ETV Bharat / state

फर्रुखाबाद का राजकीय संग्रहालय हो रहा खंडहर में तब्दील, जानें इतिहासकार ने क्या बताया

फर्रुखाबाद में 2012 में एक राजकीय संग्रहालय का आलीशान भवन बनकर तैयार हुआ था. लेकिन, यह संग्रहालय कभी चालू नहीं हुआ. सरकारी अव्यवस्था के कारण यह संग्रहालय आज खंडहर में तब्दील हो गया है.

राजकीय संग्रहालय
राजकीय संग्रहालय
author img

By

Published : May 23, 2023, 5:50 PM IST

स्थानीय और वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. रामकृष्ण राजपूत ने बताया.

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के ग्राम हाथीपुर के पास 11 साल पहले एक राजकीय राष्ट्रीय संग्रहालय बनाया गया था. अलीशान भवन में बनाया गया संग्रहालय अव्यवस्था के चलते खंडहर में तब्दील हो रहा है. भवन स्मृतियों को संजोने के लिए तैयार किया गया था. लेकिन, सरकारी उदासीनता के कारण आज तक साकार नहीं हो सका है.

करोड़ों रुपये की लागत से बना फर्रुखाबाद का राजकीय संग्रहालय भवन 2012 में बनकर तैयार हुआ था. इसके बाद से शासन ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया. संग्रहालय भवन की खिड़की और दरवाजे 1 साल में ही उखड़ने लगे हैं. यह संग्रहालय भवन आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है. स्थानीय निवासी सतीश ने बताया कि इस भवन में आवारा जानवर घूमते रहते हैं. जब से यह भवन बना, तब से बंद पड़ा है. अब तो भवन की खिड़कियां और दरवाजे भी टूटने लगे हैं.

फर्रुखाबाद शहर के वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. रामकृष्ण राजपूत ने बताया कि उनको दुर्लभ और प्राचीन वस्तुओं को सहेजने का शौक है. करीब 50 साल पुराने इस शौक के चलते उनका घर अब संग्रहालय में बदल गया है. उनके संग्रहालय में न सिर्फ हजारों साल पुराने सिक्के हैं. बल्कि फारसी व अरबी की हस्तलिखित पांडुलिपि और विविध दुर्लभ मूर्तियां भी मिल जाएंगी.

इतिहासकार ने बताया की उन्हें बहुत खुशी हुई थी कि उनके प्रयास से राष्ट्रीय संग्रहालय बनकर तैयार हुआ. लेकिन, 2012 में बनकर तैयार इस भवन को चालू कराने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर डीएम को उन्होंने पत्र लिखा. इसके बाद भी आज तक इसे चालू नहीं कराया गया. उन्होंने सरकार को दुर्लभ और प्राचीन वस्तुओं की एक सूची बनाकर दी थी. साथ ही संग्रहालय के लिए बहुत कुछ दान किया. लेकिन किसी कारण बस उनकी सामग्री स्थानांतरित नहीं हो पाई.

इतिहासकार ने बताया पिछले दिनों फर्रुखाबाद संग्रहालय निदेशालय के पर्यटन निदेशक डायरेक्टर आए थे. इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर भी आई थी. इसके बाद उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय की अब उपयोगिता नहीं है. अब इस संग्रहालय का दोबार बनवाया जाएगा. इसके बाद उन्हें बहुत दुख हुआ कि उनकी सामाग्री जो कि निजी संरक्षण में है. अगर उन्होंने उस सामाग्री को सरकार को सौंप देते तो सरकार उसे अच्छी तरह से सुरक्षित रखती. सरकार अब पुरानी स्मृतियों को संजोने और पर्यटन को बढ़ावा देने पर खासा जोर दे रही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस संग्रहालय का जीर्णोद्धार सरकार कब कराएगी.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, 7 याचिकाओं पर एक साथ होगी सुनवाई

स्थानीय और वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. रामकृष्ण राजपूत ने बताया.

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के ग्राम हाथीपुर के पास 11 साल पहले एक राजकीय राष्ट्रीय संग्रहालय बनाया गया था. अलीशान भवन में बनाया गया संग्रहालय अव्यवस्था के चलते खंडहर में तब्दील हो रहा है. भवन स्मृतियों को संजोने के लिए तैयार किया गया था. लेकिन, सरकारी उदासीनता के कारण आज तक साकार नहीं हो सका है.

करोड़ों रुपये की लागत से बना फर्रुखाबाद का राजकीय संग्रहालय भवन 2012 में बनकर तैयार हुआ था. इसके बाद से शासन ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया. संग्रहालय भवन की खिड़की और दरवाजे 1 साल में ही उखड़ने लगे हैं. यह संग्रहालय भवन आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है. स्थानीय निवासी सतीश ने बताया कि इस भवन में आवारा जानवर घूमते रहते हैं. जब से यह भवन बना, तब से बंद पड़ा है. अब तो भवन की खिड़कियां और दरवाजे भी टूटने लगे हैं.

फर्रुखाबाद शहर के वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. रामकृष्ण राजपूत ने बताया कि उनको दुर्लभ और प्राचीन वस्तुओं को सहेजने का शौक है. करीब 50 साल पुराने इस शौक के चलते उनका घर अब संग्रहालय में बदल गया है. उनके संग्रहालय में न सिर्फ हजारों साल पुराने सिक्के हैं. बल्कि फारसी व अरबी की हस्तलिखित पांडुलिपि और विविध दुर्लभ मूर्तियां भी मिल जाएंगी.

इतिहासकार ने बताया की उन्हें बहुत खुशी हुई थी कि उनके प्रयास से राष्ट्रीय संग्रहालय बनकर तैयार हुआ. लेकिन, 2012 में बनकर तैयार इस भवन को चालू कराने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर डीएम को उन्होंने पत्र लिखा. इसके बाद भी आज तक इसे चालू नहीं कराया गया. उन्होंने सरकार को दुर्लभ और प्राचीन वस्तुओं की एक सूची बनाकर दी थी. साथ ही संग्रहालय के लिए बहुत कुछ दान किया. लेकिन किसी कारण बस उनकी सामग्री स्थानांतरित नहीं हो पाई.

इतिहासकार ने बताया पिछले दिनों फर्रुखाबाद संग्रहालय निदेशालय के पर्यटन निदेशक डायरेक्टर आए थे. इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर भी आई थी. इसके बाद उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय की अब उपयोगिता नहीं है. अब इस संग्रहालय का दोबार बनवाया जाएगा. इसके बाद उन्हें बहुत दुख हुआ कि उनकी सामाग्री जो कि निजी संरक्षण में है. अगर उन्होंने उस सामाग्री को सरकार को सौंप देते तो सरकार उसे अच्छी तरह से सुरक्षित रखती. सरकार अब पुरानी स्मृतियों को संजोने और पर्यटन को बढ़ावा देने पर खासा जोर दे रही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस संग्रहालय का जीर्णोद्धार सरकार कब कराएगी.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, 7 याचिकाओं पर एक साथ होगी सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.