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डूडा की लापरवाही से 352 गरीब परिवारों को अभी तक नहीं मिला आशियाना

फर्रुखाबाद में 352 गरीबों के आवास लापरवाही से लटके पड़े हैं. जिससे लोग कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत इन लोगों ने डूडा में आवास के लिए आवेदन किया था.

 352 गरीब परिवारों को अभी तक नहीं मिला आशियाना
352 गरीब परिवारों को अभी तक नहीं मिला आशियाना
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Published : May 14, 2021, 1:18 PM IST

फर्रुखाबादः जिले में डूडा की लापरवाही की वजह से अभी तक 352 गरीबों को छत नसीब नहीं हो पाया है. लोग कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत इन लोगों ने डूडा में आवास के लिए आवेदन दिया था. जांच के लिए लिस्ट कानूनगो को दी गई थी. लेकिन अभी तक जांच नहीं हो सकी है. विभागीय अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

जरूरतमंदों को नहीं मिला छत

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई लोगों ने आवेदन किया था. करीब डेढ़ साल पहले तीन हजार आवेदकों की जांच डूडा ने लेखपालों और कानूनगो को दी थी. जांच में देरी की वजह से आवेदक डूडा कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. अधिकारियों ने कानूनगो और लेखपालों से सूची मांगी थी. लेकिन अभी भी करीब 352 से ज्यादा आवेदकों की सूची कानूनगो और लेखपालों ने डूडा कार्यालय प्रबंधन को उपलब्ध नहीं कराया है.

वहीं परियोजना अधिकारी जय विजय सिंह ने बताया कि करीब तीन हजार आवेदकों की जांच होनी थी. कुछ लेखपाल और कानूनगो ने अभी तक जांच सूची नहीं दी है. अभी पंचायत चुनाव में सबकी ड्यूटी लगी थी. अब चुनाव निपट गए हैं. जिन लेखपालों और कानूनगो ने जांच सूची नहीं दी है, उन्हें रिमाइंडर भेजकर लिस्ट मांगी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- जब एक ही परिवार के 26 लोगों ने कोरोना को दी मात, जानें कैसे

फर्रुखाबादः जिले में डूडा की लापरवाही की वजह से अभी तक 352 गरीबों को छत नसीब नहीं हो पाया है. लोग कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत इन लोगों ने डूडा में आवास के लिए आवेदन दिया था. जांच के लिए लिस्ट कानूनगो को दी गई थी. लेकिन अभी तक जांच नहीं हो सकी है. विभागीय अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

जरूरतमंदों को नहीं मिला छत

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई लोगों ने आवेदन किया था. करीब डेढ़ साल पहले तीन हजार आवेदकों की जांच डूडा ने लेखपालों और कानूनगो को दी थी. जांच में देरी की वजह से आवेदक डूडा कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. अधिकारियों ने कानूनगो और लेखपालों से सूची मांगी थी. लेकिन अभी भी करीब 352 से ज्यादा आवेदकों की सूची कानूनगो और लेखपालों ने डूडा कार्यालय प्रबंधन को उपलब्ध नहीं कराया है.

वहीं परियोजना अधिकारी जय विजय सिंह ने बताया कि करीब तीन हजार आवेदकों की जांच होनी थी. कुछ लेखपाल और कानूनगो ने अभी तक जांच सूची नहीं दी है. अभी पंचायत चुनाव में सबकी ड्यूटी लगी थी. अब चुनाव निपट गए हैं. जिन लेखपालों और कानूनगो ने जांच सूची नहीं दी है, उन्हें रिमाइंडर भेजकर लिस्ट मांगी जाएगी.

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