही है. इन पांचों शिक्षिकाओं को उपस्थित होने के लिए 19 जून तक का समय दिया गया है. इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इन शिक्षिकाओं ने नहीं लिया भाग
कायमगंज बालिका विद्यालय की वार्डन निधि गुप्ता, शिक्षिका मंजू सिंह, शमशाबाद की शिक्षिका नाजरीन बानो, नवाबगंज की मोनिका और बालिका विद्यालय कमालगंज की शिक्षिका संध्या द्विवेदी ने सत्यापन में भाग नहीं लिया.