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रामनगरिया मेला: गंगा में गंदा पानी को गिरता भड़के संत, मकर संक्रांति पर स्नान नहीं करने की दी चेतावनी - Panchal Ghat Ganga Bank

फर्रुखाबाद के पांचाल घाट से लेकर भैरव घाट(Panchal Ghat to Bhairav ​​Ghat) तक गंगा में नालों का गंदा पानी (drain water in ganga) गिर रहा है. संतों ने बैठक कर इस अव्यवस्था का विरोध किया है. संतों ने एलान किया है कि वह मकर संक्रांति पर स्नान नहीं करेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 13, 2024, 10:23 PM IST

गंगा में नालों का गंदा पानी गिरता देख संतों ने किया विरोध

फर्रुखाबाद: मकर संक्रांति पर 14 और 15 जनवरी को होने वाले गंगा स्नान को लेकर साधु संतों ने शनिवार को पांचाल घाट से लेकर भैरव घाट तक गंगा में गिर रहे गंदे नालों का निरीक्षण किया. इस दौरान संतों को पांचाल घाट से लेकर भैरव घाट तक कई नाले गंगा में को गिरते मिले. साथ ही भैरव घाट पर शहर की तरफ से आने वाले नाले की धार को एक तरफ बंद कर सिर्फ खानापूर्ति की गई है. वहीं, दूसरी तरफ से नाले का पानी गंगा की तरफ बढ़ने लगा है.

कादरी गेट थाना क्षेत्र में पांचाल घाट गंगा तट पर 25 से 25 फरवरी तक लगने वाले माघ मेले में साधु संत पहुंच चुके हैं. संत समिति पांचाल घाट मेला रामनगरिया के अध्यक्ष महंत सत्य गिरी महाराज ने कहा कि यदि नालों को पूर्ण रूप से बंद नहीं किया गया तो साधु संत मकर संक्रांति पर गंगा स्नान नहीं करेंगे. प्रशासन ने गंदे नालों को दो-चार पले मिट्टी डालकर सिर्फ खानापूर्ति की है. फोन और पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी को भी अवगत कराएंगे. यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे.

इसे भी पढ़े-नालों से कराह रही गंगा में कैसे करेंगे आचमन

महात्मा जगदीश दास ने बताया कि मेले में शुक्रवार को जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह आए थे. सभी साधु संतों को बुलाया गया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. 15 जनवरी से पहला शाही स्नान है. इसके लिए न तो मेले में सड़के बनाई गई और न ही कोई व्यवस्था की गई. पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मेला के अंदर जो शौचालय बनाए गए है, उनमें नाली बना दी गई है. पहले जेसीबी से गड्ढा खोदकर शौचालय बनाए जाते थे. इस बार खानापूर्ति कर दी गई है.मेला लगते ही शौचालय भर जाएंगे और पूरे मेले में गंदगी फैल जाएगी. मेले में आवारा पशुओं का आतंक है. संतों ने बैठक कर मेले में व्यवस्थाएं ना होने पर नाराजगी जताई है.

एडीजी ने मेले के सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया

वहीं, माघ मेला रामनगरिया में पंहुचकर अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर (एडीजी) आलोक सिंह व पुलिस उप महानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र कानपुर जोगेंद्र कुमार नें सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिये. मौके पर तैनात पीएसी की कम्पनी की जानकारी की. एडीजी ने बताया कि पिछली साल मेले के दौरान पुल पर जाम की स्थिति बनी हुई थी. जिसके चलते वर्तमान में जाम न लगे इसके निर्देश दिये. मेले में आने वाले कल्पवासियों की सुरक्षा मुख्य लक्ष्य है, इसके लिए हर संभव उपाय किए जा रहे है. वहीं पुलिस लाइन सभागार ने एडीजी व डीआईजी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की. अधिकारियों से कहा कि अपराधियों पर पर कार्रवाई की जाये. कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है. सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ है.

यह भी पढ़े-माघ मेले को लेकर प्रदूषण बोर्ड सख्त,कहा- गंगा में नालों का पानी गिरने से रोकें

गंगा में नालों का गंदा पानी गिरता देख संतों ने किया विरोध

फर्रुखाबाद: मकर संक्रांति पर 14 और 15 जनवरी को होने वाले गंगा स्नान को लेकर साधु संतों ने शनिवार को पांचाल घाट से लेकर भैरव घाट तक गंगा में गिर रहे गंदे नालों का निरीक्षण किया. इस दौरान संतों को पांचाल घाट से लेकर भैरव घाट तक कई नाले गंगा में को गिरते मिले. साथ ही भैरव घाट पर शहर की तरफ से आने वाले नाले की धार को एक तरफ बंद कर सिर्फ खानापूर्ति की गई है. वहीं, दूसरी तरफ से नाले का पानी गंगा की तरफ बढ़ने लगा है.

कादरी गेट थाना क्षेत्र में पांचाल घाट गंगा तट पर 25 से 25 फरवरी तक लगने वाले माघ मेले में साधु संत पहुंच चुके हैं. संत समिति पांचाल घाट मेला रामनगरिया के अध्यक्ष महंत सत्य गिरी महाराज ने कहा कि यदि नालों को पूर्ण रूप से बंद नहीं किया गया तो साधु संत मकर संक्रांति पर गंगा स्नान नहीं करेंगे. प्रशासन ने गंदे नालों को दो-चार पले मिट्टी डालकर सिर्फ खानापूर्ति की है. फोन और पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी को भी अवगत कराएंगे. यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे.

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महात्मा जगदीश दास ने बताया कि मेले में शुक्रवार को जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह आए थे. सभी साधु संतों को बुलाया गया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. 15 जनवरी से पहला शाही स्नान है. इसके लिए न तो मेले में सड़के बनाई गई और न ही कोई व्यवस्था की गई. पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मेला के अंदर जो शौचालय बनाए गए है, उनमें नाली बना दी गई है. पहले जेसीबी से गड्ढा खोदकर शौचालय बनाए जाते थे. इस बार खानापूर्ति कर दी गई है.मेला लगते ही शौचालय भर जाएंगे और पूरे मेले में गंदगी फैल जाएगी. मेले में आवारा पशुओं का आतंक है. संतों ने बैठक कर मेले में व्यवस्थाएं ना होने पर नाराजगी जताई है.

एडीजी ने मेले के सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया

वहीं, माघ मेला रामनगरिया में पंहुचकर अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर (एडीजी) आलोक सिंह व पुलिस उप महानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र कानपुर जोगेंद्र कुमार नें सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिये. मौके पर तैनात पीएसी की कम्पनी की जानकारी की. एडीजी ने बताया कि पिछली साल मेले के दौरान पुल पर जाम की स्थिति बनी हुई थी. जिसके चलते वर्तमान में जाम न लगे इसके निर्देश दिये. मेले में आने वाले कल्पवासियों की सुरक्षा मुख्य लक्ष्य है, इसके लिए हर संभव उपाय किए जा रहे है. वहीं पुलिस लाइन सभागार ने एडीजी व डीआईजी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की. अधिकारियों से कहा कि अपराधियों पर पर कार्रवाई की जाये. कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है. सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ है.

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