फर्रुखाबाद: एक तरफ देशभर में तीन कृषि कानूनों के वापसी के एलान से खुशी की लहर है तो वहीं, दूसरी ओर फर्रुखाबाद से भाजपा के सांसद मुकेश राजपूत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के तीन कृषि कानूनों की वापसी के निर्णय पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जो कृषि कानून वापस लिए गए हैं उसे वापस नहीं लेना चाहिए था. वह कृषि कानून किसानों के पैरों की बेड़ियां खोलने का काम कर रहे थे. इन्हें वापस लेकर किसानों के पैरों में फिर से बेड़ियां डाल दी गई हैं.
दरअसल, शुक्रवार को कायमगंज चीनी मिल में गन्ना पिराई सत्र के उद्घाटन के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि जो कृषि कानून वापस लिए गए हैं, उसे वापस नहीं लेना चाहिए था. वह कृषि कानून किसानों के पैरों की बेड़ियां खोलने का काम कर रहे थे.
इन्हें वापस लेकर किसानों के पैरों में फिर से बेड़ियां डाल दी गई हैं. उन्होंने आगे कहा कि मेरा प्रधानमंत्री से जी से अनुरोध है कि इन कृषि कानूनों का सरलीकरण करके किसानों के पैरों की बेड़ियों को पुनः खोला जाए. इन कानूनों के वापस होने से मैं असहमति हूं.
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साथ ही उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत पर निशाना साधते हुए कहा कि टिकैट उद्योगपतियों के संग हैं या किसानों के साथ, यह समझ में ही नहीं आ रहा. भाजपा सांसद ने कहा कि लगभग दो वर्षों से यह बिल पास हुआ था. इस बिल से किसी भी किसान को कोई नुकसान नहीं हुआ.
बावजूद इसके केवल सियासी लाभ के लिए सरकार पर दबाव बना इस कानून को हटवाया गया है. खैर, मैं टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ एक छोटे से संगठन में कार्य कर चुका हूं. वे भी आंदोलन करते थे. लेकिन उनके आंदोलन में हित की भावना होती थी.
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