फर्रुखाबाद/फिरोजाबाद : यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव का महासंग्राम जारी है. प्रदेश में पहले चरण की 58 विधानसभा सीटों पर चुनाव 10 फरवरी को संपन्न हो चुका है. वहीं दूसरे चरण का चुनाव 14 फरवरी को होना है. इस चुनावी समर के बीच सभी राजनीतिक दलों ने अगले चरण का प्रचार करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
इस चुनावी दौर में राजनीतिक दलों के प्रचार के साथ-साथ बयानवाजी का सिलसिला भी जारी है. इसी क्रम में रविवार को AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी फर्रुखाबाद में एक चुनावी जनसभा करने पहुंचे. जनसभा में संबोधन के दौरान उन्होंने बीजेपी और सपा पर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा कि अब हिस्सेदारी और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी जा रही है. उन्होंने कहा कि सपा लोगों को लड़ाकर और डराकर वोट ले रही थी.
इस लड़ाई को हम सभी को मतदान से जीतना होगा. उन्होंने कहा कि फर्रुखाबाद जिले की 4 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं, लेकिन डबल इंजन की सकरार ने जिले में कोई विकास कार्य नहीं कराया है. बीजेपी विकास के नाम पर फेल रही है. बीजेपी की सरकार में फर्रुखाबाद से सौतेला व्यवहार किया है. अब जनता के सामने भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के रूप में एक विकल्प आ गया है. योगी और अखिलेश एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
गौरतलब है कि एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी रविवार को फर्रुखाबाद जिले में भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के प्रचार के लिए आए थे. कार्यक्रम के दौरान भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के लिए AIMIM, पीस पार्टी, वामसेफ, राष्ट्रीय वंचित समाज पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
ओवैसी बोले- बिना डरे बुर्का पहनकर वोट करने जाएं महिलाएं
AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को फिरोजाबाद जिले में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. संबोधन के दौरान उन्होंने बिपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चाहे सपा हो, बसपा हो या फिर बीजेपी, यह सभी दल समाज को बांटने और नफरत फैलाने का काम करते हैं. लेकिन AIMIM समाज को जोड़ने का काम करती है.
हिजाब विवाद पर ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं डरें नहीं, बल्कि 20 फरवरी को बुर्का पहनकर वोट डालने जाएं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की पार्टी तीन-तीन मर्तबा चुनाव हार चुकी है. उनकी पार्टी साल 2014, 2017 और 2019 में चुनाव हार चुकी है. ऐसे में सपा को वोट देने का मतलब बीजेपी को जिताना है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सभी दल राजनीति में नफरत फैलाते हैं, लेकिन उनकी पार्टी किसी समाज या मजहब के खिलाफ नहीं है. बल्कि नफरत फैलाने वालों के खिलाफ है.
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